अब ग्राहक खुद बोलेंगे 'इट्स ओके'
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शहर के रेस्टोरेंट्स और बड़े स्वीट हाउस में लगेंगे एनालाइजर मिलावट की जांच होगी आसान, मौके पर ग्राहकों को मिलेगी सुविधा छापेमारी और सैंपलिंग से दुकानदारों को मिलेगी निजात vineet.tiwari@inext.co.in ALLAHABAD: मिलावटखोरी से निजात दिलाने के लिए एफएसएसएआई नया कदम उठाने जा रहा है। उसने रेस्टोरेंट्स और मिठाई के बड़े प्रतिष्ठानों में एनालाइजर लगाए जाने के निर्देश जारी किए हैं। इन मशीनों के जरिए मौके पर मिलावट का काफी हद तक पता लगाया जा सकेगा। यह सुविधा खासकर ग्राहकों के लिए होगी। वह खानपान के आइटम्स को मौके पर ही चेक कर सकेंगे। इसके लिए सैंपलिंग की जरूरत नही होगी। इससे ग्राहक और दुकानदार के बीच विश्वास भी बढ़ेगा। फटाफट होगा शंका का समाधानवर्तमान में खोवा, मैदा, तेल और दूध से बनी चीजों में मिलावट के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कई बार रेस्टोरेंट या स्वीट हाउस में खानपान की चीजे खरीदते समय ग्राहक के मन में इसकी शुद्धता को लेकर कई सवाल होते हैं। लेकिन, इनका समाधान नही हो पाता। शिकायत करने पर खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से छापेमारी की जाती है और सैंपलिंग की जांच रिपोर्ट आने में एक से डेढ़ माह का समय लग जाता है। लेकिन, एनालाइजर के जरिए पलक झपकते ही दूध में पानी, मिठाई में मैदा, कलर, हार्मफुल आयल या घी में मिलावट की जांच हो जाएगी। इससे ग्राहक तत्काल संतुष्ट हो जाएगा।
सरकार दे सकती है सब्सिडी हालांकि, अभी गवर्नमेंट ने अपने इस आदेश को अपीलीय तौर पर जारी किया है। इसका कारण एनालाइजर का थोड़ा महंगा होना है। मार्केट में इसकी कीमत एक लाख रुपए तक है। लेकिन, यह भी माना जा रहा है कि भविष्य में गवर्नमेंट इन मशीनों की खरीद पर सब्सिडी भी दे सकती है। यही कारण है कि शुरुआती दौर में रेस्टोरेंट और स्वीट हाउस को शामिल किया गया है। बाद में इस मशीन को दूसरे फूड ऑपरेटर्स के यहां भी लगवाया जा सकता है। अभी तो फूड इंस्पेक्टर्स अपने इलाके के दुकानदारो को जागरुक करेंगे। कम होगा विभाग का भार खासकर दूध में होने वाली मिलावट को लेकर सरकार बहुत ज्यादा सतर्क हो चली है। इसके लिए हाल ही में एक मोबाइल चेकिंग वैन भी चलाई गई है। अब सरकार चाहती है एनालाइजर लगाकर दुकानों पर मिलावट की ऑन स्पाट जांच कराई जाए। यह जांच खुद ग्राहक करें। इससे विभागीय भार भी कम होगा। अभी एक जांच रिपोर्ट आने में डेढ़ माह तक का समय लग जाता है। जिससे कार्रवाई होने में काफी समय लगता है।फिलहाल तो हम रेस्टोरेंट और स्वीट हाउस संचालकों को एनालाइजर लगाने के लिए प्रेरित करेंगे। जल्द से जल्द सभी प्रतिष्ठानों में इस मशीन लगवा दिया जाएगा। इससे दुकानदार और ग्राहकों के बीच आपसी विश्वास भी बढ़ेगा।
-आरपी गुप्ता, डिवीजनल एफएसओ, खाद्य सुरक्षा विभाग मिलावट की जांच के लिए रेस्टोरेंट और मिठाई की दुकानों पर मशीने लगाने का डिसीजन अच्छा है। इससे मिलावट में कमी आएगी। मीतू हम लोगों को जागरुक होना पड़ेगा। तभी यह अभियान सफल होगा। मशीन ठीक से काम करे यह भी जरूरी है। अंकुर सिंह कामधेनु, हीरा हलवाई, सैनिक सहित तमाम स्वीट हाउस पर यह मशीन लगवाई जाए। इससे ग्राहकों को फायदा होगा। शालिनी गुप्ता मिलावटखोरों के खिलाफ यह बहुत सही कदम है। इसका परिणाम पब्लिक के पक्ष में ही आएगा। पंकज शर्मा Fact file 173 सैंपल मौजूदा वित्तीय में अप्रैल से अब तक भेजे गए 14 दिन न्यूनतम लगते हैं जांच रिपोर्ट आने में 30 दिन न्यूनतम लग जाते हैं जांच रिपोर्ट आने में