क्राइम सीरियल देखकर तैयार किया था खुद को मुर्दा घोषित कराने का प्लान पानी थी कर्जदारों से मुक्तिटेलीविजन पर आने वाले क्राइस सीरियल को देखकर कर्ज से मुक्ति पाने का तरीका खोजने वाला फिरोज न घर का रहा और न घाट का. कर्जदार तस का तस अब भी उस पर प्रेशर बनाएंगे और वह खुद एक और अपराध अपने नाम के साथ जोड़कर जेल चला गया. यह स्टोरी है पुलिस की गोली खाने के बाद सोमवार की रात गिरफ्तार किये गये फिरोज की. वह खुद ही नहीं अपनी पत्नी और दो पहचानवालों को अस्पताल पहुंचाने की सीढ़ी तैयार कर गया. मंगलवार को पुलिस ने उसकी पूरी स्टोरी का खुलासा किया तो सुनने वाले भी दंग रह गये.

प्रयागराज ब्यूरो । शातिर फिरोज अहमद बस मालिक था। किश्त नहीं जमा कर पाया तो बस बैंकवाले खींच ले गए थे। पाई-पाई के लिए वह मोहताज हो गया था। कई समूहों से उसने पांच लाख से भी अधिक कर्ज ले लिया। धंधे के लिए लिया गया पैसा उसने नशेबाजी व परिवार के ऊपर खर्च कर दिया। तगादे के लोग लोग पहुंचने लगे तो उसका शातिर दिमाग चलने लगा। एक दिन उसने एक सीरियल देखा। इसमें एक कातिल किसी की हत्या के बाद खुद को मृत साबित कर दिया। मारा गया व्यक्ति कातिल की कद काठी कातिल से मिल रही थी। इसलिए उसे मृत समझ लिया गया। वास्तव में वह खुद जिंदा था और कुछ दिन लाइफ को एंज्वॉय भी किया। फिरोज ने इस स्टोरी को कर्ज से मुक्ति पाने के लिए आइडिया के तौर पर यूज किया। यह भूल गया कि सीरियल में भी अंतिम पहचान उजागर हो गयी थी। फिरोज का दिमाग चला तो उसने एक ऐसे व्यक्ति की तलाश शुरू कर दी जिससे उसकी कद काठी मेल खाती हो। उसकी यह तलाश 17 अक्टूबर को छिवकी स्थित दारू के ठेके पर खत्म हुई। ठेके पर मिला बिहार स्थित बक्सर के पीपी रोड निवासी सूरज गुप्ता उससे काफी मिलता जुलता था। सूरज गुप्ता को देखकर करछना पचदेवरा निवासी फिरोज अहमद पुत्र दाऊद अहमद अंसारी के दिमाग का शैतान जाग उठा। दोस्त शिवबाबू पासी पुत्र मोती लाल निवासी हिन्दूपुर थाना करछना व समशेर अली पुत्र अजीमुल्ला निवासी पुरैनी थाना करछना के साथ मिलकर शातिर फिरोज ने सूरज को अपनी गिरफ्त में लेने का फुल प्रूफ प्लान तैयार कर लिया।
ठेके पर की थी दोस्ती
ठेके पर ही तीनों सूरज के साथ बातों ही बातों में दोस्ती गांठ लिए। इसके बाद उसे छककर शराब पिलाया और खाना भी खिलाया। इसके बाद फिरोज दोस्तों के साथ मिलकर सूरज गुप्ता को लेकर करछना इलाके में स्थित अनमोल ढाबे के पास पहुंचा। यहां तीनों मिलकर सूरज की बेरहमी से सिर व गुप्तांग काट कर हत्या कर दिए। इसके बाद उसके धड़ को पेट्रोल डालकर जला दिए। सिर को रेलवे ट्रैक के दूसरी तरफ नहर में फेंक दिया। सूरज की नृशंस हत्या के बाद फिरोज व उसके दोस्त वहां से चले गए। सिर काटने व गुप्तांग काटने के पीछे मकसद था कि किसी भी सूरत में सूरज की पहचान न हो सके। शातिर फिरोज जल रही सूरज की बॉडी के पास जानबूझ कर अपना डीएल ड्राइविंग लाइसेंस फेंक दिया था। ताकि लोग यह समझ लें कि मरने वाला व्यक्ति कर्जदार फिरोज ही है। मारे गए सूरज की जगह फिरोज की हत्या समझ उसके द्वारा लिया गया कर्ज भूल जाएंगे। फिरोज का प्लान था कि लोगों की नजरों में खुद को मृत साबित करने के बाद परिवार संग वह कहीं बाहर जाकर जिंदगी बसर करता। यह बातें मंगलवार को ब्लाइंड सूरज मर्डर केस का खुलासा करते हुए एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय व एसपी यमुनापार सौरभ दीक्षित एवं सीओ करछना अजीत सिंह चौहान द्वारा बताई गई। अधिकारियों ने कहा कि कत्ल की यह पूरी हकीकत गिरफ्तार किए गए शातिर अपराधी फिरोज अहमद द्वारा खुद पूछताछ में कबूल की गई हैं। इस घटना में फिरोज की पत्नी को सह अभियुक्त के रूप में जेल भेजा चुका है। उसका शातिर दोस्त समशेर अली 26 अक्टूबर को ही एक अन्य मुकदमे में जेल के अंदर है। दूसरा साथी शिवबाबू पासी भागा हुआ है। वांछित शिवबाबू की तलाश में भी टीमें लगाई गई हैं।

