उखड़ी हुई सड़कों की गिट्टियां इंदिरा मैराथन में रेस के लिए आने वाले धावकों की रफ्तार में रोड़ा बनेंगी. इंदिरा मैराथन में दो दिन शेष रह गए हैं. बावजूद इसके रूट की सड़कों को दुरुस्त नहीं किया जा सका है. सड़कों की कंडीशन यही रही तो धावकों का पांव जख्मी होना तय है. जिले में आयोजित होने वाली इस प्रतियोगिता में तमाम गैर प्रांत व जनपदों के रेसर प्रतिभाग करते हैं. बावजूद इसके अब तक रेस के लिए पूर्व निर्धारित रूट की सड़कों के मेंटिनेंस पर जिम्मेदार गौर नहीं कर रहे. मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में प्रतियोगिता को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही हैं.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। अखिल भारतीय प्राइजमनी इंदिरा मैराथन प्रतियोगिता का यह 37-वां वर्ष है। इस प्रतियोगिता में 42.195 किलो मीटर की रेस दूर दराज से आने वाले धावकों द्वारा लगाई जाती है। आनन्द भवन से प्रति वर्ष 19 नवंबर की सुबह 6.30 बजे से प्रतियोगिता में रेस की शुरुआत होती है। निर्धारित दूरी तय करते हुए धावकों की रेस मदन मोहन मालवीय स्टेडियम पहुंच कर समाप्त होती है। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए स्टेडियम में काउंटर खोले जा चुके हैं। हालांकि बुधवार तक रजिस्ट्रेशन की गति काफी धीमी रही। अभी तक किसी बड़े धावक ने प्रतियोगिता में के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। स्टेडियम के जिम्मेदारों का मानना है कि बड़े धावकों का आगमन 17 नवंबर की शाम या 18 नवंबर की सुबह तक शुरू हो जाता है। बाहर से आने वाले धावकों को रुकने के लिए खेल विभाग होटलों में इंतेजाम किए जाएंगे।

रेस के रूट पर शूल बनेंगे गड्ढे
रेसरों को निर्धारित दूरी तय करने के लिए शहर में रूट पहले से तय किए जा चुके हैं। इसी रूट से हर साल धावक गुजरते हैं।
आनन्द भवन से होगी शुरूआत। धावक एमएनआईटी से टर्न लेकर म्योहाल से धोबी घाट एकलव्य चौराहा होकर सिविल लाइंस बैरहना से होते हुए नए यमुना ब्रिज की तरफ बढ़ते हैं।
प्रतियोगिता शुरू होने में महज दो दिन शेरू रह गए हैं। बावजूद इसके निर्धारित रूट की सड़कें को दुरुस्त करने का काम पूरा नहीं हो सका है।
धोबी एकलव्य चौराहे से डाक घर की तरफ मुड़ते ही पूरी रोड खराब है। जगह-जगह गिट्टियां उखड़ी हुई हैं। उखड़ी हुई यह सड़कें धावकों की राह में रोड़ा तो बनेंगी ही
उनके पांव को जख्मी भी कर सकती हैं। एक्सपर्ट कहते हैं कि दौडऩे के लिए सड़कों या रूट का प्लेन होना जरूरी है।
सड़कें या रूट के खराब होने पर धावक जल्द ही थक जाते हैं और उन्हें तकलीफ होने लगती है।
एकलव्य चौराहे के पास की रोड तो महज एक उदाहरण मात्र है। यह कंडीशन सिविल लाइंस के आग बढऩे पर और भी दयनीय है।

पुरस्कार की घोषित इनाम राशि
प्रथम पुरस्कार 2,00,000 रुपये
द्वितीय पुरस्कार 1,00,000 रुपये
तृतीय पुरस्कार 75, 000 रुपये
सांत्वना पुरस्कार 10,000 रुपये

कल से स्टेडियम में मिलेगी चिप
अखिल भरतीय प्राइजमनी इंदिरा मैराथन प्रतियोगिता में सिर्फ प्रदेश के ही नहीं, महाराष्ट्र पंजाब, दिल्ली, कश्मीर, उत्तराखण्ड, बिहार जैसे प्रदेशों के प्रोफेशनल धावक व सेना सहित अन्य विभागों के रेसर भी प्रतिभाग करते हैं। इन स्थानों के धावकों का प्रतिभाग करना कोई बड़ी बात नहीं हैं। यहां के रेसर पहले भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेते रहे हैं। रजिस्ट्रेशन करा चुके धावकों को 18 नवंबर की सुबह नौ बजे से चिप का वितरण किया जाएगा। प्रतिभाग के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके निर्धारित डेट व समय से पहुंच कर मिलने वाले चिप को मदन मोहन मालवीय स्टेडियम से प्राप्त कर सकते हैं।

Posted By: Inextlive