आटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक पर टेस्ट देने के दौरान बरतनी होगी सावधानीजरा सी गलती से बजेगा सेंसर अलग अलग मोड पर देना होगा टेस्ट

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। नैनी में बन रहे आटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक पर टेस्ट पास करना आसान नही होगा। अगर जरा भी गलती की तो ट्रैक पर लगे सेंसर बज उठेंगे और आपकी ड्राइविंग स्किल पर सवालिया निशान लग जाएगा। जानकारी के मुताबिक नैनी स्थित आईटीआई परिसर में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनकर तैयार है और इसमें सेंसर लगने का जल्द शुरू होने जा रहा है। ट्रैक चालू होने के बाद हैवी वेहिकल ड्राइविंग स्कूलों को भी बंद करना पड़ेेगा।

किस तरह से देना होगा टेस्ट
बता दें कि ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर अलग अलग मोड में टेस्ट देना होगा।
इसमें आठ अंक के आकार में बने ड्राइविंग ट्रैक पर ड्राइवर को अपना ट्रायल देना होगा।
पहले उसे सीधे चलाना होगा और फिर रिवर्स में लाना होगा।
इसी तरह से पार्किंग स्किल को प्रूव करने के लिए वाहन को एक बार स्ट्रेट और दूसरी बार तिरछा पार्क करना होगा।
अन्य टेस्ट में ड्राइवर को पांच फिट की चढ़ाई चढऩी होगी।
इस दौरान वाहन बैक हुआ या गलत दिशा में नही जाना चाहिए।
सभी प्रकार के टेस्ट में कोई भी गलती होने पर सेंसर खुद ब खुद बज उठेगा और ड्राइवर की गलती सामने आ जाएगी।

आटोमोबाइल कंपनी को जिम्मेदारी
आटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का जल्द शुरू होना लगभग तय है। क्यों कि अभी तक इसका आपरेटिंग रूम बन चुका है और एक फोर व्हीलर आटोमोबाइल कंपनी को इसकी संचालन की जिम्मेदारी भी दे दी गई है। इस ट्रैक को आधुनिक तरीके से तैयार किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि वही यहां टेस्ट पास कर पाएगा जो वाकई रू्राइविंग स्किल के साथ आएगा।

लागू किए गए थे नए नियम
स्टैंड ऑपरेटिंग प्रोसीजर नीति के आधार पर हैवी व्हीकल और लाइट व्हीकल ड्राइविंग स्कूल संचालित करने के लिए इसी साल अप्रैल में कुछ नियम लागू हुए थे।
जो ड्राइविंग स्कूल इन नियमों पर खरे नही उतरे वह अक्टूबर माह में स्वयं बंद हो गए।
वर्तमान में चार हैवी वेहिकल ट्रेनिंग स्कूल और इनका अनुबंध पांच साल के लिए है।
नियम कहते हैं कि आटोमेटिक ट्रैक चालू होने के छह माह बाद हैवी वेहिकल ट्रेनिंग सकूल अपने आप बंद हो जाएंगे।
अधिकारियों की माने तो नेक्स्ट ईयर मार्च से पहले यह ट्रैक संचालन में आ जाएगा।
इसके बाद ड्राइविंग टेस्ट वही पर लिए जाएंगे और उसे पास करना अनिवार्य होगा।

वह दिन दूर नही है जब ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक वर्किंग में आ जाएगा। यह बनकर तैयार है और सेंसर लगने का काम बाकी है। जिनके जरिए टेस्ट की प्रक्रिया को पूरा कराया जा सकेगा।
प्रतीक मिश्रा, आरआई, प्रयागराज

Posted By: Inextlive