चुनाव में बेकार गया कर्मचारियों का बलिदान
प्रयागराज (ब्यूरो)। भाजपा को चुनाव में वोट नही देने का ऐलान कर्मचारी संगठनों ने शुरू में ही कर दिया था। उनकी नाराजगी पुरानी पेंशन की मांग को लेकर थी। कर्मचारियों का कहना था कि अगर उनकी पुरानी पेंशन नही लौटी तो वह भाजपा सरकार का चुनाव में समर्थन नही करेंगे। यही कारण रहा कि पोस्टल बैलेट के जरिए हुई वोंिटंग में सपा के कैंडिडेट पूरी बारह विधानसभा में नंबर वन पर रहे। हालांकि ईवीएम की वोटिंग में उनको हार का सामना करना पड़ा। किसकों कितना मिला वोटविधानसभा कुल वोट भाजपा को मिले वोट सपा को मिले वोटकोरांव 730 169 403 बारा 1040 200 469शहर उत्तरी 2222 851 899
मेजा 789 247 391इलाहाबाद पश्चिम 1383 376 474हंडिया 1140 219 598प्रतापपुर 976 177 560फूलपुर 1921 543 905
सोरांव 224 694फाफामऊ 1115 357 519करछना 730 190 446इलाहाबाद दक्षिणी 1077 387 612साबित हो जाते हैं निर्णायकदेखा जाए तो चुनाव में चार सीटें सपा ने जीती हैं। इनमें पोस्टल बैलेट के वोट का बड़ा रोल था। इनमें मेजा, हंडिया, सोरांव की सीटें शामिल रहीं। फूलपुर में तो हार जीत का अंतर इतना कम रहा कि जरा सी चूक होती तो भाजपा को हार का सामना करना पड़ सकता था। यहां भी कर्मचारियों ने सपा प्रत्याशी अंसार अहमद भाजपा के मुकाबले दोगुने वोट दिए। सोरांव में तो दोनों पार्टियों के बीच तीन गुन वोट का अंतर था। यह भी बता दें कि ट्रेनिंग के दौरान हुए मतदान में आधे कर्मचारियों ने भाग ही नही लिया था। तीसरे नंबर पर ही बसपाकई कर्मचारी ऐसे भी थे जिन्होंने बसपा को भी वोट दिया। इन्होंने भाजपा और सपा दोनों को नकार दिया। वहीं शहर उत्तरी, हंडिया और फूलपुर में कर्मचारियों ने सपा ओर भाजपा के बीच जमकर मतदान किया। यहां दोनों पार्टियों को जमकर वोट मिले। हालांकि परिणाम आने के बाद कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी है।