डिलीट करने के बावजूद डाटा व पिक्चर आदि रिकवर करके मिसयूज कर रहे हैं खरीदार शातिरशिकायतों की जांच में जुटे परेशान एक्सपर्ट अब कर रहे लोगों को बचाव के लिए जागरूक इस दौर में एंड्रायड मोबाइल हर व्यक्ति की जरूरत और पसंद भी है. फिर वह सस्ता हो या महंगा मायने यह नहीं रखता. भागदौड़ की जिंदगी में यह मोबाइल जितना उपयोगी है उतना ही खतरनाक भी. यदि इस मोबाइल को यूज करने का सही तरीका नहीं मालूम तो आप बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं. पुराने व टूटे हुए मोबाइल को बेचते या चेंज करते वक्त पूरी सावधानी बरतें. क्योंकि आप के पुराने मोबाइल को लेने वाला शख्स डिलीट होने के बाद भी सारा डाटा व पिक्चर रिकवर करके गलत उपयोग कर सकता है. ऐसे ही कुछ मामलों की जांच साइबर सेल व थाने के एक्सपर्ट कर रहे हैं.


प्रयागराज (ब्यूरो)। पिछले महीने एसपी क्राइम के से मिलकर दर्जन लोगों द्वारा साइबर क्राइम से सम्बंधित शिकायतें की गई थीं। इनमें तीन केस और शिकायतें चौंकाने वाली हैं। फरियादियों ने उन्हें बताया था कि वह अपने पुराने मोबाइल को ऑनलाइन बेच दिए थे। खरीदने वाले लोगों से मिले रुपयों में कुछ और मिलाकर नया मोबाइल खरीदे थे। मोबाइल बेचते वक्त वह उसमें मौजूद सारी पिक्चर आदि डिलीट कर दिए थे। बेचने के करीब साल और छह महीने बाद उस मोबाइल से खीची गई कुछ तस्वीरें व बनाई गई फेमिली वीडियो वायरल हो गई। जिन लोगों ने उस मोबाइल को खरीदा उनके बारे में शिकायत कर्ताओं ने बताया कि वह कुछ नहीं जानते। शिकायत की जांच में एसपी क्राइम द्वारा साइबर सेल व साइबर थाने के एक्सपर्ट को सौंपी गई। शातिरों तक पहुंचने में जुटे एक्सपर्ट के भी दांत खट्टे हो गए हैं। क्योंकि फरियादियों को सिर्फ उस मोबाइल की कंपनी के सिवाय कुछ नहीं याद। एक्सपर्ट कहते हैं कि आईएमआई नंबर तक पता नहीं होने से खरीदारों को ट्रेस कर पाना मुश्किल हो गया है। यह केस सामने आने के बाद चलाए जा रहे साइबर क्राइम जागरूकता अभियान में इससे भी बचाव के तरीके लोगों को समझाए जा रहे हैं।

एंड्रायड यूजर्स इन बातों पर दें ध्यान


एक्सपर्ट कहते हैं कि एक मशीन आती है जिसके मोबाइल का डाटा ही नहीं वीडियो पिक्चर से लेकर डिलीट किए गए नंबर तक रिकवर हो जाते हैंयदि सारा आइटम डिलीट किए बहुत दिन नहीं हुए तो उसे बगैर मशीन के भी रिकवर किया जा सकता है, हालांकि यह काम साधारण दुकानदारों के बस में नहीं होताबताते हैं कि इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए मोबाइल में मेमोरी कार्ड जरूर लगाएं और सब कुछ इसी कार्ड में ही रखेंऐसा करने के बाद जब आप कभी मोबाइल को बेचें तो उसमें लगाए गए मेमोरी कार्ड को निकाल लेंइससे आप की सारी पिक्चर व फोटो सहित सेफ किया हुआ सारा डाटा मेमोरी कार्ड में आप के पास ही रहेगाचूंकि मोबाइल में कोई पिक्चर कभी सेफ ही नहीं किए होंगे तो खरीदने वाला व्यक्ति उसे रिकवर कहां से करेगाअहम बात यह कि आप का मोबाइल कितना भी पुराना हो जाय यदि बेचना या किसी को देना है तो उसका आईएमआई नंबर जरूर पास में रखें

मोबाइल यूज करने वालों को हर पल सतर्क रहने की जरूरत है। प्राप्त शिकायतों की जांच में जो तथ्य सामने आए हैं। वह बेहद चौंकाने वाले हैं। बताए गए तरीकों का मोबाइल यूजर्स प्रयोग करके खुद को सेफ रख सकते हैं।जय प्रकाश, साइबर एक्सपर्ट साइबर थाना

Posted By: Inextlive