सेशन लेट, कोर्स पिछड़ा
- छह माह से अधिक लेट हो गया एमबीबीएस सेशन
- पीजी इंट्रेंस एग्जाम की तैयारियों का नहीं मिलेगा मौका - तैयारी को लेकर परेशान हुए मेडिकल स्टूडेंट प्रयागराज- कोरोना काल के चलते एमएलएन मेडिकल कॉलेज का एमबीबीएस कोर्स का सेशन छह माह से अधिक लेट हो गया है। हालात यह हैं कि जो एग्जाम अब तक हो जाने चाहिए थे, वह होल्ड हो गए हैं। एमबीबीएस फर्स्ट इयर की स्टार्टिग भी लेट हो गई है। इंटरर्नशिप लेट हो जाने से स्टूडेंट्स को पीजी इंट्रेंस की तैयारी का मौका भी नहीं मिलेगा। ऐसी कई प्राब्लम्स हैं जिनको लेकर मेडिकल स्टूडेंट्स की रातों की नींद उड़ी हुई है। फरवरी में शुरू हुआ पहला बैचसेशन लेट होने का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिन छात्रों का एमबीबीएस में दाखिले के बाद सितंबर में क्लासेज स्टार्ट हो जानी चाहिए थी, उनका सेशन एक फरवरी से शुरू हुआ है। अभी तक वह घर पर बैठकर बुलावे का इंतजार कर रहे थे। जबकि एमबीबीएस फर्स्ट इयर का एग्जाम पिछले साल जुलाई में होना था वह अब फरवरी में हो रहा है।
कैसे होगा पीजी में दाखिलाइंटर्नशिप अब तक खत्म हो जानी चाहिए थी। एमबीबीएस के फाइनल इयर के बाद एक साल की इंटर्नशिप होती है और फिर कोर्स कम्प्लीट हो जाता है। इसके बाद मेडिकल स्टूडेंट पीजी इंट्रेंस की तैयारियों में लग जाते हैं। इस बार समस्या खड़ी हो गई है। इंटर्नशिप को तीन माह तक बढ़ा दिया गया है। वहीं पीजी इंट्रेंस अब फरवरी की जगह अप्रैल में आयोजित होगा। ऐसे में दोनों एग्जाम के टकराने के आसार हैं। जिसकी वजह से मेडिकल स्टूडेंट्स को इंट्रेंस की तैयारियों का मौका नहीं मिलेगा। इसको लेकर भी वह अधिक चिंतित हैं।
सेशन लेट होना क्यों बना सिरदर्द - इंटर्नशिप और नीट पीजी एग्जाम कम्प्लीट हो जाते तो स्टूडेंट्स का समय बच सकता था। - एमबीबीएस में पूरे छह बैच मिलाकर एक हजार स्टूडेंट मौजूद हैं जिनका एमबीबीएस 5.5 की जगह 6 साल मे कम्प्लीट होगा। - अगर सेशन पूरा हो जाता तो सीएचसी-पीएचसी पर अब तक डॉक्टर्स की तैनाती हो जाती। - पीजी इंट्रेंस को सरकार को एक माह खिसकाने से मेडिकल स्टूडेंट्स का सिरदर्द कम हो जाएगा। कोरोना की वजह से हमारी पढ़ाई काफी लेट हो गई है। यह समय लाइफ में लौटकर नहीं आएगा। अभी तक सेशन कम्प्लीट नहीं हो सका है। डॉ। शिवा यादव, एमबीबीएस फाइनल ईयरजिनकी इंटर्नशिप कम्प्लीट नहीं हुई है वह भी परेशान हैं। कम से कम उनकी अब तक सीएचसी-पीएचसी में पोस्टिंग हो सकती थी।
डॉ। प्रवीण यादव, एमबीबीएस फाइनल इयर जूनियर्स का बैच फरवरी में स्टार्ट हुआ है जबकि इसे सितंबर में चालू हो जाना चाहिए था। इससे उनका मनोबल भी कमजोर हुआ है। डॉ। अमन मिश्रा, एमबीबीएस फाइनल इयर इंटरर्नशिप लेट हो गई है। हमारा फाइनल इयर भी एक्सटेंड हो गया है। मेडिकल स्टूडेंट्स को काम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारियों का मौका नहीं मिल पा रहा है। डॉ। अंकित मौर्या, एमबीबीएस फाइनल इयर