गोली खाकर निकली फिरोज की बोली
मौत के घाट उतारे गए बिहार बक्सर के सूरज गुप्ता की बॉडी मिलने के एक दिन बाद ही पुलिस मुख्य अभियुक्त फिरोज अहमद का पता ढंूढ लिया था।
सूरज की बॉडी के पास मिले फिरोज के डीएल को लेकर पुलिस उसे ही कातिल मानकर चल रही थी।
तीसरे दिन उसकी पत्नी से पूछताछ में फिरोज के खून अलूदा कपड़े व शूज पास के तालाब में मिल गए थे। तभी से पुलिस को फिरोज की शिद्दत से तलाश थी।
एसएसपी ने कहा रात में यमुनापार एसओजी प्रभारी रणजीत सिंह व करछना इंस्पेक्टर विश्वजीत सिंह टीम के साथ हर्रई बेंदो मार्ग पर बैरियर लगाकर चेकिंग कर रहे थे।
इस बीच खबर मिली मिली कि 17 अक्टूबर को हुई सूरज की हत्या में शामिल रहा अभियुक्त स्कूटी से पचदेवरा गांव आने वाला है।
इस सूचना पर सीओ करछना अजीत सिंह चौहान व एसपी यमुनापार सौरभ दीक्षित भी टीम के पास जा पहुंचे। इन अफसरों के नेतृत्व में सभी उसकी रेकी में जुट गए।
फिरोज एसआर डिग्री कॉलेज के आगे पुलिस बैरियर लगाकर चेकिंग शुरू कर दी। यहां बैरियर की ओर स्कूटी से आरहे शख्स को पुलिस रोकने की कोशिश की। इस पर वह पुलिस टीम पर फायर कर दिया।
जवाबी कार्रवाई में घायल होने के बाद वह पकड़ा गया तब उसकी पहचान वांछित फिरोज अहमद के रूप में हुई।
हॉस्पिटल में इलाज के बाद की गई पूछताछ में उसके जरिए सूरज मर्डर केस की पूरी हकीकत बयां की गई। उसके पास से बरामद स्कूटी बगैर नंबर की थी।
फिरोज के पास से पुलिस द्वारा एक तमंचा दो कारतूस व एक खोखा एवं मोबाइल व स्कूटी सब कुछ बरामद किया गया।

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फिरोज पर हैं 26 आपराधिक मुकदमे
मुठभेड़ में गिरफ्तार सूरज मर्डर केस का मुख्य अभियुक्त फिरोज अहमद शातिर किस्म का बड़ा अपराधी है। उसके खिलाफ मीरजापुर व जिले के करछना, नैनी, हंडिया, औद्योगिक क्षेत्र, कीडगंज सहित कई थानों में कुल 26 आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। इसमें फ्राड, लूट व गैंगेस्टर एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम एवं हत्या जैसे मामले हैं। जबकि उसके फरार दोस्त शिवबाबू के खिलाफ अकेले करछना थाने में कुल नौ आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। इनमें सर्वाधिक 307 यानी हत्या के प्रयास के मुकदमें हैं। जबकि समशेर अली के खिलाफ करछना में दो मुकदमा एक हत्या व दूसरा मारपीट एवं छिनैती का केस दर्ज है।

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सिर व दाढ़ी घोटाकर पहनी रुद्राक्ष की माला
मुठभेड़ में गिरफ्तार किया गया अभियुक्त फिरोज अहमद दाढ़ी और बाल का बहुत शौकीन था। मगर प्लान के तहत सीरियल के तर्ज पर सूरज गुप्ता की हत्या के बाद उसे अपना हुलिया बदलकर खुद की पहचान छिपानी थी। लिहाजा वह सिर व दाढ़ी घोटा लिया। सिर व दाढ़ी एवं मूछ घोटाते ही उसका पूरा हुलिया चेंज सा हो गया। पुलिस उसकी पहले और मौजूदा समय की दोनों तस्वीरें जारी की गई है। समाज को गुमराह करने के लिए फिरोज सिर व दाढ़ी एवं मूछ तो घोटाया ही गले में रुद्राक्ष की दो मालाएं भी पहन लिया। ताकि लोग उसे हिन्दू और धार्मिक प्रवृत्ति का समझें और किसी को उस पर कोई शक नहीं हो। इतना कुछ करने के बावजूद वह भूल गया था कि कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं।

यह एक ब्लाइंड मर्डर केस था। इस घटना का एसपी यमुना पार के नेतृत्व वाली टीम ने शानदार खुलासा किया है। मुठभेड़ में गिरफ्तार फिरोज एक शातिर किस्म का अपराधी है। वह टीवी सीरियल देखकर खुद को मृत साबित करके अपनी पहचान छिपाने के लिए सूरज की हत्या किया था। टीम का यह काम सराहनीय है।
शैलेश कुमार पांडेय
एसएसपी प्रयागराज

Posted By: Inextlive