कांवडिय़ों की सुरक्षा में बढ़ाए गए गोताखोर सिविल व जल पुलिस का मूवमेंट बढ़ासावन का महीना और शिव भक्तों में आस्था का ज्वार हिलोरें ले रहा है. गंगा घाट से लेकर शिवालय तक कांवडिय़ों की जबरदस्त भीड़ है. हर-हर भोले बम-बम भोले की अलख से घाट और शिव मंदिर गूंज रहे हैं. स्नान और जल के लिए घाट पर पहुंच रहे भक्तों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन फिक्रमंद हो गया है. क्योंकि जल स्तर बढऩे लगा है. स्नान घाटों पर गोताखोर बढ़ा दिए गए हैं. दशाश्वमेध घाट पर स्टीमर लगा दी थी गई है.

प्रयागराज (ब्यूरो)। बैराजों से पानी छोड़े जाने के चलते गंगा के साथ यमुना का जलस्तर बढऩे लगा है। सिंचाई विभाग व गंगा बाढ़ कार्यालय के आंकड़े इसकी गवाही देते हैं। फाफामऊ में पिछले वर्ष जुलाई महीने की 22 तारीख को जितना पानी था, इस बार उससे करीब 51 सेंटीमीटर जल अधिक है। छतनाग और नैनी घाट पर करीब ढाई से तीन मीटर जल पिछले वर्ष से अधिक है। बढ़ रहे जल स्तर को देखते हुए घाटों पर शिव भक्तों की सुरक्षा को और मजबूत किया गया है। घाट पर जल पुलिस की ड्यूटी शुरू से ही है। अब दशाश्वमेध घाट पर चार और संगम एरिया में तीन गोताखोर बढ़ा दिए गए हैं। स्नान घाट पर पहुंचने वाले कांवडिय़ों की सुरक्षा में स्टीमर लगा दी गई है।
स्थान 2021 2022
फाफामऊ 77.36 77.87
छतनाग 71.55 74.73
नैनी 72.31 75.44
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नोट- दोनों वर्ष का डाटा जुलाई 22 तारीख का मीटर में है।
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रास्ते में भी सुरक्षा की गई चुस्त
बारिश के मौसम को देखते हुए कांवडिय़ों की सुरक्षा को लेकर जगह-जगह लगाए गए पुलिस के जवानों को हिदायत दी गई है। कहा गया है कि भीगने की वजह से यदि कहीं कोई कांवड़ यात्री बीमार हों तो उन्हें फौरन हॉस्पिटल ले जाया जाय। उनकी इलाज में देर या किसी तरह की लापरवाही न बरती जाय।

जल स्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है। पानी गंगा की अपेक्षा यमुना में ज्यादा बढ़ा है। चूंकि अभी बहुत अधिक जल नहीं बढ़ा और पाट चौड़े हैं इसलिए पानी में फुलाव समझ नहीं आ रहा। बढ़े हुए इस जल से बहाव थोड़ा तेज हुआ है।
दिनेश कुमार त्रिपाठी
प्रभारी अधिकारी बाढ़

Posted By: Inextlive