बदला मौसम, बढ़ा संक्रमण का खतरा
- पांच दिन तक परेशान कर रहा है फीवर और कफ
- लोग हैं परेशान, अस्पतालों की ओपीडी में हो रही है भीड़ प्रयागराज- मौसम खतरनाक हो चला है। अगर लापरवाही बरती तो पांच दिन बिस्तर पर बीतना तय मान लीजिए। बात हो रही है वायरल इंफेक्शन की। संक्रमण के फैलने की स्पीड इतनी अधिक है कि रोजाना सैकड़ों की संख्या में मरीज अस्पतालों की ओपीडी में पहुंच रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि इस सीजन में गंदगी और बाजार की चीजों से परहेज बरतना जरूरी है। इनकी वजह से संक्रमण सबसे तेज फैलता है। संक्रमण एक लक्षण अनेकसंक्रमण इतना खतरनाक है कि चपेट में आने वाले व्यक्ति का बुखार उसका तीन से पांच दिन तक पीछा ही नही छोड़ता है। इससे पीछा छुड़ाने के लिए मरीजों को प्रतिबंधित नीमुसुलाइड दवा का सेवन तक करना पड़ रहा है। इसके अलावा कफ की वजह से मरीज का गला चोक हो जा रहा है। खांसी और छीक के चलते लोग परेशान हैं। साथ ही शरीर में दर्द और पेट भी खराब हो जाता है। कुछ अन्य लक्षण भी हैं जो वायरल इंफेक्शन के दौरान मरीज को काफी दिक्कत पैदा करता है।
कम हो सकती है प्लेटलेट्ससबसे अहम बात यह कि वायरल इंफेक्शन में भी डॉक्टर्स मरीजों को धड़ल्ले से नीमुसुलाइड लिख रहे हैं। जबकि इसके खाने से खून में प्लेटलेट्स की मात्रा बहुत अधिक कम हो सकती है। जिसकी वजह से नाक और कान से ब्लीडिं गकी समस्या हो सकती है। यह दवा दुनिया के कई देशों में बैन भी की गई है जिसमें हमारा देश भी शामिल है। इसको मरीज को देने में कई इंस्ट्रक्शंस का ध्यान रखना पड़ता है। साथ ही इस दवा को खाने से लीवर पर भी गलत प्रभाव पड़ता है।
बॉक्स थोड़ा जुबान पर भी रखिए कंट्रोल डॉक्टर्स का कहना है कि बारिश के सीजन में लोग चटपटा अधिक पसंद करते हैं। ऐसे में वह बाजार मे समोसे, चाट, पकौड़ी, कटलेट, पानी पूरी आदि का अधिक सेवन करते हैं। अगर कहीं साफ सफाई का ध्यान नही रखा गया तो संक्रमण फैलने के चांसेज बने रहते हैं। यही कारण् ाहै कि अगर चटपटा खाने का मन हो तो साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें। हो सके तो घर का बना भोजन ही करें। सीधे नल का पानी मत पिएंसंक्रमण फैलने का दूसरा सबसे अहम कारण प्रदूषित जल का सेवन है। प्रयागराज में बाढ़ के सीजन में नदियों का पानी शहर के तमाम हिस्सों में आ जाता है। जब ये वापस लौटता है तो गंदगी छोड़ जाता है। यही गंदगी टूटी पाइप लाइन के जरिए घरों में पहुंचता है। जिसका सीधा सेवन करके लोग बीमार पड़ जाते हैं। यही कारण है कि कछार के एरिया में जुलाई व अगस्त के महीने में बहुत अधिक मरीज सामने आते हैं।
बचना है तो इसका ध्यान रखें - पानी में क्लोरीन की गोली डालकर ही उसका यूज करें। - नल का पानी पीने से पहले उसे उबालकर छान लें। - बाजार में बने आइटम खाने से पहले साफ सफाई का मुआयजा कर लें। - शरीर की साफ सफाई का ध्यान दें और कपड़े भी धुले हुए पहनें। - भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। बीमार होने पर डॉक्टर को दिखाएं। खुद से दवाएं न लें। - नीमुसुलाइड जैसी दवाओं का सेवन करने से बचें। पैरासिटामाल ही खाएं। - बुखार आने पर घबराएं नहीं। डॉक्टर से सलाह लें। - धूप से आते ही फ्रीज का ठंडा पानी मत पिएं। - छीकने और खांसने वाले व्यक्ति से बात करते समय मास्क का उपयोग करें। - दूसर का टावेल, साबुन और ब्रश का कतई यूज न करें। वर्जनबारिश और बाढ़ के सीजन में संक्रमण के मामले अधिक आते हैं। यह संक्रमण एक से दूसरे मरीज में आसानी से फैलता है। इसलिए खुद का ध्यान रखें और गंदगी में जाने से बचें। फीवर आने पर पैरासिटामाल का सेवन करें। अन्य नुकसानदायक दवाओं से दूरी बनाकर रखें या डॉक्टर की सलाह पर ही खाएं।
कमलेश सोनकर, फिजीशियन, एसआरएन हॉस्पिटल