स्कूलों में सत्रह घंटे का चैलेंज
प्रयागराज (ब्यूरो)।
68 स्कूलों में पीएम प्रोग्राम के लिए आने वाली लाभार्थी रुकेंगी
1143 कमरे चिन्हित स्कूलों के हैं जिसमें रहेंगी लाभार्थी
32632 महिला लाभार्थियों की संख्या स्कूलों को है आवंटित
28376 महिला लाभार्थियों का आना कंफर्म मान रहे अफसर
457 शौचालय चयनित स्कूलों में पहले से हैं मौजूद
1556 अतिरिक्त शौचायल की चिह्नित स्कूलों में हैं डिमांड
32632 रजाई व गद्दे की लाभार्थियों के लिए किए गए इंतजाम
402 स्नान घर विभिन्न स्कूलों में बनाने के हैं सख्त निर्देश
93 पानी टैंकर की जरूरत है चिन्हित किए गए स्कूलों में
आज आ जाएंगी हजारों लाभार्थी
शहर के परेड ग्राउंड में 21 दिसंबर को प्रधानमंत्री का प्रोग्राम है। उनके कार्यक्रम को लेकर तैयारियां आधे से ज्यादा कंप्लीट हो चुकी हैं। इस प्रोग्राम में प्रदेश भर से विभिन्न योजनाओं व समूहों से जुड़ी करीब ढाई लाख महिला लाभार्थियों को शामिल होना है। इनमें से लगभग 32 हजार 632 लाभार्थी एक दिन पहले सोमवार शाम तक यहां आ जाएंगी। इनको रुकने के 68 स्कूलों में जिला प्रशासन द्वारा संपूर्ण व्यवस्था का दावा किया जा रहा है। चिन्हित किए गए इनमें से दो स्कूलों भारत स्काउट गाइड और एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज में व्यवस्था की पड़ताल की गई। पता चला कि यहां उन्नाव से आने वाली 400 लाभार्थियों को भारत स्काउट गाइड स्कूल में रोका जाएगा। मगर, व्यवस्था 575 के अनुपात में की जा रही है। इन्हें रुकने के लिए विद्यालय के 16 कमरे हॉयर किए गए हैं। कमरों की पुताई और सफाई हो चुकी है। इस विद्यालय के दो शौचालय हैं पर कंडीशन खराब हैं। यहां 20 से 21 अस्थाई शौचालय बनाए जा रहे हैं। इन शौचालयों का निर्माण रविवार शाम तक कप्लीट नहीं हो सका था। यहां रुकने वाली लाभार्थियों के लिए अस्थाई स्नान घर तक नहीं है। पानी के लिए टैंकर लगाए जाएंगे। मगर इतनी बड़ी संख्या में रुकने वाली महिलाओं को टैंकर से पानी उपलब्ध करा पाना संभव नहीं है। जिस जगह अस्थाई शौचालय बनाए जा रहे वहां लाइट की भी व्यवस्था नहीं है।
बढ़ सकती हैं मुश्किलें
शहर के एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज में 200 महिलाओं को रुकना है। रेकार्ड कहते हैं कि यहां 230 लाभार्थियों के रुकने का इंतजाम होगा। देखा गया कि विद्यालय के पास चार शौचालय हैं, जिसमें से एक खराब है। यहां 18 अस्थाई शौचालय का निर्माण होना है, मगर रविवार शाम तक निर्माण शुरू नहीं हो सका था। यहां भी स्नान घर का कुछ पता नहीं रहा। चिन्हित इन दो विद्यालय की अव्यवस्था सिर्फ उदाहरण मात्र हैं। अव्यवस्थाएं उन तमाम स्कूलों में हैं जहां इन महिला लाभार्थियों को रोका जाना है। माना जा रहा कि सोमवार को 32 हजार से अधिक लाभार्थी शाम चार बजे तक यहां चिन्हित स्कूलों में पहुंच जाएंगी। सुबह सात बजे तक तैयार होंगी तभी समय से वे पीएम के प्रोग्राम में शामिल हो पाएंगी। ऐसे में अव्यवस्था को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि इन लाभार्थियों के सामने 17 घंटे का वक्त काफी चैलेंज भरा रहेगा।
चिन्हित किसी भी विद्यालय में 200 से कम लाभार्थी नहीं रुकेंगे। सभी को सुबह एक साथ समय पर प्रोग्राम में शामिल होना होगा
मतलब यह कि प्रोग्राम के लिए तैयार होने की जल्दबाजी स्कूल में रोकी गई हर महिला लाभार्थी को होगी
यदि अस्थाई शौचालय बन भी गए तो इतनी बड़ी संख्या में बारी-बारी सभी को फ्रेश होने में ही कई घंटे लग जाएंगे
शौचालय किसी तरह एडजस्ट कर भी लीं तो पानी की अव्यवस्था का सामना करना करीब तय है
बच्चों का नहीं दिया जा रहा ध्यान
प्रधानमंत्री के प्रोग्राम में आने वाली महिला लाभार्थियों को रोकने व खाने का इंतजाम प्रशासन किसी तरह कर लिया। मगर, दबी जुबान लोगों एक बड़ा सवाल उठा रहे हैं। कहना है कि हजारों की संख्या में आने वाली तमाम लाभार्थियों के साथ उनके छोटे बच्चे भी होंगे। प्रशासन इस ठंड में उनके इन बच्चों के रहने व खाने के इंतजाम पर गौर नहीं कर रहा। अनजान शहर में उन लाभार्थियों के सामने बच्चों के लिए दूध लाने और गर्म करने की भी बड़ी समस्या होगा।