रेलवे व सरकार से मांगा जवाब, 13 को सुनवाई
प्रयागराज ब्यूरो । अयोध्या सरयू एक्सप्रेस में महिला पुलिसकर्मी से दुव्र्यवहार और जानलेवा हमले की तस्वीरें और वीडियो वायरल हुई तो इलाहाबाद हाई कोर्ट विचलित हो उठी। रविवार की रात में चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की बेंच प्रकरण पर सुनवाई के लिए बैठी। बेंच ने सोमवार की दोपहर प्रकरण पर फिर से सुनवाई का आदेश दिया था तो एसपी जीआरपी कोर्ट में पेश हुए। बताया कि महिला की हालत अब भी गंभीर है। उसका बयान दर्ज किया नहीं जा सका है। कोर्ट ने हालत जानने के बाद कहा कि अभी हम कोई आदेश नहीं दे रहे हैं। लेकिन, राज्य सरकार को निर्देश दिया कि मजिस्ट्रेट जाकर बयान दर्ज करें और प्रगति रिपोर्ट नेक्स्ट हियरिंग पर कोर्ट में पेश करें। कोर्ट ने सुनवाई के लिए 13 सितंबर की तिथि निर्धारित की है।फाफामऊ से ट्रेन में बैठी थी महिला सिपाही
यह मामला 29 अगस्त का है। सरयू एक्सप्रेस से यात्रा कर रही महिला सिपाही का फोटो वायरल होने के बाद घटना का खुलासा हुआ था। वीडियो और फोटोग्राफ में पीडि़त महिला सिपाही बेहोशी की अवस्था में अर्धनग्न दिखायी दे रही थी। वह खून से लथपथ थी। इंजन के बाद तीसरे कोच में हुई घटना के बाद हालत गंभीर होने के चलते महिला सिपाही को लखनऊ के केजीएमयू में भर्ती कराया गया है। इस महिला सिपाही की तैनाती सुलतानपुर में बतायी गयी है। अयोध्या के सावन मेले में उसकी डयूटी लगायी गयी थी। डयूटी पर जाने के लिए वह प्रयागराज से मनकापुर जाने वाली सरयू एक्सप्रेस में फाफामऊ से सवार हुई थी। मनकापुर से वापसी के समय घटना की जानकारी किसी अज्ञात व्यक्ति ने दी थी। इसके बाद अयोध्या में पुलिस टीम ने पीडि़ता को अस्पताल भेजा।दुष्कर्म की भी आशंका
सोमवार को दिन में चीफ जस्टिस की बेंच के समक्ष सुनवाई के दौरान रेलवे की ओर से असिस्टेंट सालिसिटर जनरल आफ इंडिया शशि प्रकाश सिंह व विवेक सिंह पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि रेलवे ने जिस कोच में वारदात हुई थी, उसे सील करवा दिया है। प्रकरण की जांच गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ करायी जा रही है। महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र, मनीष गोयल अपर महाधिवक्ता शासकीय अधिवक्ता एके संड ने सरकार का पक्ष रखा। कोर्ट में पेश हुईं एसपी जीआरपी पूजा यादव ने कोर्ट को बताया कि अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। पांच टीमें घटना की जांच के लिए लगा दी गई हैं। जांच टीम में डिप्टी एसपी और सीओ रैंक के अधिकारियों को शामिल किया गया है। कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या पीडि़ता से दुष्कर्म भी हुआ है? इस पर जानकारी दी गयी कि प्रथमदृष्टया दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। बताया गया कि केजीएमयू में उपचार चल रहा है। ट्रेन में फोरेंसिक टीम भेजी गई थी। वहां सिर्फ पीडि़ता का खून मिला है। एसपी ने बताया कि पीडि़ता अभी गंभीर हालत में है इसलिए उसका बयान नहीं हो पाया है।
10 घंटे बाद क्यों दर्ज हुई रिपोर्ट
एसपी जीआरपी पूजा यादव ने कोर्ट को बताया कि जिस कोच में घटना हुई उसमें पांच से 10 यात्री ही रहे होंगे। पीडि़त महिला सिपाही के साथ दुष्कर्म की भी आशंका जताई जा रही है। इसी के चलते दर्ज किये गये मुकदमे में एफआइआर में हत्या के प्रयास, दुष्कर्म आदि की धाराएं लगाई गई हैं। एफआइआर 10 घंटे बाद दर्ज करने पर भी कोर्ट ने सवाल उठाया। पूछा कि डिब्बे की फोरेंसिंक जांच हुई है या नहीं? स्पॉट पर इलेक्ट्रानिक एवीडेंट कलेक्ट करने के लिए कदम उठाये गये हैं क्या? इसके जवाब में रेलवे पुलिस की ओर से बताया गया कि सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। आशंका है कि एक से ज्यादा लोगों ने हमला किया है। जांच में इलेक्ट्रानिक सर्विलांस का सहारा लिया जा रहा है। कोर्ट ने पूछा कि क्या हथियार बरामद करने के लिए रेलवे ट्रैक की जांच की गई है? कोर्ट ने रेलवे को ट्रैक की निगरानी करने वाली ट्राली जांच अधिकारियों को उपलब्ध कराने और जांच में पूरा सहयोग करने के लिए कहा है। पूरा प्रकरण सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि हम अभी कोई आदेश नहीं दे रहे हैं, लेकिन मजिस्ट्रेट को भेजकर महिला का बयान दर्ज करावें। 13 सितंबर को होने वाली सुनवाई में रिपोर्ट पेश की जाय।