दो परिवारों के लिए 'कालÓ बना शनिवार
प्रयागराज ब्यूरो । शनिवार सुबह दो परिवार के लिए काली साबित हुई। सुबह रोज की तरह लालिमा लिए हुए सूरज उगा मगर दो परिवारों को क्या पता था कि आज की सुबह उनके घरों के सूरज डूब जाएंगे। एक तेज रफ्तार डंफर ने इन दो परिवार की खुशियां छीन लीं। हादसे के खौफ से अंजान दो दोस्त स्कूटी से चले जा रहे थे। एक को बीएड की परीक्षा देनी थी, दूसरा साथी उसके साथ जा रहा था। शास्त्री ब्रिज पर पीछे से आए डंफर ने स्कूटी को चपेट में ले लिया। एक साथी छिटक कर किनारे गिरा, उसका सिर फट गया। जबकि दूसरा साथी सड़क पर गिर पड़ा। उसे रौंदते हुए डंफर निकल गया। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। मौके पर भीड़ जुट गई। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में ले लिया। घरवाले पहुंचे। क्षत विक्षत शव देख परिजनों का हाल बेहाल हो गया।
बीएड की परीक्षा देने जा रहा था उत्कर्ष
उत्कर्ष यादव उर्फ राहुल (24) दारागंज बक्शीबांध का रहने वाला था। बीए करने के बाद वह बीएड की पढ़ाई कर रहा था। शनिवार को बीएड का पेपर था। हंडिया पीजी कॉलेज में सेंटर था। परीक्षा सुबह आठ बजे से थी। वह करीब साढ़े पांच बजे घर से निकला। उसके साथ पड़ोस में रहने वाला विकास मिश्रा भी था। दोनों स्कूटी से निकले। स्कूटी राहुल चला रहा था। शास्त्री पुल पर इंट्री करते ही राहुल ने स्कूटी धीमी की। इस बीच पीछे से आए डंफर ने स्कूटी में धक्का मार दिया। विकास बायीं तरफ गिरा। उसका सिर फट गया। जबकि राहुल सड़क पर ही गिर पड़ा। डंफर उसकी कमर को रौंदते हुए निकल गया। घटना के बाद चालक डंफर की रफ्तार बढ़ाकर भाग निकला। दोनों सड़क पर पड़े थे। भीड़ जुटी। लोगों ने पुलिस को सूचना दी। तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी। सूचना पर पुुलिस पहुंची। पुलिस ने राहुल के जेब की तलाशी ली। उसमें मिले एडमिट कार्ड से उसकी शिनाख्त हुई। इसके बाद पुलिस ने घरवालों को सूचना दी।
और पचास मिनट में टूट पड़ा वज्रपात
करीब साढ़े पांच बजे राहुल और विकास स्कूटी से निकले थे। उनके घरवालों को क्या पता कि अब वे लौट कर नहीं आएंगे। आएगी तो उनकी मौत की खबर। सुबह का समय होने की वजह से दोनों परिवार के लोग अपनी दिनचर्या में लगे थे। अचानक राहुल के पिता राजेंद्र का फोन बजा। उन्होंने फोन रीसिव किया। इसके बाद वह सन्न रह गए। फोन करने वाले ने हादसे की सूचना दी तो वह कांपने लगे। पत्नी सुनीता और छोटे बेटे दिव्यांश को काठ मार गया। कुछ देर में सुनीता के रोने चीखने की आवाज सुनाई देने लगी। राहुल के घर के बगल ही विकास का घर है। उसके घर से भी रोने की आवाज आने लगी। आस पड़ोस के लोग जुटने लगे। घरवाले भाग कर शास्त्री ब्रिज पहुंचे। वहां दोनों का शव देख घरवालों की हालत खराब हो गई। डंफर चढऩे की वजह से राहुल का शव क्षत विक्षत हो गया था।
बड़ी मुश्किल से पाला बच्चों को
राजेंद्र यादव मूलरूप से उतरांव के बालक सराय गांव के रहने वाले हैं। दो बेटे राहुल और दिव्यांश जब बड़े हुए तो दोनों को पढ़ाने के लिए वे शहर अपनी पत्नी सुनीता के साथ आ गए। प्राइवेट नौकरी करके किसी तरह उन्होंने बक्शीबांध पुलिस चौकी के पास एक छोटा सा मकान बनवा लिया। राजेंद्र की तमन्ना थी कि किसी तरह दोनों बच्चे पढ़ लिखकर सरकारी नौकरी पा जाएं। बड़े बेटे की मौत से उन्हें गहरा धक्का लगा। बड़ी मुश्किल से बच्चों को पाला मैंने, ये क्या हो गया। कहकर वो रोए जा रहे थे।
विकास और राहुल थे गहरे दोस्त
राहुल और विकास के घर के बीच चंद कदमों का फासला है। इंटर करने के बाद राहुल बीए करने लगा तो विकास बीटेक। विकास पटना के एक कालेज से बीटेक कर रहा था। दोनों के बीच कई साल से गहरी दोस्ती थी। विकास पटना से छुट्टी में लौटकर आता था तो राहुल के साथ ही रहता था। शनिवार को भी दोनों घर से साथ निकले और हादसे में एक साथ ही दोनों की मौत हो गई।
बेटे को बनाना चाहते थे इंजीनियर
शंकरगढ़ के रहने वाले वीरेंद्र मिश्रा शिक्षा निदेशालय में क्लर्क हैं। बक्शीबांध पुलिस चौकी के बगल ही उनका मकान है। परिवार सहित वह यहीं रहते थे। बड़ा बेटा अंकित और छोटा बेटा विकास, बेटी शालू और पत्नी मुन्नी देवी। छोटा सा परिवार किसी चीज की कोई कमी नहीं। छोटे बेटे विकास का बीटेक में एडमीशन हुआ तो उन्हें तसल्ली हुई कि रिटायरमेंट के बाद कोई ज्यादा जिम्मेदारी नहीं रहेगी। विकास पढऩे में भी तेज था। वह बेटे को इंजीनियर बनाना चाहते थे, मगर उनका यह सपना अधूरा रह गया।
और विकास को खींच ले गई मौत
शुक्रवार शाम को राहुल और विकास मिले। राहुल ने शनिवार को पेपर के बारे में विकास को बताया। इसके बाद विकास भी राहुल के साथ जाने के लिए तैयार हो गया। विकास ने घर में यह बात बताई तो घरवालों ने कहा कि पेपर राहुल का है, वह क्या करेगा वहां जाकर। लेकिन विकास माना नहीं। शनिवार सुबह वह भी जल्दी उठकर नहा धोकर तैयार होकर राहुल के घर पहुंच गया।
हेलमेट भी न बचा पाया जान
स्कूटी राहुल चला रहा था। विकास पीछे बैठा था। राहुल ने हेलमेट पहन रखा था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक स्कूटी की रफ्तार सामान्य थी। पुल शुरू होते ही राहुल ने स्कूटी को धीमा किया। इस बीच पीछे से आए डंफर ने स्कूटी में टक्कर मार दी। दोनों गिर पड़े। हेलमेट की वजह से राहुल का सिर तो बच गया मगर डंफर ने कमर के पास से उसे कुचल दिया। जबकि विकास का सिर गिरते ही फट गया। आसपास खून फैल गया। सीसीटीवी से पकड़ा जाएगा डंफर
शास्त्री पुल के इंट्री प्वाइंट पर शहर की तरफ और झूंसी की तरफ सीसीटीवी लगा हुआ है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज से हादसा करने वाले डंफर को खोजने का प्रयास कर रही है।
एक साथ उठी साथियों की अर्थी, आंखें हो गईं नम
दोपहर बाद बक्शीबांध मोहल्ले में मोर्चरी से दोनों साथियों राहुल और विकास का शव एक साथ उनके घर पहुंचा। अड़ोस पड़ोस में एक साथ हादसे में दो की मौत से मोहल्ले के लोग भी स्तब्ध थे। दोनों के घरों के आगे लोगों की भीड़ थी। जब राहुल और विकास की अर्थी साथ उनके घरों से उठी तो घरवालों के रोने चिल्लाने से लोगों का दिल दहल गया। दोनों के मां, बाप और भाइयों का रोना देख मोहल्ले के लोगों की भी आंखें नम हो गईं।