हंडिया में हुए हादसे को लेकर स्कूल प्रबंधन की भी लापरवाही सामने आई है. कहा जा रहा है कि प्रबंधन को बच्चों की क्षमता के अनुसार दो बस करना चाहिए था. मगर एक ही बस में सभी को मैनेज किया गया था. ऐसा करके छात्र-छात्राओं और शिक्षक शिक्षिकाओं की जान जोखिम में डाली गई थी. स्कूल के प्रिंसिपल ने शायद पैसा बचाने की खातिर एक बस का इंतजाम किया था. बच्चों पर खर्च अधिक न पड़े इसलिए इतना बड़ा रिस्क उठा लिया. अगर दो बस की व्यवस्था होती तो शायद हादसा न होता और न ही छात्रों की जान जाती. आइये आपको बताते आखिर कहा क्या हुई थी मिस्टेक....


प्रयागराज ब्यूरो । हादसे की तफ्तीश में जुटी पुलिस ने भी माना कि 41 सीटर बस में दो गुना सवारी बैठाई गई थी। नियमानुसार यह पूरी तरह से गलत है। चौंकाने वाली बात यह है कि जौनपुर से चलकर हंडिया बस पहुंच जाती है। करीब 70 किलोमीटर से अधिक का सफर तय करने के बाद हादसा होता है, लेकिन इससे पहले न तो प्रयागराज-जौनपुर सीमा पर बस की जांच की गई और न ही किसी थाना के पास। सड़क हादसों को रोकने के लिए जरूरी प्रयास करने का दावा करने वाले विभागों की पोल भी इस दर्दनाक हादसे ने खोल दिया है। कुछ लोगों कहना था कि बस बाजार, कस्बा, पुलिस चौकी के सामने से गुजरी थी, लेकिन आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस ने ओवरलोड बस की तरफ ध्यान नहीं दिया। कई अभिभावकों का भी कहना था कि स्कूल प्रबंधन ने छात्रों के जीवन से खिलवाड़ किया है।
किसी भी छात्र के घरवालों को नहीं बताया गया था कि बस में विद्यार्थियों को ठूसकर बैठाया जाएगा।

फिलहाल हादसे को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, जिसका जवाब किसी के पास नहीं है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यदि कई शख्स लिखित शिकायत देता है तो स्कूल प्रबंधन के विरुद्ध भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

Posted By: Inextlive