'सरकार को नहीं श्रद्धालुओं की चिंता'
प्रयाग पहुंचे शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने गंगा के प्रदूषित होने पर जताई नाराजगी
ALLAHABAD: गंगा की दशा में कोई सुधार नहीं हो रहा है। यहां नालों का पानी गंगा में मिल रहा है। संगम क्षेत्र में लाखों लोग प्रदूषित पानी में डुबकी लगाने के लिए मजबूर हो गए हैं। सरकार सिर्फ बातें करना जानती है। अगर सही दिशा में योजना बनाकर कार्य किया गया होता तो मोक्षदायिनी के स्वरूप का नजारा बदला हुआ दिखाई देता। इस पर समय से ध्यान दिया जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। गंगा की दशा व दिशा पर बस बड़ी-बड़ी बातें ही की जा रही हैं। यह बातें द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने शनिवार को इलाहाबाद पहुंचने पर मनकामेश्वर मंदिर में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। विहिप की आंखों से धर्म दिखा रहेमेला क्षेत्र में ज्योतिष पीठ के नाम से शिविर नहीं लगाए जाने के सवाल पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है कि सरकार विश्व हिन्दू परिषद के नजरिए का सनातन धर्म सभी को दिखाना चाहती है। जो सच्चे सनातन धर्म की बात करता है उसकी आवाज को दबाया जा रहा है। हम सरकार के साथ नहीं है इसलिए परेशान किया जा रहा है। विहिप पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि विहिप का मानना है कि जो हिन्दुस्तान में पैदा हुआ वह हिन्दू कहलाए लेकिन हम चाहते हैं कि जो सनातन धर्म को मानता है वो हिन्दू कहलाए।
मंदिर से ही जाएंगे स्नान करने मेला क्षेत्र में भले ही ज्योतिष पीठ का शिविर नहीं लगाया गया है लेकिन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती मकर संक्रांति पर संगम स्नान करेंगे। उन्होंने बताया कि मनकामेश्वर मंदिर से संगम नोज जाकर संक्रांति का स्नान किया जाएगा।