हाईकोर्ट के पास हनुमान मंदिर से रविवार को एक फर्जी आईपीएस अधिकारी गिरफ्तार किया गया. एसटीएफ लखनऊ द्वारा लोकल टीम की मदद से शातिर पकड़ा गया तो कई चौंकाने वाले राज सामने आए. आईपीएस की वर्दी में गिरफ्तार फ्राड का नाम विपिन कुमार चौधरी है. वह अपने आप को एसटीएफ लखनऊ का आईपीएस अधिकारी बताता था. इसी रौब का प्रयोग करके वह प्राथमिक विद्यालय के एक सहायक शिक्षक को ब्लैक मेल करने की जुगत में था. उसकी प्रथम ज्वाइनिंग वाले विद्यालय से आईपीएस बनकर जांच के नाम पर उसके सारे कागजात कलेक्ट किया था. गिरफ्तारी के बाद मामले की रिपोर्ट सिविल लाइंस में दर्ज करवाई गई. इसके पास से एसटीएफ ने आईपीएस की वर्दी के साथ कई सामान भी बरामद किए हैं.


प्रयागराज (ब्‍यूराे) गिरफ्तार किया गया फर्जी आईपीएस विपिन कुमार चौधरी मूल रूप से कौशाम्बी जिले के महेवाघाट थाना क्षेत्र स्थित बड़ी अढ़ौली निवासी बनवारी लाल का बेटा है। वह प्रयागराज के राजरूपपुर में किराए का कमरा लेकर सिविल परीक्षाओं की तैयारी किया करता था। एसटीएफ के मुताबिक उसकी मां सुमति देवी मनकापुर प्राथमिक विद्यालय कौशाम्बी में सहायक अध्यापक है। इसी विद्यालय में सुशील कुमार सिंह भी सहायक अध्यापक के पद पर तैनात है। पूछताछ में शातिर विपिन ने बताया कि उसे लगता था कि सुशील की जान पहचान बीआरसी में है। उसी का लाभ उठा कर वह उसकी मां की ड्यूटी बीएलओ में दूर लगवा कर परेशान किया करता है। इसी शक से ग्रसित विपिन कुमार सुशील से बदला लेने व सबक सिखाने की जिद पाल बैठा था। जिद को पूरा करने के लिए एसटीएफ का फर्जी आईपीएस अधिकारी बनकर उसे ब्लैकमेल करने का प्लान बनाया। प्लान को अंजाम देने के लिए यू-ट्यूब से आईपीएस अधिकारी वर्दी, बैच, बिल्ला आदि की जानकारी किया। फिर आईपीएस की वर्दी सिलवा कर उसमें बैच व बिल्ला लगाकर पहन लिया था। फर्जी आईपीएस बनकर किराए पर एक इनोवा कार लिया। फिर इसी गाड़ी से वह ड्राइवर संग आठ अक्टूबर को सहायक अध्यापक सुशील कुमार सिंह की शिक्षा मित्र के रूप में प्रथम नियुक्ति वाले प्राथमिक विद्यालय परसिद्धपुर धाता जनपद फतेहपुर पहुंच गया। इस विद्यालय में वह सहायक अध्यापक राजेश सिंह से वर्ष 2006 से 2019 तक के अध्यापकों की उपस्थिति रजिस्टर की छायाप्रति जांच के नाम पर कलेक्ट कर लिया। इतना ही नहीं रिसीविंग प्रपत्र पर हस्ताक्षर करते हुए खुद का नाम फर्जी नाम रवीन्द्र कुमार पटेल आईपीएस अधिकारी एसटीएफ ब्रांच लखनऊ उत्तर प्रदेश 2062 लिखा। इसी तरह फर्जी आईपीएस बनकर शिक्षा विभाग के विभिन्न दफ्तरों से सहायक अध्यापक सुशील कुमार सिंह के तमाम शैक्षणिक दस्तावेजों को प्राप्त कर लिया। इसके बाद जांच के नाम पर सहायक अध्यापक सुशील कुमार सिंह व राजेश सिंह को ब्लैक मेल करने की जुगत में लग गया। व ब्लैक मेल व ठगी के इरादे से दोनों सहायक शिक्षकों को हाईकोर्ट के पास हनुमान मंदिर चौराहे पर मिलने के लिए बुलाया था। उसके इस हरकत की खबर एसटीएफ को लग चुकी थी। एसटीएफ उसकी तलाश में थी। वह जैसे ही हाईकोर्ट हनुमान मंदिर चौराहा पहुंचा गिरफ्तार कर लिया गया।

