साथियों के लिए खतरा बन रहे बच्चे!
लखनऊ में सामने आई घटना ने बढ़ाई पैरेंट्स की चिंता
स्कूल मैनेजमेंट के लिए भी भी बजा एलार्म ALLAHABAD: शुक्र है कि इलाहाबाद में न तो गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल जैसी कोई वारदात हुई है और न ही लखनऊ के ब्राइटलैंड जैसी कोई घटना। लेकिन, इन दोनों घटनाओं को लेकर इलाहाबाद के स्कूलों में पढ़ने वाले पैरेंट्स की चिंता बढ़ा दी है। बच्चों के अंदर बढ़ती अपराध की मानसिकता ने स्कूल प्रबंधन के लिए भी खतरे की घंटी बजा दी है। बच्चों में इस तरह की प्रवृत्ति क्यों और इसका समाधान क्या-क्या संभव हो सकता है? की तलाश के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट आज से ये कैंपेन शुरू कर रहा है। आज हमने कई स्कूलों के सिक्योरिटी अरेंजमेंट्स को चेक किया। भीतर सीसीटीवी, बाहर भगवान भरोसेप्राइवेट स्कूलों के रियलिटी चेक में सामने आया कि लगभग सभी ने क्लास के भीतर बच्चों की एक्टिविटी वॉच करने के लिए सीसीटीवी कैमरा लगा रखा है। महर्षि पतंजलि में प्रिंसिपल सुष्मिता कानूनगो और आर्मी पब्लिक स्कूल में खुद प्रिंसिपल अपने ऑफिस में सभी कैमरों को वॉच करती दिखीं। सेंट जोसेफ, बिशप जानसन, ब्वॉयज हाई स्कूल के मेन गेट से लेकर स्कूल की लॉबी को भी सीसीटीवी के कवरेज एरिया में रखा गया है। यहां तक तो हर जगह सब ठीक मिला लेकिन कुछ चैलेंज भी सामने दिखे। मसलन क्या प्रिंसिपल सिर्फ यही काम पूरे दिन करता रहेगा? स्कूलों से बच्चों को गेट से बाहर निकलने तक के एरिया में ही गार्ड तैनात मिले। इसके बाद बच्चा क्या कर रहा है, किसी को कुछ पता नहीं। ऐसे स्कूल काफी कम मिले जहां वॉशरूम और उससे लगे एरिया को सीसीटीवी के कवरेज एरिया में रखा गया है। यह भी चैलेंजिंग है कि दोनो घटनाएं वॉशरूम में ही हुई थीं।
पुलिस वेरीफिकेशन का काम पेंडिंग इलाहाबाद में बच्चों के साथ हुई घटनाओं के बाद प्रशासन की तरफ से स्कूलों में वाहन चालकों और टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ का पुलिस वेरीफिकेशन अनिवार्य किया जा चुका है। इसके बाद भी पूरे स्टॉफ का वेरीफिकेशन किसी भी स्कूल का नहीं मिला। शहर के थानों से चेक करने पर पता चला कि स्कूलों ने चुनिन्दा स्टॉफ की लिस्ट की वेरीफिकेशन के लिए दी है। यह काम भी पेंडिंग हैं। कारण पूछने पर स्कूल मैनेजमेंट और पुलिस एक-दूसरे के मत्थे जिम्मेदारी मढ़ते नजर आए। बच्चों को लेकर आने-जाने वाले वाहनाें के चालकों की लिस्ट किसी ने यह कहते हुए वेरीफिकेशन के लिए नहीं दी है कि उनका स्कूल से सीधा कोई संबंध नहीं है।वॉशरूम के पास आया को तैनात किया गया है, जिससे किसी भी प्रकार की समस्या होने पर उसे समय रहते रोका जा सके। जहां तक सीसीटीवी कैमरे की मॉनिटरिंग की बात है तो पहले स्टॉफ करता था अब मैं खुद इसकी मॉनिटरिंग लगातार करती हुं।
जया सिंह प्रिंसिपल, डीपी पब्लिक स्कूल स्कूल में सीसीटीवी कैमरों को और एडऑन किया गया है, जिससे बच्चों की सिक्योरिटी को और बेहतर किया जा सके। बच्चों की काउंसलिंग पर भी लगातार फोकस किया जा रहा है। अल्पना डे प्रिंसिपल, गंगागुरुकुलम् बच्चों की सिक्योरिटी को लेकर पुलिस अॅवेयर है। स्कूलों में प्रोग्राम आयोजित करके बच्चों को गाइड किया जाता है। बच्चों को थाने का चार्ज दिए जाने की योजना भी उन्हें एलर्ट करने के लिए ही है। वेरीफिकेशन पर हमारा पूरा फोकस है। श्रीश चन्द्र सीओ, सिविल लाइंस