वूमेंस डे वीक पर एएमए के तीन दिवसीय कार्यक्रम का हुआ आगाजडॉक्टरों को मानवीय मूल्यों पर ध्यान देना चाहिए. क्योंकि मानवीय संवेदनाए और सेवा का भाव उन्हे महान बनाता है. फिर चाहे तकनीकी संसाधनों या चिकित्सा जगत में इलाज की नित नई सुविधाएं कितनी भी आ जाएं. पदमश्री प्रो. राज बावेजा ने यह बात कही. वह इंटरनेशनल वूमेंस डे वीक के अवसर पर इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के प्रेक्षागृह में रविवार को आयोजित वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगोष्ठी में बोल रही थीं. उन्होंने कहा कि सफलता तभी मिलेगी जब आप अपने कर्तव्य और जिम्मेदारी को जरूरतमंदों की स्थिति के अनुसार निभाएंगे.


प्रयागराज (ब्यूरो)। कम उम्र में विवाह से सकता है कैंसरकमला नेहरू मेमोरियल अस्पताल की वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ डा। राधारानी घोष ने महिलाओं में कैंसर की समस्या पर विचार व्यक्त किए। कहा कि कम उम्र में बालिकाओं का विवाह होने पर सरवाइकल कैंसर की संभावना अधिक होती है। अधेड़ उम्र में प्रजनन के बाद स्तन कैंसर की संभावना अधिक होती है। एमएलएन मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर अनुभा श्रीवास्तव ने एनीमिया के संबंध में बताया। उन्होंने कहा कि इससे महिलाओं में अत्यधिक कमजोरी, थकान सांस भी फूलने लगती है। उन्होंने समय-समय पर आयरन की गोलियां तथा पौष्टिक आहार लेने का सुझाव दिया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पुरातत्व विभाग की प्रोफेसर अनामिका राय, एसजीपीजीआइ की बाल रोग विभाग की प्रोफेसर डाक्टर पियाली भट्टाचार्या ने भी विचार व्यक्त किए। एएमए के म्यूजिकल ग्रुप स्पंदन ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इस दौरान डा। अनुभा श्रीवास्तव की पत्रिका का प्रोफेसर बावेजा ने विमोचन किया।


अपने अनुभवों को किया साझा

इसके पहले विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर डा। कृष्णा मुखर्जी ने स्वास्थ्य सेवाओं में महिला चिकित्सकों से अपने अनुभव साझा किए। एएमए अध्यक्ष डा। सुजीत कुमार ङ्क्षसह, यूपी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डा। आरकेएस चौहान, सचिव डा। आशुतोष गुप्ता, महिला ङ्क्षवग की चेयरमैन डा। अमिता त्रिपाठी और सचिव डा। पारूल माथुर ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। एएमए महिला ङ्क्षवग की डाक्टरों की बेटियों के द्वारा बनाए गए चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई।

Posted By: Inextlive