सर मेरी जान को खतरा है
पंचायत चुनाव से पहले जमा कराए जाने लगे लाइसेंसी असलहे
बचने के लिए लोग लगा रहे जुगत, थाने में जमा करा रहे अप्लीकेशन पंचायत चुनाव सिर पर है। प्रशासन शांतिपूर्ण और पारदर्शी चुनाव कराने की तैयारियों में लगा है। ऐसे में लाइसेंसी असलहे जमा कराने की कवायद शुरू हो गई है। ऐसे में लाइसेंसधारी इससे बचने की जुगत में लग गए हैं। उन्होंने प्रशासन और थाने में अप्लीकेशन जमा करानी शुरू कर दी है। सबसे अहम कि अधिकतर लाइसेंसधारियों को अचानक जान का खतरा पैदा हो गया है। इसके आधार पर असलहा जमा कराने से छूट देने की मांग कर रहे हैं। आसान नही होगा छूट पाना जिले में 57 हजार असलहाधारी हैं। इनमें से कईयों के पास दो लाइसेंस मौजूद हैं। इन सभी को संबंधित थानों से असलहा जमा कराने की सूचना दे दी गई है।इसके बाद खलबली मच गई है। लोगों द्वारा खुद की जान का खतरा होने की अप्लीकेशन दी जा रही है।
प्रशासन ने भी चुनाव से पहले सख्ती से असलहा जमा कराए जाने के आदेश दे दिए हैं। कहा गया है कि बिना वाजिब कारण किसी को असलहा रखने की छूट नही दी जाएगी। निशाने पर गांव गंगापार और यमुनापार के एरिया में प्रशासन की अधिक नजर है।ग्रामीण एरिया में अपराधिक प्रवृत्ति और इतिहास वाले असलहाधारियों को निशाने पर लिया जा रहा है। इनके असलहे हर हाल में जमा कराए जाने के आदेश दिए गए हैं। बता दें कि चुनाव अप्रैल तक समाप्त हो जाएगा। जल्द ही चुनाव का नोटिफिकेशन भी जारी होने जा रहा है।
जिसको देखते हुए थानावार असलहा जमा कराने की कवायद शुरू हो गई है। स्क्रीनिंग कमेटी करेगी सुनवाई अगर किसी को असलहा जमा नही कराना है तो वह जिला स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी के सामने अपनी बात रख सकता है। इसके लिए उसे आवेदन करना होगा। जल्द ही डीएम, एसएपी अगुवाई मे इस कमेटी का गठन होने जा रहा है। जिसमें अन्य अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा। यह कमेटी आवेदनों पर विचार कर अपना फैसला सुनाएगी। इन बिंदुओं पर भी चल रहा काम थाने या आर्म्स डीलर के यहां जमा कराए जा सकेंगे असलहे। शस्त्र जमा कराने की सूचना हर सप्ताह जिला प्रशासन की ओर से शासन एवं पुलिस मुख्यालय को भेजी जाएगी। मालखाने एवं शस्त्र की दुकानों पर पूरी सुरक्षा व्यवस्था रखना जरूरी। सभी शस्त्र विक्रेताओं से पिछले एक साल में बिके कारतूसों का लिया जा रहा विवरण। सौ रुपए के चालान पर जमा होंगे असलहेजो लोग थाने में असलहा नही जमा कराना चाहते हैं वह आर्म्स डीलर के यहां सौ रुपए का चालान बनवाकर अपना असलहा रखवा सकते हैं। थाने में असलहा सुरक्षित नही रहता, ऐसे में आर्म्स डीलर के यहां रखवाना पसंद करते हैं। इसका उन्हे किराया देना होता है। चुनाव नजदीक आते ही इस प्रक्रिया ने तेजी पकड़ ली है।
असलहा जमा कराने का क्रम शुरू हो गया है। जो लोग इससे बचना चाहते हैं वह स्क्रीनिंग कमेटी के सामने पेश हो सकते हैं। बहाने बनाने से उनका फायदा नही होगा। यह कमेटी जल्द ही डीएम और एसएसपी की देखरेख में बनेगी। रजनीश मिश्रा सिटी मजिस्ट्रेट प्रयागराज