उमेश के सामने हुई थी राजू पाल पर फायरिंग
प्रयागराज ब्यूरो । 25 जनवरी 2005 को तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल पर गोलियों की बौछार हुई तब उमेश पाल उनके साथ नहीं थे। इसके बाद भी वह इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी के रूप में सामने आये थे। ऐसा हुआ इसलिए क्योंकि राजू पाल को मौत के घाट उतारने वाले किसी भी कीमत पर कोई रिस्क लेना नहीं चाहते थे। ठीक उसी तरह से जैसे उमेश पाल की मौत हर हाल में सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने उमेश के घर तक पहुंचने में कोई गुरेज नहीं किया। घटनास्थल से गैर मौजूद होने के बाद भी उमेश प्रत्यक्षदर्शी कैसे बन गये? इस सवाल का जवाब मिला कि रामबाग स्थित प्राइवेट अस्पताल में दाखिल कराने तक राजू पाल को मृत घोषित नहीं किया गया था। इस वक्त सूचना पाकर उमेश उनके पास पहुंच गये थे। अस्पताल ले जाते समय भी फायरिंग की गयी थी। इसी से उन्हें इस घटना में प्रत्यक्षदर्शी बनाया गया।
उमेश पाल से कटने लगी थी पूजा
चायल सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचीं विधायक पूजा पाल शुक्रवार को मारे गये उमेश पाल की सीधे रिश्तेदार हैं। उनकी राजू पाल के साथ शादी में उमेश ने महत्वपूर्ण रोल प्ले किया था। इसी के चलते उमेश ने पूजा पाल का साथ कभी नहीं छोड़ा। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के समय पूजा पाल ने अपना ब्यौरा दिया तो पता चला कि उन्होंने दूसरी शादी कर ली है। इसी के बाद उन्होंने उमेश पाल से भी दूरी बनानी शुरू कर दी थी। पूजा पाल की पैरवी से ही राजू पाल हत्याकांड सीबीआई को सौंपने का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और कोर्ट ने जांच सीबीआई को सौंपी। जानकार बताते हैं कि विधायक पूजा पाल को उमेश अपहरण मामले में भी गवाही देनी थी। कई बार गवाही के लिए न आने पर एममी-एमएलए कोर्ट ने उनके खिलाफ वारंट जारी तक कर दिया दिया कहा कि आप कोर्ट में उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराए। सूत्रों की मानें तो पूजा अब अतीक प्रकरण से भी कटने लगी थीं। उधर, उमेश किसी भी कीमत पर झुकने को तैयार नहीं थे।
तो मुस्लिम का आना जाना था उमेश के घर
उमेश की हत्या की सूचना पर चायल विधायक पूजा पाल भी सांत्वना व्यक्त करने के लिए पहुंची थीं। यहां भी रिश्तों में खटास का असर दिखा। वायरल हुए वीडियो में उनकी उमेश के परिवारवालों से हॉट टॉक हो रही है। इसमें वह यहां तक कहते हुए सुनी गईं कि 'मैं तो कह रही थी कि मुस्लिम अपराधी है, उसे अपने घर न आने दो, इसके बाद भी उसे घर में बैठाकर पराठा खिलाया जा रहा थाÓ। पूजा पाल की जुबान से निकले इन शब्दों ने यह संकेत भी दे दिया कि उमेश हत्याकांड की साजिश काफी पहले से रची जा रही थी। उमेश पाल के हत्या की साजिश रचने वालों ने मुस्लिम को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया।