कौशांबी के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संविदा पर सीएचओ के पद पर तैनाती मिलते ही सनम बेवफा निकल गई. नौकरी पाते ही पत्नी की बेवफाई से खिन्न पति ने चौकी से थाने का चक्कर लगाया. कहीं सुनवाई नहीं हुई तो इंसाफ की आस में कोर्ट जा पहुंचा.

प्रयागराज ब्यूरो । प्रेम में सनम के लिए उसने क्या कुछ नहीं लिया। प्यार से शुरू हुआ सफर निकाह तक जा पहुंचा। निकाह बाद दोनों पारिवारिक जीवन शुरू कर दिए। आधार कार्ड में नाम तक बदल गए। प्रेमिका से पत्नी कबूल करने के बाद वह उसके सपनों को पूरा करने के लिए खटकने लगा। पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ वह रिश्ते को निभाता रहा। उसकी गाढ़ी कमाई के रुपयों से पढ़ लिखकर वह काबिल बन गई। उसे पढ़ाने व तैयारी कराने में वह जमा पूंजी लगा दिया। मगर, कौशांबी के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संविदा पर सीएचओ के पद पर तैनाती मिलते ही सनम बेवफा निकल गई। नौकरी पाते ही पत्नी की बेवफाई से खिन्न पति ने चौकी से थाने का चक्कर लगाया। कहीं सुनवाई नहीं हुई तो इंसाफ की आस में कोर्ट जा पहुंचा। अदालत के आदेश पर धूमनगंज थाने की पुलिस द्वारा उस महिला स्वास्थ्य संविदाकर्मी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। इस केस को सुनते ही लोगों के जेहन में धूमनगंज के एसडीएम ज्योति मौर्या का प्रकरण ताजा हो गया।

आधार से गायब करा दी पति का नाम
धूमनगंज में दर्ज केस के मुताबिक मऊ, चित्रकूट निवासी एक युवक झलवा में रहता है। यहां पर मुहल्ले में ही बिरादरी की एक युवती से उसका दिल लग गया। दिल के रास्ते से निकली मोहब्बत वर्ष 2008 में निकाह तक के सफर को पूरा कर ली। युवती से निकाह के बाद युवती प्रेमिका से पत्नी बन गई। बताते हैं कि प्रेम विवाह से युवक का परिवार खफा हो गया। परिवार ने युवक को घर से निकाल दिया। तब वह ससुराल में घर जमाई बनकर रहने लगा। आरोप है कि उसने अपनी जमा पूंजी और मेहनत की कमाई से बीवी को पढ़ाया। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी भी करवाई। पढ़ाई के कारण बीवी को दो साल पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कौशांबी में सीएचओ पद पर नौकरी मिल गई। इसके बाद बीवी के व्यवहार में बदलाव आ गया और एक पुरुष मित्र से दोस्ती करके नजदीकियां बढ़ा ली। साथ ही शौहर के साथ उपेक्षित और अपमानजनक व्यवहार करने लगी। शौहर का यह भी आरोप है कि बीवी ने निकाह के बाद आधार कार्ड में उसका नाम पति के रूप में दर्ज कराया था, लेकिन नौकरी पाने के पूर्व उसने छलकपट कर पिता का नाम अंकित करवा लिया। नौकरी की खातिर उसने खुद को अविवाहित दर्शाते हुए अनुभव प्रमाण पत्र भी फर्जी बनवाया था।


कोर्ट के आदेश पर यह मुकदमा पंजीकृत किया गया है। मामले की विवेचना की जा रही है। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उससे अदालत को अवगत कराया जाएगा।
अमरनाथ राय, इंस्पेक्टर धूमनगंज

Posted By: Inextlive