गंगा-यमुना के तटीय इलाकों में रहने वालों की आंखों की नींद उड़ चकी है. वह पल-पल अपनी ओर नदियों का आता पानी देख रहे हैं. बाढ़ के डर से लोग पलायन की तैयारियों में लग गए हैं. कोई अपने रिश्तेदार के यहां जा रहा है तो छात्र वापस अपने घरों में लौट रहे हैं. उनका कहना है कि बाढ़ का पानी वापस लौटने के बाद वह फिर से मकान में आ जाएंगे.


प्रयागराज (ब्यूरो)। झूंसी के बदरा सुनौटी गांव का सम्पर्क मार्ग में पानी भरने के कारण प्रशासन ने नाव तैनात कर दी है। नागवासुकी मंदिर, संगम संपर्क मार्ग पर गंगा नदी का पानी भर गया है। पुराने यमुना पुल के किनारे रह रहे लोगों को हटा दिया गया है। वहीं शहरी इलाकों में हजारों मकानों के बाढ़ के पानी की जद में आने के कारण शुक्रवार को एनडीआरएफ की एक और एसडीआरएफ की दो कंपनियां मंगाईं गयी थीं। जिसके बाद शनिवार को दोनो कम्पनियां प्रयागराज पहुंच गई हैं। उनकी डयूटी लगा दी गई है।हर साल होती है दिक्कत


सलोरी में किराए के मकान में रह रहे दीपक, अंकित, आशू इलाहाबाद विवि के छात्र हैं। इनका बीए का अंतिम साल है और यह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि हर साल यहां बारिश में पानी गलियों में आ जाता है। इस साल आसार घरों में घुसने के बन रहे हैं। इसलिए उन्होंने अपना सामान समेट लिया है और जल्द ही वापस अपने गांव चले जाएंगे। 10 से 15 दिन बाद स्थिति सामान्य होने पर पुन: लौटेंगे।रिश्तेदार के यहां रहेंगे करीम

बघाड़ा में रहकर फेरी लगाने वाले करीम और उनका परिवार भी बाढ़ से भयभीत हो रहा है। उन्होंने अपना सामान ऊपर के तल पर शिफ्ट कर दिया है। उनका कहना है कि करेली में उनके रिश्तेदार रहते हैं। उनसे बात हो गई है। अगर घर में बाढ़ का पानी घुसा तो करीम अपने परिवार के साथ रिश्तेदार के यहां कमरे में रहने चले जाएंगे। इसी तरह सादिया बानो भी प्रशासन की ओर से बनाए गए आश्रय स्थल में जाने की तैयारी कर चुकी हैं। दिन में वह सब्जी की दुकान लगाती हैं। कहती है कि मजबूरी में रात को शरणालय में सोना पड़ेगा। तेजी से बढ़ रहा है पानीबाढ़ का पानी सलोरी, बघाड़ा, ओम गायत्री नगर, करेली, दारागंज आदि एरिया की गलियों में प्रवेश कर गया है। जल्द ही आबादी में पहुंचने लगेगा। पिछले 24 घंटे में गंगा में 51 सेमी और यमुना में 48 सेमी जलस्तर बढ़ा है। शनिवार दोपहर बारह से शाम चार बजे के बीच गंगा में 6 और यमुना में 5 सेमी जलस्तर बढ़ोतरी हुई थी। हालांकि शुक्रवार के मुकाबले रफ्तार में थोड़ी कमी हुई है लेकिन ठहराव नही आया है। अधिकारियों का कहना है जब तक दूसरे प्रदेशों में बारिश होती रहेगी, बाढ़ की संभावना से इंकार नही किया जा सकता है।जलस्तरफाफामऊ- 82.63 मीटरछतनाग- 81.88 मीटरनैनी- 82.49 मीटर

खतरे का निशान- 84.73 मीटर

24 घंटे हो रही मॉनिटरिंग जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने बक्शी बांध स्थित एसटीपी का शुक्रवार को निरीक्षण कर वहां पर बाढ़ की स्थिति की जानकारी लेते हुए तैयारियों को दुरूस्त बनाये रखने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए थे। इसके बाद बाढ़ नियंत्रण केंद्र से 24 घंटे मॉनिटरिंग हो रही है। जिला पुलिस एवं जल पुलिस के जवान अलर्ट मोड पर हैं। जिला प्रशासन ने बाढ़ राहत कंट्रोल रूम की स्थापना तक की गई है। बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में रह रहे लोगों पूरी तरह सतर्क है। गंगा एवं यमुना नदियों के निरंतर बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए कछारी एवं तटीय क्षेत्रों में कुछ लोग शिफ्ट तक हो रहे है। वह शरणालय की ओर जा रहे है।

Posted By: Inextlive