-लाल, सफेद और अबलक रंग के बकरों की है अधिक डिमांड

-75 हजार तक बिक रहे हैं राजस्थानी तोतापरी नस्ल के बकरे

ALLAHABAD: बकरीद नजदीक आते ही बकरों की खरीदारी शुरू हो गई है। कुर्बानी के लिए लोग अभी से अपने मनपंसद बकरों की तलाश कर रहे हैं। लोग खूबसूरती को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। यही कारण है कि मार्केट में सबसे ज्यादा लाल, सफेद और अबलक रंग के बकरों की डिमांड है। मनपसंद बकरे मिल जाने के बाद ग्राहकों को इसकी मुंहमांगी कीमत चुकाने से भी कोई परहेज नहीं है। लोगों की पसंद को देखते हुए बकरा मंडी में अलग-अलग वैरायटी और नस्ल के बकरे में मौजूद हैं।

50 हजार से ज्यादा कीमत

बकरे खरीदने वालों की अपनी अपनी पसंद है। सबसे ज्यादा मांग जमुनापारी, राजस्थानी और बारबरा नस्ल के बकरों की है। देसी नस्ल के बकरे भी डिमांड में कम नहीं हैं। शहर के हटिया स्थित बकरा मंडी में राजस्थानी तोतापरी बकरा 75 हजार रुपए का है। अपनी भारी भरकम काठी और रंग को लेकर यह ग्राहकों के आकर्षण का केंद्र भी है। बकरा व्यापारी हाजी असलम बताते हैं कि रसूख वाले ग्राहक ऊंची नस्ल को अधिक पसंद करते हैं।

हर वर्ग के लिए

बकरा मंडी में प्रत्येक वर्ग के लिए बकरा मौजूद है। जिनकी कीमत तीन हजार रुपए से लेकर 21 हजार रुपए तक है। हालांकि, बकरों का दाम उनके रंग और कद काठी पर निर्भर करता है। बकरा व्यापारी बताते हैं कि हर साल बकरीद के सीजन में करोड़ों रुपए के बकरे का व्यवसाय होता है, जिसकी तैयारी पहले से शुरू हो जाती है।

ऑनलाइन व्यापार से नुकसान

हाजी असलम बताते हैं कि बकरों का ऑनलाइन व्यापार तेजी से बढ़ रहा है, जिसका नुकसान उनके जैसे व्यापारियों को उठाना पड़ रहा है। मंडी में आने वाले ग्राहक मोल भाव कर अच्छे नस्ल के बकरे खरीदकर ले जाते हैं। जबकि, ऑनलाइन खरीदारी में इसकी गुंजाइश नहीं होती है। इसी मंडी से बकरों को खरीदकर ऑनलाइन बेचा जाता है। जिससे ग्राहक अनजान हैं।

बॉक्स

इस बार डाउन है मार्केट

फिलहाल इस समय बकरों की मार्केट डाउन है। व्यापारी पप्पूभाई बताते हैं कि मंडी में बकरे बड़ी तादाद में आ गए हैं। जबकि, ग्राहक उतनी संख्या में अभी नहीं हैं। इसकी वजह से मार्केट डाउन चल रही है। जो बकरा पिछले साल दस हजा रुपए में बिक रहा था वह इस साल सात हजार रुपए में बेचा जा रहा है। भविष्य में मार्केट बेहतर होने की उम्मीद की जा रही है।

-मार्केट में तीन से 21 हजार रुपए है बकरों की कीमत

-50 हजार रुपए से ऊपर है राजस्थानी तोतापरी नस्ल

-अनमोल माना जाता है कि अल्लाह लिखा हुआ बकरा

-लाल, सफेद और अबलक रंग के बकरों की है अधिक डिमांड

-ग्राहकों को लुभाने के लिए सलमान, शाहरुख आदि नाम रखे जाते हैं बकरों के

Posted By: Inextlive