नए केस की लिस्टिंग व्यवस्था सुधारने को चीफ जस्टिस से मिलेगा डेलीगेशन

प्रयागराज ब्यूरो । करीब पांच सौ अधिवक्ता सदस्यों की तरफ से हुई डिमांड पर गुरुवार को कॉल की गयी इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की आम सभा में जमकर कहासुनी हुई। हंगामे और बवाल के बाद भी कार्यकारिणी सदस्यों ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिये। दो महत्वपूर्ण फैसलों में पहला ट्रेजरार को सस्पेंड करने का निर्णय था तो दूसरा कार्यकारिणी सदस्यों के सामूहिक इस्तीफे को नामंजूर कर दिया जाना। कार्यकारिणी ने ट्रेजरार आशीष कुमार मिश्र की सदस्यता भी तत्काल प्रभाव से समाप्त कर उन्हें निष्कासित करने का प्रस्ताव पास कर दिया है।
लंच ब्रेक के दौरान हुई सभा
हाई कोर्ट बार के सदस्यों की आम सभा लंच ब्रेक के दौरान लाइब्रेरी हाल में दोपहर 1.10 बजे शुरू हुई। इसमें बड़ी संख्या में अधिवक्ता शामिल हुए तो हाल फुल पैक हो गया। आम सभा की अध्यक्षता बार के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने और संचालन महासचिव नितिन शर्मा ने किया। मिटिंग के दौरान हुए हंगामे का वीडियो कुछ ही देर के बाद वायरल करा दिया गया। इससे माहौल में गरमी साफ दिखायी दे रही थी। शाम को इस मिटिंग में लिये गये फैसले की जानकारी बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव (प्रेस) रिलीज जारी करके दी। उनके अनुसार सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि मुकदमों एवं विभिन्न प्रकार की अन्य समस्याओं को लेकर एसोसिएशन के पदाधिकारी जल्द से जल्द एक्टिंग चीफ जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता से मिलेंगे। उनसे आग्रह करेंगे कि दो-तीन दिन के अंदर नये साफ्टवेयर में जरूरी चेंज कराया जाय। उनके सामने नये मुकदमे, आवेदन सुनवाई के लिए समयावधि के अंदर सूचीबद्ध कराने की व्यवस्था करने का मामला उठाया जायेगा। इसके लिए अध्यक्ष/महासचिव को अधिकृत किया गया है।
आम सभा का फैसला न मानने पर ट्रेजरार पर कार्रवाई
रिलीज के अनुसार मिटिंग में सर्वसम्मति से कार्यकारिणी के पदाधिकारियों व सदस्यों के इस्तीफे को अस्वीकार कर दिया गया। 22 दिसंबर 2023 की आम सभा में सर्वसम्मति से लिए गए निर्णय का पालन नहीं करने के कारण कोषाध्यक्ष आशीष कुमार मिश्र की बार की सदस्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त करके उन्हें निष्कासित करने का फैसला लिया गया है। सीनियर वाइस प्रेसीडेंट अमित के श्रीवास्तव, वाइस प्रेसीडेंट आशुतोष पाण्डेय, अरविन्द कुमार श्रीवास्तव, स्वर्ण लता सुमन, अशोक कुमार त्रिपाठी के अलावा संयुक्त सचिव, प्रशासन सर्वेश कुमार दुबे, संयुक्त सचिव लाइब्रेरी अजय सिंह, संयुक्त सचिव प्रेस अमरेन्दु सिंह, संयुक्त सचिव, महिला अंजना चतुर्वेदी, कार्यकारिणी सदस्य प्रीति द्विवेदी, सरिता सिंह, अरविन्द कुमार सिंह, अरूण कुमार त्रिपाठी, अभ्युदय त्रिपाठी, विनोद राय, अमित कुमार पाण्डेय, ओम प्रकाश विश्वकर्मा, आशुतोष मिश्र, सुधीर कुमार केसरवानी, साइमा सहर, गुलाब सिंह यादव अनिल प्रताप सिंह, अनिरूद्ध ओझा, अनिल कुमार मिश्र सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता मिटिंग में शामिल हुए। उधर, पूर्व महासचिव एसडी सिंह जादौन, पूर्व संयुक्त सचिव आशुतोष त्रिपाठी, दुर्गेश चंद्र तिवारी, भानु देव पांडेय ने आम सभा में हंगामा कर पदाधिकारियों की मनमानी कार्यवाही की निंदा की है। कहा है कि 23 जनवरी की वार्षिक आमसभा से पहले आपात आमसभा बुलाकर कोषाध्यक्ष की सदस्यता समाप्त करने का फैसला बाइलाज का खुला उल्लंघन है।

सदस्यता समाप्त कर निष्कासित करने का प्रस्ताव बचकानी हरकत है। बाइलाज के तहत जांच में सुनवाई का मौका देकर दोषी ठहराए बगैर किसी की सदस्यता समाप्त नहीं की जा सकती। कदाचार या बाइलाज में निर्धारित कारण से ही किसी का निष्कासन किया जा सकता है। इसलिए आमसभा की पूरी कथित कार्यवाही विधि शून्य है। बार कार्यकारिणी ने बाइलाज का खुला उल्लंघन किया है।
आशीष कुमार मिश्र
ट्रेजरार, हाई कोर्ट बार

आमसभा, बाइलाज से प्राप्त शक्ति के अधीन प्रस्ताव पारित कर सकती है। इससे पहले भी आमसभा बुलाकर अवैध तरीके से बाइलाज संशोधन की घोषणा की गई, जिसका आम सभा को कोई अधिकार नहीं है। बाइलाज के अनुसार कोई भी संशोधन सीक्रेट बैलेट से दो तिहाई बहुमत पर ही किया जा सकता है। इसका खुला उल्लंघन कर कार्यकारिणी ने अपनी अज्ञानता का परिचय दिया है। यह घोर निंदनीय है। यदि कथित संशोधन से बार के धन का गबन किया जाता है तो यह अपराध होगा। कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
राधाकांत ओझा
सीनियर एडवोकेट

Posted By: Inextlive