राष्ट्रीय शिल्प मेला में 11वें दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत यूपीआरटीओयू की वीसी प्रो. सीमा सिंह के दीप प्रज्जवलन के बाद हुई. कला केन्द्र के डायरेक्टर प्रो सुरेश शर्मा ने चीफ गेस्ट का वेलकम किया. चीफ गेस्ट ने भारतीय संस्कृति साहित्य और शिल्प कला पर प्रकाश डालते हुए शिक्षा जगत से इन विधाओं को जोडऩे पर बल दिया. कल्चरल प्रस्तुतियों की शुरुआत प्रतिमा मिश्रा के भजन 'काजल के टीका लगाई देई तोहका मनाय लेई रे से हुई. 'रेलिया बैरन पिया को लिये जाय रेÓ की प्रस्तुति ने समा बांध दिया.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। उड़ीसा के कलाकारों द्वारा 'डाल खाई रे नृत्यÓ पर मनोहारी प्रस्तुति दी गयी। असम के कलाकारों ने असमियां परिधान पहनकर ढोल की थाप और पेंपें की मधुर आवाज पर बिहू नृत्य की अलौकिक छटा को स्टेज पर प्रजेंट किया। महाराष्ट्र के कलाकारों द्वारा श्रृंगार रस प्रधान लावणी नृत्य की प्रस्तुति दी गयी। वीरो की भूमि महोबा से आये राम चरन यादव और उनके दल के कलाकारों ने युद्ध कला पर आधारित दीवारी नृत्य प्रस्तुत किया। दीवारी नृत्य कार्तिक के महीने में ग्राम समाज के मन्दिर में युद्ध कला के प्रदर्शन को दर्शाते हुए किया जाता है। कार्यक्रम में भोजपुरी भाषा की मिठास को दर्शकों के बीच में उकेरते हुए बहुचर्चित प्रयागराज के युवा गायक धर्मेश दीक्षित द्वारा कई गीतों की लडिय़ों को प्रस्तुत किया गया, जिसका पूर्वांचल के दर्शकों ने भरपूर आनंद उठाया। अन्त में केन्द्र निदेशक ने सभी उपस्थित दर्शकों एवं श्रोताओं के साथ मुख्य अतिथि का भी धन्यवाद ज्ञापित किया।

Posted By: Inextlive