आजादी का अमृत महोत्सव आयोजन की श्रृंखला में शहीद दिवस के अवसर पर बुधवार को कई कार्यक्रम आयेाजित किए गए. जिसके तहत संस्कृति विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा शहीद चन्द्रशेखर आजाद पार्क में पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया. बता दें कि इसी तिथि को 1931 में स्वतंत्रता सेनानी सरदार भगत सिंह शिवराम राजगुरू और सुखदेव थापर को अंग्रेजों ने लाहौर जेल में फांसी दे दी थी.


प्रयागराज (ब्यूरो)। प्रोग्राम के चीफ गेस्ट एडीएम सिटी मदन कुमार एवं जिला विकास अधिकारी अशोक कुमार मौर्य तथा संस्कृति विभाग के अधिकारी गुलाम सरवर ने चन्द्रशेखर आजाद की प्रतिमा एवं सरदार भगत सिंह, राजगुरू तथा सुखदेव के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। तत्पश्चात् पुलिस के जवानों द्वारा शहीदों को सलामी दी गई तथा बैण्ड पर राष्ट्रधुन का वादन हुआ। इस अवसर पर शहीदों की स्मृति में एक सभा का आयोजन भी किया गया जिसमें उद्यान अधीक्षक उमेश उत्तम, उप नियंत्रक नागरिक सुरक्षा नरेन्द्र शर्मा, चीफ वार्डेन नागरिक सुरक्षा अनिल गुप्ता ने अपनी बात रखी। हरिश्चन्द्र दुबे एवं शैलेन्द्र मिश्रा ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं। नीरज ठाकुर ने मार्शल आर्ट का प्रदर्शन कर देशभक्ति की भावना जागृत की। पाण्डुलिपि अधिकारी गुलाम सरवर ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन पूर्व सूबेदार श्याम सुन्दर पटेल ने किया।

पोस्टर प्रदर्शनी व व्याख्यान का आयोजन
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की केंद्रीय सांस्कृतिक समिति एवं गांधी विचार एवं शांति अध्ययन संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में शहीद दिवस पर विशेष व्याख्यान व पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का उदघाटन प्रो। आशीष सक्सेना व प्रो। अजय जेटली ने किया। गांधी की दृष्टि में शहीद भगत सिंह विषय पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के सहआचार्य डॉ आशुतोष पार्थेश्वर ने कहा कि राजगुरु, सुखदेव और भगत सिंह की शहादत गांधी की दृष्टि में व्यर्थ नहीं थी। भगत सिंह और गांधी दोनों का ही उद्देश्य समाज में समता और स्वतंत्रता संस्थापन था। दोनों के रास्ते भले ही अलग थे, लेकिन भगत सिंह भी मानवता की हत्या के पक्षपाती नहीं थे.अध्यक्षता कर रहे प्रो। आशीष सक्सेना ने कहा कि यह भारत भगत सिंह और गांधी के सपनों का भारत है। संचालन डॉ अमृता ने किया। डॉ फरीदा अहमद ने धन्यवाद दिया। डॉ जावेदा, डॉ अजय एवं हरिओम कुमार ने सहयोग किया।

Posted By: Inextlive