बहुविकल्पीय संस्थान में रुचि के अनुसार होगा रिसर्च
- नई शिक्षा नीति में प्रत्येक जिले में एक बहुविकल्पीय संस्थान होंगे स्थापित
prayagraj@inext.co.in PRAYAGRAJ: नई शिक्षा नीति में प्रत्येक जिले में बड़े आकार का एक बहुविकल्पीय संस्थान वर्ष 2030 तक स्थापित किया जाना है। जिससे विषयों के रचनात्मक संयोजन के साथ ही अत्याधुनिक पाठ्यक्रमों, लचीले विकल्प और अनेक प्रवेश और निकास विकल्प स्टूडेंट्स को अपनी रूचि के क्षेत्र में रिसर्च करने को अनुमति देंगे व जिज्ञासा बढ़ा देंगे। ये बातें सचिव शिक्षा संस्कृति उत्थान व्यास, नई दिल्ली डा। अनिल कोठारी ने कही। मौका था भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, प्रयागराज में मंगलवार शाम को नई शिक्षा नीति के विविध पहलुओं एवं उनके क्रियान्वयन के बारे में आयोजित संगोष्ठी का। क्रेडिट बेस्ड हो फीसडॉ। अनिल कोठारी ने कहा कि स्टूडेंट्स से फीस क्रेडिट पर आधारित होना चाहिए। स्टूडेंट जितने क्रेडिट के पाठयक्रम में प्रवेश लेगा, वो संस्थान उतने ही क्रेडिट्स की फीस स्टूडेंट्स से ले, इसकी व्यवस्था होनी चाहिए। ट्रिपलआईटी के डायरेक्टर प्रो। पी नागभूषण ने कहा कि ट्रिपलआईटी प्रयागराज में नई शिक्षा नीति के लागू होने से पहले ही इसके कई प्रावधानों को पहले से ही सफलतापूर्वक लागू कर दिया गया है। इस दौरान डा। संजय देशमूख, पूर्व कुलपति, बम्बई यूनिवर्सिटी के साथ ही बीएचयू, वाराणसी, एमएमनाईटी ,प्रयागराज, टेक्निकल यूनिवíसटी , लखनऊ, ट्रिपल आई टी व अन्य यूनिवर्सिटी के प्रतिभागियों ने अपने विचार रखे।