म्योराबाद में दिनदहाड़े एक लाख की टप्पेबाजी
प्रयागराज ब्यूरो, हरिकेश कुमार निर्मल होलागढ़ थाना क्षेत्र के चौबाराडीह गांव निवासी बृजलाल निर्मल का बेटा है। शहर स्थित बेली गांव में किराए के कमरे में रहकर हरिकेश कटरा स्थित गुप्ता जनरल मर्चेंट स्टोर में काम करता है। पुराना कर्मचारी था लिहाजा शॉप के मालिक उस पर विश्वास किया करते थे। इसी विश्वास में हरिकेश को मालिक ने शनिवार सुबह करीब 11.30 बजे बैंक ऑफ बड़ौदा की म्योराबाद शाखा में एक लाख रुपये निकालने के लिए भेजा था। हरिकेश बैंक पहुंचा और मालिक के एक लाख रुपये निकाला। इस बीच उस पर बैंक के अंदर रहे टप्पेबाजों की नजर टिक गई। एक टप्पेबाज उसके पास और बहाने से फार्म भरने के लिए पेन मांगा। इस तरह शातिरों ने हरिकेश से बातचीत शुरू की। दूसरे शातिर ने उससे अपना फार्म भरने के लिए कहा। इस तरह एक मोटा सा शातिर हरिकेश से बातों ही बातों में बताया कि उनके पास दो लाख 80 हजार रुपये हैं। दूसरे शातिर ने कहा कि यह पैसे चोरी के हैं। हरिकेश को लालच दिया कि यदि वह साथ जाकर बिजिया बैंक में जमा करा देगा तो वे चार हजार रुपये उसे देंगे। थोड़ी देर में दूसरे ने मदद की रकम बढ़ाकर दस हजार कर दिया। त्योहारी सीजन में थोड़ी सी मदद पर दस हजार रुपये मिलने की बात सुनकर हरिकेश लालच में आ गया।
पैदल नहीं, ब्रेजा कार से थे शातिरबैंक से हरिकेश के साथ आए टप्पेबाज को खुद को पैदल बताकर रुपयों को जमा कराने के लिए उससे मदद मांगे थे। मगर घटना के बाद पुलिस की छानबीन में पता चला कि शातिर टप्पेबाज पैदल नहीं बल्कि ब्रेजा कार से थे। उनकी कार इंद्रप्रस्थ कॉलोनी के ठीक सामने दूसरी साइड खड़ी थी। सूत्रों की मानें तो फुटेज आदि की छानबीन में पुलिस को पता हरिकेश से एक लाख की टप्पेबाजी के बाद दोनों शातिर इसी कार से भागे हैं। वह कार हंडिया साइड की बताई जा रही है। वर्जन
पीडि़त युवक द्वारा घटना लूट की बताई गई थी। पूछताछ व छानबीन में मालूम चला कि वारदात लूट की नहीं टप्पेबाजी की है। टप्पेबाजों की तलाश में लगाई गईं टीमें काम कर रही हैं। शातिरों को ट्रेस कर लिया गया है। जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
संतोष कुमार मीना, एसपी सिटी
गड्डी के ऊपर नोट नीचे मिले कागज
टप्पेबाजों के साथ वह बैंक से बाहर अपनी स्कूटी के पास आया।
स्कूटी की डिग्गी खोलकर हरिकेश टप्पेबाजों को कहा कि वह अपने रुपये डिग्गी में रख दें। शातिरों ने रुपयों की गड्डी उसकी डिग्गी में रख दिया।
इसके बाद शातिर बोला कि मेरे रुपये अधिक हैं। तुम स्कूटी से लेकर भाग सकते हो। मैं अकेले दोस्त को रुपये लेकर तुम्हारे साथ नहीं भेजूंगा।
चूंकि एक शातिर मोटा था लिहाजा स्कूटी पर तीनों आते नहीं। ऐसे में हरिकेश विश्वास जमाने के लिए मोटे वाले शातिर को बैंक से मालिक के निकाले गए एक लाख रुपये दे दिया।
कहा कि हम तुम्हारे रुपये जमा कराकर आएंगे तो मेरे एक लाख व कहे के मुताबिक बतौर मदद दस हजार दे देना।
मोटा वाला शातिर उसके एक लाख रुपये लेकर म्योराबाद बैंक के पास रोड पर इंतजार करने को कहा।
पतला वाला उसका साथी हरिकेश की स्कूटी पर बैठा और इंद्रप्रस्थ कॉलोनी तक गया। कॉलोनी के पास उससे स्कूटी रुकवाया और कहा कि मोटे वाले साथी के पास उसका कुछ सामान है।
वह लेकर आ रहा है। स्कूटी से उतरा और दोनों उसके रुपये लेकर भाग गए। हरिकेश कॉलोनी के पास उसका इंतजार ही करता रहा।
हरिकेश अपनी स्कूटी की डिग्गी में शातिरों द्वारा रखे हुए गए नोटों की गड्डी को तो उसके होश उड़ गए।
गड्डी के ऊपर तो एक दो असली नोट थी बाकी बीच में सभी कोरेकागज थे। यह देखकर वह माजरा समझ गया और पुलिस को खुद के साथ एक लाख रुपये के लूट की खबर दिया।
पुलिस को फोन करके वह लूट की बात बताते हुए रोने लगा। उसकी आवाज और घटना को सुनते ही पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया।
भाग कर एसपी सिटी सहित सीओ कर्नलगंज व कर्नलगंज थाने की फोर्स के साथ एलआईयू की टीम भी पहुंच गई।
छानबीन में व पूछताछ में हरिकेश यह सारी बात पुलिस को बताया। कर्मचारी हरिकेश के साथ लूट की घटना सुनते ही शॉप के मालिक अविनाश गुप्ता एवं उनके परिवार के लोग भी मौके पर पहुंच गए।