रोजगार की मांग कर रहे छात्रों पर बल प्रयोग व उनके साथ हुई मारपीट से मैं आहत हूं. छात्र आंदोलन की मांग जायज है और सरकार को उसे मानना चाहिए. रेलवे भर्ती में अनियमितता हुई है. केंद्र सरकार ने जो विज्ञान की शर्तों के अनुरूप रेलवे भर्ती बोर्ड काम करता तो आंदोलन नहीं होता. विज्ञापन की शर्तें बीच में नहीं बदली जा सकती. एनटीपीसी की सीबीटी-1 परीक्षा में पदों के सापेक्ष 20 गुना क्वालीफाई कर संशोधित रिजल्ट जारी करके भर्ती शुरू की जाय. यह बातें नैनी सेंट्रल जेल से छूटकर आए युवा मंच के संयोजक राजेश सचान ने प्रेस वार्ता में कही.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। पुलिस के बयान से खुद को दुखी बताते हुए कहा कि मेरा जीवन सामाजिक व राजनीतिक बदलाव को समर्पित रहा है। आजीवन मैं उसके लिए समर्पित भी रहूंगा। पुलिस द्वारा दिए गए सनसनीखेज बयान से लग रहा कि मैं कोई अपराधी या आतंकी हूं। कहा कि मैं इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आइसा कार्यकता था। वहीं से एमए किया और अभी युवा मंच का संयोजक हूं। चार महीनों से युवा मंच द्वारा पत्थर गिरजाघर घरना स्थल पर शांतिपूर्वक रोजगार आंदोलन चलाया है। सचान ने कहा कि 25 जनवरी को वर्चुअल मीटिंग में पीएम से अपील किया था कि रेलवे भर्ती में हो रही अनियमितता दूर कराई जाय। इसमें छात्रों को भड़काने या उकसाने जैसी बात नहीं थी। छोटा बघाड़ा के लॉज में 25 जनवरी को पुलिस द्वारा की गई तोडफ़ोड़ का वीडियो मेरे द्वारा युवा मंच के ट्वीटर से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को ट्वीट किया गया था। इसे पीएमओ, सीएम यूपी व चुनाव आयोग को भी ट्वीट किया था। यही बात शायद पुलिस को नागवार लगी थी। क्योंकि गिरफ्तारी के बाद इसी ट्वीट के बारे में पुलिस मुझसे पूछती रही। इसी तरह उन्होंने अपनी आय व बैंक अकाउंट आदि के बारे में भी जानकारी दी और जेल में बंद छात्र प्रदीप यादव एवं मुकेश यादव की रिहाई की मांग की।

Posted By: Inextlive