बारिश का टोटा, फिर भी बनने लगे बाढ़ के आसार
प्रयागराज (ब्यूरो)। गंगा की अपेक्षा यमुना में जलस्तर बढऩे की रफ्तार तेज है। नदी में पिछले चौबीस घंटे में कुल 25 सेमी जलस्तर बढ़ा है। यानी प्रति घंटे एक सेमी बढ़ोतरी जारी है। बुधवार को गंगा का जलस्तर 77.56 मीटर और यमुना का जलस्तर 74.98 मीटर दर्ज किया गया है। हालांकि वर्तमान जलस्तर खतरे के निशान से काफी नीचे हैं लेकिन रफ्तार यही रही तो अगले दो सप्ताह में बाढ़ का मुंह प्रयागराज को देखना पड़ सकता है। इसी तरह गंगा में भी चौबीस घंटे में 15 सेमी जलस्तर बढ़ा है। एक माह से नही हुई बारिश
प्रयागराज में बारिश की अमूमन 20 जून से शुरुआत मानी जाती है। लेकिन एक माह में एक बार भी बादल मेहरबान नही हुए। इससे जिले में सूखे के आसार बनने लगे हैं। बावजूद इसके नदियों का जलस्तर बढऩा आश्चर्य का सबब बना है। दरअसल मप्र और उत्तराखंड में हो रही जोरदार बारिश का असर जिले में दिख रहा है। इसकी वजह से लगातार कानपुर बैराज से 42 हजार क्यूसेक, नरौरा से 20 हजार क्यूसेक और केन और बेतवा नदी से 70 हजार क्यूसेक पानी का छोड़ा जाना है। इसका असर दोनों नदियों में नजर आ रहा है।तटीय इलाकों पर है नजर
बढ़ते जलस्तर का असर फाफामऊ और रामघाट पर दिखने लगा है। पानी का बहाव तेज हुआ है और घाटों का कटान भी जारी हो गया है। इसके अलावा शहर के तटीय इलाकों में भी प्रशासन ने सतर्कता बढ़ाने को कहा है। तमाम पीपा पुलों को नदियों के बहाव से कोई नुकसान न पहुंचे इसके लिए श्रमिकों को अलग से लगाया गया है। तीर्थ पुरोहित भी अपना सामान समेटकर पीछे हटने लगे हैं। प्रशासन की ओर से बाढ़ कंट्रोल भी चालू किया गय है जिसका नंबर 9450105231 पर काल किया जा सकता है।निचले इलाकों पर नजर रखी जा रही है। अभी दोनों नदिया खतरे के निशान से दूर हैं लेकिन सतर्कता बढ़ाई जा रही है क्योंकि दूसरे प्रदेशों में जोरदार बारिश होने से वहां से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। ब्रजेश कुमार, अधिशासी अभियंता, सिचाई विभाग