हिमांचल प्रदेश से फरार अपराधी के सात शरणदाताओं को कोतवाली थाने पर लाकर पूछताछ कर बिना अधिकारी को बताए छोडऩा आठ पुलिसकर्मियों को महंगा पड़ गया. शुक्रवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने चार उपनिरीक्षक समेत आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया. आरोपितों पुलिस कर्मियों पर प्रलोभन की सम्भावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है. मामले की जांच अभी जारी है.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। एसएसपी द्वारा निलंबित होने वालों में जोनल दंगा नियंत्रण में तैनात उपनिरीक्षक महावीर सिंह, सर्विलांस प्रभारी वरुणकान्त प्रताप सिंह, सूरजकुंड चौकी प्रभारी विरेन्द्र कुमार यादव, उपनिरीक्षक राजीव श्रीवास्तव, आरक्षी अनुराग यादव, संतोष कुमार यादव, जयकांत पाण्डेय, अविनाश शर्मा शामिल है। बता दें 26 फरवरी को कोतवाली क्षेत्र में स्थित एक लॉज में रूके हुए आठ संदिग्धों की तलाश में पहुंची हिमाचल पुलिस इन पुलिसकर्मियों के साथ दबिश दी। हिरासत में लिए गए आठ लोगों से पूछताछ के बाद छोड़ दिया। लेकिन इस सम्बन्ध में स्थानीय पुलिस अधिकारियों को कोई सूचना नहीं दी और न ही स्थानीय थाने में संदिग्धों का नाम दर्ज किया। पूरे प्रकरण को पचा ले गए।

संज्ञान में लिया था मामला
बता दें दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने इस बाबत खबर प्रकाशित की थी। मामले को संज्ञान में लेते हुए इसकी जांच पुलिस अधीक्षक गंगापार अभिषेक कुमार अग्रवाल को एसएसपी ने दिया। जांच के दौरान प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर शुक्रवार दोपहर निलंबित कर दिया गया। सूत्रों की माने तो इस तरह के कार्य के लिए एसओजी के कई सिपाही भी चर्चा में है। जिनपर आलाधिकारियों की नजर टेढ़ी है। उनके द्वारा उठाये फिर बैठाए जाने के बाद छोडऩे की भी जांच गोपनीय चल रही है। तथ्य मिलने के बाद उनपर भी निलंबित की कार्रवाई तय है।

Posted By: Inextlive