राजूपाल हत्याकांड के बाद बाहुबली अतीक अहमद के सियासी सफर पर लगा था ब्रेक अतीक अहमदाबाद की साबरमती और भाई अशरफ बरेली की जेल में हैं बंदउत्तर प्रदेश में राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में कई लोगों की जान गई इनमें से एक नाम इलाहाबाद शहर पश्चिमी से बसपा विधायक राजू पाल का भी शामिल है. इलाहाबाद अब प्रयागराज में दिनदहाड़े 25 जनवरी 2005 को इलाहाबाद शहर पश्चिमी से बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड ने यूपी की सियासत में हड़कंप मचा दिया था. पांच हथियारबंद बदमाशों ने राजू पाल के काफिले पर अंधाधुंध फायरिंग की थी. राजू पाल और अतीक अहमद में अदावत चल रही थी. इसके पीछे की वजह थी कि जब अतीक अहमद सांसद बना तो शहर पश्चिम की सीट खाली हो गई. उपचुनाव हुआ तो अतीक अहमद के भाई अशरफ को राजू पाल ने चुनाव हरा दिया था. बस यहीं से झगड़े की नींव पड़ी. माना जाता है कि इसी हत्याकांड के बाद बाहुबली अतीक अहमद के सियासी सफर पर ब्रेक लगा दिया था.

प्रयागराज ब्यूरो, साल 2005, तारीख 25 जनवरी। एक दिन बाद देश भर में गणतंत्र दिवस मनाए जाने के चलते पूरा शहर तिरंगे झंडों से पटा पड़ा था। इसी दिन इलाहाबाद शहर पश्चिमी से बसपा विधायक राजू पाल दोपहर तीन बजे के करीब स्वरूप रानी नेहरू हॉस्पिटल से वापस आ रहे थे। राजू पाल अपनी क्वालिस गाड़ी से थे जबकि दूसरी स्कार्पियो गाड़ी में ड्राइवर महेंद्र, ओमप्रकाश के साथ चार अन्य लोग थे। क्वालिस राजूपाल चला रहे थे साथ वाली सीट पर उनके दोस्त की पत्नी रुखसाना बैठी थी, जिन्हें चौफटका के पास से राजू ने गाड़ी में बैठाया था। इसके अलावा राजू के साथ संदीप यादव व देवीलाल भी गाड़ी में पीछे बैठे हुए थे। दोनों गाडिय़ां सुलेमसराय जीटी रोड पर अमितदीप मोटर्स के सामने पहुंची ही थी कि एक गाड़ी राजू पाल की गाड़ी के आगे फिल्मी अंदाज में अचानक सामने आई। गाड़ी से संभलने का मौका मिलता कि सामने का शीशा चीरते हुए एक गोली राजू पाल सीने में जा लगी। एक ही पल में पांच हथियारबंद सामने वाली गाड़ी से बाहर आये और फायरिंग शुरू कर दी। तीन लोग राजू की गाड़ी पर ताबड़तोड़ गोली बरसा रहे थे जबकि दो हमलावर पीछे वाली स्कार्पियो पर फायर झोंक रहे थे।

ऑटो से लाया गया था अस्पताल
धूमनगंज के जीटी रोड पर अमितदीप मोटर्स के पास घटनास्थल पर गोलियों से छलनी क्वालिस और स्कार्पियो गाड़ी से घायलों को बाहर निकाला गया। राजू पाल को ऑटो के जरिए जीवन ज्योति हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इस शूटआउट में संदीप यादव और देवीलाल भी मारे गए थे। दिनदहाड़े हुए इस सनसनीखेज हत्याकांड ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया। हालांकि राजू पाल दो बार पहले भी जानलेवा हमला हो चुका था, लेकिन 25 जनवरी 2005 को राजू पाल की हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड में अतीक अहमद उसका भाई अशरफ मुख्य आरोपी है। जब बॉडी का पोस्टमॉर्टम हुआ तो राजू पाल के शरीर से करीब डेढ़ दर्जन गोलियां निकाली गई।

हत्याकांड के 10 दिन पहले हुई थी शादी
विधायक राजू पाल की नवविवाहिता पत्नी पूजा पाल ने धूमनगंज थाने में तत्कालीन सपा सांसद अतीक अहमद, उनके छोटे भाई अशरफ, करीबियों फरहान, आबिद, रंजीत पाल, गुफरान, समेत नौ लोगों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। बता दें कि हत्या से 10 दिन पहले ही राजू पाल की पूजा से शादी हुई थी। अतीक अहमद तब फूलपुर से सपा सांसद था। अतीक के भाई अशरफ को चार महीने पहले ही अक्टूबर 2004 में हुए शहर पश्चिमी विधानसभा के उपचुनाव में राजू पाल के हाथों हार झेलनी पड़ी थी।


अतीक की अब तक 2 अरब की संपत्ति जब्त
अतीक अहमद इन दिनों अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद है। अतीक के खिलाफ उत्तर प्रदेश में करीब 137 अपराधिक केस दर्ज है। अब तक गैंगस्टर एक्ट के तहत अतीक की तीन अरब से ज्यादा की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। वहीं सरकार और प्रशासन ने उसके अवैध धंधों को बंद करा कर करीब दस अरब रुपये की चोट पहुंचाई है।
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लोगों का मिलता गया साथ
पति के हत्या के बाद पूजा पाल बाद में इसी सीट से 2007 और 2012 में विधायक भी बनीं थी। उन्हें शहर पश्चिमी की जनता का पूरा साथ मिलता गया। पूजा इस बार भी 2022 में कौशांबी की चायल सीट से सपा विधायक है। हालांकि, आज तक इस सनसनीखेज हत्याकांड में फैसला नहीं सुनाया जा सका है। लेकिन इतने लंबे समय के बाद अतीक पर साजिश का आरोप तय होने पर पूजा पाल को सकून जरूर मिला है। अब वह तीन नवंबर पर होने वाली सुनवाई का इंतजार कर रही है।

Posted By: Inextlive