शातिर के पास से बरामद सामान

एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए फर्जी आईपीएस अधिकारी के पास से आईपीएस की वर्दी उस पर लगी बैच, कैप, बेल्ट जिसे पहने था वह सब बरामद किया गया। इसी के साथ एक रिसीविंग जो प्राथमिक विद्यालय परसिद्धपुर धाता फतेहपुर की उपस्थिति रजिस्टर का रविन्द कुमार पटेल आईपीएस एसटीएफ ब्रांच लखनऊ 2061 के नाम थी। एक आधारकार्ड, तीन मोबाइल, एक स्कूटी, पिट्ठू बैग जिसमें कपड़े थे। एक डायरी, एटीएम कार्ड 56 उपस्थिति रजिस्टर की छाया प्रति, एक छायाप्रति कार्यभार ग्रहण आख्या सहायक अध्यापक सुशील कुमार सिंह, छयाप्रति नियुक्ति आदेश बीएसए कार्यालय कौशाम्बी सहायक अध्यापक सुशील के नाम का इसी तरह कुल 22 चीजें उसके पास से बरामद की गई हैं।

बताया पीएचक्यू गेस्टहाउस में हूं ठहरा

सिविल लाइंस थाने में फ्राड आईपीएस के खिलाफ राजेश सिंह पुत्र रामेश्वर सिंह निवासी सर्वोदयनगर अल्लापुर द्वारा तहरीर दी गई।

पुलिस को बताया कि वह प्राथमिक विद्यालय परसिद्ध धाता फतेहपुर में सहायक अध्यापक है।

कहा है कि फर्जी अधिकारी कार से विद्यालय पहुंचा और खुद का नाम रवीन्द्र कुमार पटेल आईपीएस एसटीएफ लखनऊ ब्रांच बताया था।

कहा था कि वह शिक्षा मित्र की जांच में आया है। सुशील कुमार सिंह निवासी परसिद्धपुर धाता फतेह पुर उपस्थिति का पूर्ण विवरण चाहिए और शिक्षा मित्र का भी।

उसके द्वारा 2007, 2008,2010, 2013, 2014, 2018, 2019 के प्रत्येक पृष्ट की कॉपी लेकर रिसीव भी किया।

सुशील सिंह उपरोक्त वर्तमान में प्राथमिक विद्यालय मनकापुर सरसवां कौशाम्बी में शिक्षा मित्र से समायोजित होकर सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति है।

ब्लैकमेल करते हुए दोनों को बताया कि वह पीएचक्यू गेस्ट हाउस में रुका है। यहीं मिलने के लिए सुशील के साथ उसे बुलाया था।

दोनों पीएचक्यू पहुंचे तो हाईकोर्ट हनुमान मंदिर वाले चौराहे पर बुलाया था।

लखनऊ ब्रांच का फर्जी आईपीएस बनकर गिरफ्तार शख्स शिक्षक को ब्लैक मेल की कोशिश में लगा था। इस बात की जानकारी टीम को लगने के बाद उसकी तलाश में थी। सही लोकेशन व सूचना मिलते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया। वह अपना गुनाह कबूल कर लिया है।

नावेन्दु कुमार, पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ

Posted By: Inextlive