इंस्पेक्टर समेत कई पर केस दर्ज, प्रोफेसर भी नामजद
प्रयागराज (ब्यूरो)। कर्नलगंज थाने में सीएमपी डिग्री कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर मदन यादव के खिलाफ प्रतियोगी छात्रा ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। पीडि़ता का आरोप है कि अभियुक्त मदन यादव अपने पद, प्रभाव व साजिश के तहत उसे और उसके गवाहों, परिवारीजनों पर विभिन्न थानों में फर्जी मुकदमा दर्ज करवाकर सुलह करवाने का प्रेशर बना रहा था। इसी के तहत पहले फूलपुर फिर हंडिया थाने में एफआइआर दर्ज कराई गई। यह भी आरोप है कि मदन यादव इंस्पेक्टर हंडिया बृजेश यादव के सहयोग से उसके गवाह को कचहरी के बाहर से उठवा ले गया। साथ ही स्कूटी थाने में दाखिल कर उस पर ट्रक की नंबर प्लेट लगा दी गई थी। पीडि़ता ने दूसरी घटनाओं का भी उल्लेख एफआइआर में किया है। फिलहाल सभी के खिलाफ एससी एसटी, कूटरचना, धोखाधड़ी, साजिश रचने समेत 14 धाराओं में मुकदमा कायम किया गया है।
इंस्पेक्टर और असिस्टेंट प्रोफेसर एक ही गांव के
उच्चाधिकारियों के निर्देशन पर इस पूरे मामले में बिठाई गई जांच में पीडि़ता ने खुलासा किया है कि असिस्टेंट प्रोफेसर मदन यादव व इंस्पेक्टर बृजेश ङ्क्षसह यादव एक ही गांव रहने वाले हैं। दोनों पटीदार भी है। सूत्रों की माने तो दोनों गाजीपुर जिले के करीमुद्दीनपुर के रहने वाले है। इसी सब के चलते पीडि़ता के गवाह को फर्जी ढंग से जेल भेजने के साथ जिले के कई थानों में अलग-अलग ढंग से फंसाने हेतु मुकदमा दर्ज कराया गया। ताकि दबाव बनने पर समझौता हो सके।
इस मामले में अब तक तीन इंस्पेक्टर, दो दरोगा समेत आठ पुलिसकर्मी सस्पेंड हो चुके हैं। पुलिस के इस कारनामे का धीरे-धीरे हो रहे खुलासे के चलते विभाग भी बदनाम हो रहा है। विभाग के ही पुलिसकर्मियों की माने तो नारकोटिक्स टीम को पूरी तरह से नहीं ब्रेक किया जाता तो एक नया प्रकरण और सामने आ सकता है। इंस्पेक्टर, दरोगा, असिस्टेंट प्रोफेसर समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच चल रही है। मुकदमा पीडि़ता की तहरीर पर लिखी गई है।
- महेश सिंह, जार्जटाउन थाना प्रभारी