स्कूल-बोर्ड के चक्कर में छात्रों का साल बर्बाद
लारेंस इंटरनेशनल स्कूल के 10वीं व 12वीं दोनो के छात्रों का नहीं घोषित किया गया रिजल्ट
सीबीएसई की रीजनल डायरेक्टर ने कहा, स्कूल ने नंबर ही नहीं भेजे तो कैसे जारी होता रिजल्ट prayagraj@inext.co.in PRAYAGRAJ: सेंट्रल बोर्ड आफ सेकेंड्री एजूकेशन यानी सीबीएसई के प्रयागराज रीजन आफिस पर गुरुवार को स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स ने प्रदर्शन किया। लॉरेंस इंटरनेशनल स्कूल के 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स का कहना है कि उन सभी का रिजल्ट बोर्ड की ओर से नहीं जारी किया। जबकि सरकार के आदेश के अनुसार सभी स्टूडेंट्स को इस बार प्रमोट करके रिजल्ट जारी करने की बात कही गई थी। उसके बाद भी लॉरेंस इंटरनेशनल स्कूल के 10वीं व 12वीं के रिजल्ट अभी तक नहीं घोषित किए गए। स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स ने सीबीएसई की रीजनल सेकेंट्री श्वेता अरोरा से मुलाकात कर रिजल्ट घोषित किए जाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।डीएम आफिस में भी सौंपा ज्ञापन
सीबीएसई आफिस के बाद स्टूडेंट्स अपने पैरेंट्स के साथ डीएम आफिस पहुंचे। जहां उन्होंने रिजल्ट घोषित करने की मांग पत्र को डीएम आफिस में सौंपा। इस दौरान पैरेंट्स का कहना है कि स्कूल और बोर्ड की लापरवाही के चक्कर में उनके बच्चों को करियर और साल खराब हो रहा है। जबकि उन्हेांने स्कूल और बोर्ड की पूरी फीस जमा की है। साथ ही बोर्ड की ओर से सभी स्टूडेंट्स का रोल नम्बर भी जारी किया गया है। उसके बाद भी स्कूल का रिजल्ट नहीं घोषित किया गया है।
नम्बर नहीं, तो कैसे दें रिजल्टलॉरेंस इंटरनेशनल स्कूल के स्टूडेंट्स रूके रिजल्ट को लेकर पूछे जाने पर सीबीएसई की रीजनल सेकेट्री श्वेता अरोरा ने बताया कि स्कूल की ओर से लास्ट इयर स्टूडेंट्स की एलओसी यानी सबमिशन ऑफ लिस्ट आफ स्टूडेंट्स ऑन लाइन बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया। बोर्ड के पास सिर्फ स्टूडेंट्स का पहले का रजिस्ट्रेशन नम्बर ही है। इस बार सभी स्टूडेंट्स को प्रमोट किया जाना था। जिसके लिए जो फार्मूला बनाया गया था। उसके हिसाब से स्टूडेंट्स के पिछले तीन परीक्षाओं के मार्क्स को स्कूल द्वारा बोर्ड को भेजा जाना था। लॉरेंस इंटरनेशनल स्कूल की ओर से अपने यहां के बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स का वह डाटा भी बोर्ड को उपलब्ध नहीं कराया गया। ऐसे में बोर्ड के पास इन स्टूडेंट्स की जरूरी डाटा नहीं है। ऐसे में बोर्ड रिजल्ट जारी नहीं कर सकता है। जहां तक रोल नम्बर जारी होने की बात है, तो पिछली क्लास में हुए रजिस्ट्रेशन के आधार पर बोर्ड ने रोलनम्बर जारी कर दिया। ऐसे में स्कूल को ही डेटा उपलब्ध कराना होगा। अगर स्कूल की तरफ से पहले ही बोर्ड को इन स्थिति के बारे में जानकारी दे दी गई होती, तो बोर्ड इन सभी स्टूडेंट्स को इंप्रूवमेंट एग्जाम का फार्म फिल कराकर उन्हें एग्जाम में बैठाने की व्यवस्था की जा सकती थी। स्कूल ने ये जानकारी बोर्ड को नहीं दी।
बाक्स परीक्षा में भी नहीं हो पाए शामिल सीबीएसई ने बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट सुधारने का मौका भी छात्रों को दिया था। छात्रों के साथ उनके पैरेंट्स का कहना था कि रिजल्ट घोषित किये जाने के समय ही यह पता चल जाता कि स्कूल से बोर्ड को पर्याप्त डिटेल नहीं भेजा गया है तो कम से कम परीक्षा में शामिल हो जाते। इससे एक साल बर्बाद होने से बच जाता। अब तो पूरा साल बर्बाद हो गया है। कोई ऑप्शन भी नहीं बचा है। जबकि, इसमें उनकी तरफ से कोई गलती नहीं की गयी थी। इसमें स्कूल की तरफ से किस लेवल की लापरवाही बरती गयी है? यह जानने के लिए रिपोर्टर ने लारेंस स्कूल की प्रिंसिपल को कॉल लगाया लेकिन यह परमानेंट नॉट रीचेबल बताता रहा।स्कूल ने स्टूडेंट्स की एलओसी नहीं फिल की। साथ ही पिछले परीक्षाओं के अंक भी बोर्ड को नहीं दिए। इसी कारण लॉरेंस इंटरनेशनल स्कूल के स्टूडेंट्स का रिजल्ट रूका है।
श्वेता अरोरा रीजनल सेकेट्री, सीबीएसई