रामलीला का मंचन बेसिकली दो किरदारों के इर्द-गिर्द घूमता है. एक राम और दूसरा रावण. एक अच्छाई का प्रतीक है और दूसरा बुराई है. इसीलिए विजय दशमी के दिन बुराई पर अच्छाई की जीत मनाने के लिए रावण के पुतले का दहन किया जाता है. शहर में रामलीला का आगाज हो चुका है. रावण का किरदार निभाने के लिए आर्टिस्ट सेलेक्ट करने में रामलीला कमेटियों को खासी मेहनत करनी पड़ी. अब जबकि रोल फाइनल हो चुके हैं और आर्टिस्ट अपने कैरेक्टर को दमदार तरीके से प्रस्तुत करने के लिए पसीना बहाना शुरू कर चुके हैं दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने रावण का किरदार निभाने वालों की पर्सनल लाइफ के बारे में जानने की कोशिश की.


प्रयागराज (ब्यूरो)।श्रीकटरा रामलीला कमेटी में रावण की भूमिका इस बार श्वेतांक कुमार मिश्रा निभा रहे हैं। श्वेतांक बताते हैं कि वह पेशे से भी एक्टर हंै। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद 2016 में मुम्बई चले गए। मुंबई में संघर्ष का दौर शुरू हो चुका है। पिछले पांच सालों के दौरान उन्होंने कुछ शार्ट मूवी और कई प्रोडक्शन हाउस के साथ मिलकर काम किया। कुछ नए प्रोजेक्ट पर भी चर्चा चल रही है। उन्होंने बताया कि इंटर के बाद ही उन्होंने प्रतिबिंब गु्रप के साथ थिएटर की शुरुआत की थी। उसी समय रामलीला के मंचन में भी शुरुआत की। श्रीकटरा रामलीला में उन्होंने अभी तक विभिषण और सुमंत की भूमिका निभाई है। रामलीला के लिए वह मुम्बई से आए हैं। रामलीला की समाप्ति के बाद वह फिर से मुम्बई चले जाएगे। उन्होंने बताया कि रामलीला के रिहर्सल के दौरान लाइफ स्टाइल में कई तरह के बदलाव आ जाते है। खासतौर पर रामलीला के मंचन के दौरान रात में होने वाली रिहर्सल का असर डेली रूटीन पर सबसे अधिक पड़ता है। उस समय जिम को छोड़कर अन्य सभी कार्यों को मैनेज करना पड़ता है।

Posted By: Inextlive