शब्बीर के कांधे पर शब्बर का जनाजा है!
प्रयागराज (ब्यूरो)। माहे सफर की 28 को पैगम्बर ए इस्लाम हजरत मोहम्मदे मुस्तफा व दूसरे इमाम हजरत हसन ए मुज्तबा की शहादत पर मुस्लिम इलाकों में सोग तारी रहा। जगह जगह मजलिस मातम व जुलूस निकाला गया। करैली पुरानी पानी की टंकी के पास इब्ने हसन जाफर हसन की ओर से शबे शहादत पर मजलिस का आयोजन किया गया। जवादुल हैदर रिजवी किब्ला ने पैगम्बर इस्लाम व इमाम हसन की शहादत पर गमगीन मसायब पढ़ें तो पासबां हैदर ने पुरदर्द नौहा पढ़ा।
अन्जुमन ग़ुन्चा ए कासिमया बख्शी बाजार के नौहाख्वानो ने मरहूम हसन अस्करी का लिखा कदीमी नौहा शब्बीर के कांधे पर शब्बर का जनाजा है। एक भाई ने भाई का ताबूत उठाया हैपढ़ा तो मातमदारों ने जमकर मातम किया और हाय रसूले ख़ुदा हाए इमामे हसन की सदाएं बुलन्द की। रौशन बाग में मतलूब हुसैन के अजाखाने पर हुई मजलिस में मौलाना जवादुल हैदर रिजवी ने मजलिस को खिताब किया। मोमबत्ती की रौशनी में हरी चादर और गुलाब के फूलों से सजा ताबूत निकाला गया तो अन्जुमन ग़ुन्चा ए कासिमया बख्शी बाजार ने नौहों और मातम की सदा बुलन्द की। डॉ रिजवान हैदर रिजवी, आफताब रिजवी, वकार रिजवी, सैय्यद मोहम्मद अस्करी, काविश रिजवी, अली सज्जाद रिजवी समेत अन्य लोग मौजूद रहे। मिर्जा गालिब रोड स्थित अजाखाना स्व। सैय्यद मुस्तफा हुसैन में शहादत की मजलिस में कारी आलीन जैदी ने तिलावते कलाम पाक से मजलिस का आगाज किया। असद अली ने सोजख्वानी तो जीशान ने पेशख्वानी से पुरसा पेश किया। सैय्यद जमीर हैदर रिजवी ने मजलिस को खिताब किया। बाद मजलिस शबीहे ताबूत इमाम ए हसन निकाला गया। नासिर जैदी, खुशनूद रिजवी, आसिफ रिजवी, शादाब जमन, रिफाकत रिजवी, अली रजा रिजवी आदि शामिल रहे। रानीमंडी से अन्जुमन मजलूमिया के फाउण्डर स्व छब्बन साहब द्वारा कायम कदीमी जुलूस हकीम के अजाखाने से निकाला गया जो रानीमंडी चकय्यानीम, बच्चा जी धर्मशाला, डॉ काटजू रोड, कोतवाली, लोकनाथ, बहादुरगंज चौराहा से मुड़कर इलाहाबाद डिग्री कालेज के पास स्थित इमामबाड़ा पर सम्पन्न हुआ। जुलूस में अन्जुमन मजलूमिया के नौहाख्वानो अरशद, इरशाद हुसैन मुन्ने भय्या, जिया हैदर शेरु आदि ने नौहा पढ़ा।