कैश, दस मिनट और लूट
-कैश लेकर निकलने के दस मिनट के भीतर हो रहीं लूट
-सात दिन में चार लूट, खुलासा एक का भी नहीं ALLAHABAD: सात दिन के भीतर डिस्ट्रिक्ट में लूट की चार घटनाएं हुई, लेकिन सभी में क्0 का कनेक्शन सामने आ रहा है। क्0 यानी क्0 मिनट। जगहें अलग-अलग थीं, लेकिन कैश लेकर निकले लोगों को क्0 मिनट के भीतर ही बीच राह लूट लिया गया। पुलिस अब तक लूट के हर मामले में सामने आए क्0 मिनट के इस कनेक्शन को सुलझा नहीं पाई है। केस-क् तारीख ख्ब् जुलाईराजरूपपुर के रहने वाले दवा कारोबारी अजय कुमार दुबे के पिता दयाशंकर दुबे दिन में क्0 बजे पैदल ही राजरूपपुर की पीएनबी ब्रांच में रुपए जमा कराने के लिए गए। वह चंद कदम दूर पहुंचे ही होंगे कि पहले से खड़े दो बदमाशों ने उनको धक्का देकर गिरा दिया और बैग छीनने की कोशिश करने लगे। उस वक्त टाइम हुआ था क्0 बजकर क्0 मिनट। उन्होंने बचने की कोशिश की तो एक ने सिर पर तमंचे के बट से वार कर दिया। सिर पर चोट लगने से वे गिर पड़े तो बदमाश बैग लेकर चंपत हो गए। बैग में एक लाख ख्ख् हजार ब्0ख् रुपए कैश और एक चेक था।
केस-ख् तारीख ख्7 जुलाईझूंसी के छतनाग रोड पर रात क्क् बजे चाऊमीन सप्लायर आशीष कुमार को बाइक सवार बदमाशों ने लूट लिया। बदमाशों ने तमंचा दिखाकर उनका रुपए से भरा बैग छीन लिया। बैग में भ्0 हजार रुपए थे। नैनी के रहने वाले आशीष झूंसी एरिया के कस्टमर से क्0 मिनट पहले ही रुपए कलेक्ट कर अपने घर की ओर निकले थे। हालांकि सेम डे उन्होंने झूंसी पुलिस स्टेशन में कंप्लेन नहीं की। पुलिस को उन्होंने मौखिक सूचना दी थी।
केस-फ् तारीख ख्8 जुलाई औद्योगिक पुलिस स्टेशन एरिया के तेंदुआवन इलाके में एसकेएस माइक्रो फाइनेंस कंपनी के एजेंट धर्मेद्र कुमार को बाइक सवार बदमाशों ने लूट लिया। दो बाइक से आए बदमाशों ने तमंचा सटाकर उनसे ख्ब् हजार रुपए छीन लिए। फैजाबाद के धर्मेद्र नैनी स्थित कंपनी के ऑफिस से क्0 मिनट पहले ही रुपए लेकर निकले थे। इस मामले की एफआईआर दर्ज कर ली गई, लेकिन लुटेरों का कुछ पता नहीं चला है। पुलिस मामले को संदिग्ध बता रही है। केस-ब् तारीख ख्8 जुलाईसुलेमसराय के रहने वाले बीएसएनएल कर्मचारी सम्रित लाल से दोपहर एक बजे पानी टंकी रेल ओवर ब्रिज के नीचे दो बाइक सवार बदमाशों ने भ्0 हजार रुपए छीन लिए। सम्रित लाल सिविल लाइंस की पीएनबी शाखा से क्0 मिनट पहले ही भ्0 हजार रुपए निकालकर साइकिल से लूकरगंज स्थित बीएसएनएल एक्सचेंज जा रहे थे। वह ट्रेन के आ जाने के कारण पटरी के पास ही खड़े थे तभी लूट हुई। पुलिस लुटेरों को पकड़ने की जगह एरिया को लेकर उलझी रही। आखिरकार मामला कैंट थाने में दर्ज हुआ लेकिन रिजल्ट जीरो रहा।
पहले से पीछे लगे थे लुटेरे चारों घटनाओं में एक बात कॉमन है कि रुपए मिलने के कुछ ही देर बाद सुनसान सड़क पर लूट की वारदात हुई। पुलिस आफिसर्स का कहना है कि पूरी संभावना है कि लुटेरे पहले से ही पीछे लगे थे। घटनाओं को ऐसी जगहों पर अंजाम दिया गया जहां दिन में भी आवाजाही कम होती है। किसी करीबी के भी लूट में शामिल होने से इनकार नहीं किया जा सकता। पुलिस का कहना है कि हो सकता है इन्फार्मेशन किसी नजदीकी ने लीक की हो। ख्ख् से ख्भ् साल थी उम्रचारों घटनाओं को जिन बदमाशों ने अंजाम दिया, वे सभी नई उम्र के थे। भुक्तभोगियों ने बदमाशों की उम्र ख्ख् से ख्भ् साल के बीच बताई है। चारों घटनाओं में खास बात यह रही बदमाशों ने मुंह नहीं ढका था। बिना नकाब के लूट पुलिस के लिए बड़ा चैलेंज है। मैसेज है कि हम तो खुलेआम करेंगे लूट, हिम्मत हो तो पकड़ लो।