2019 में जारी हुआ था विज्ञापन अगस्त 2021 में आयोजित की गई थी परीक्षा पेपर लीक होने का लगा था आरोप आरआरसी ने कारण बताया 'अपरिहार्य

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। पेपर लीक के आरोपों में घिरी रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ (आरआरसी) की जीडीसीई 2019 परीक्षा पांच साल बाद फाइनली रद कर दी गयी है। 2019 में आयी इस वेकेंस में सीबीटी (कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट) कराया गया था। इसमें अभ्यर्थियों को मिले अंकों से संदेश खड़ा हो गया था। तभी आरोप लग गया था कि पेपर लीक हो गया है लेकिन आरआरसी ने ऐसा कुछ होने से इंकार कर दिया था। अब जबकि आरआरसी ने इस परीक्षा को ही रद कर दिया है तब भी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि एग्जैक्ट किस कारण से परीक्षा निरस्त की गयी है। आरआरसी ने अपने डिफेंस के लिए अपरिहार्य प्रशासनिक कारण का सहारा लिया है।

विभागीय प्रमोशन के लिए होती है परीक्षा
जीडीसीई यानी सामान्य विभागीय प्रतियोगी परीक्षा के जरिए भारतीय रेलवे योग्य कर्मचारियों को पदोन्नति और करियर में उन्नति के अवसर प्रदान करता है। आरआरसी की तरफ से आयोजित होने वाली परीक्षा का विज्ञापन वर्ष 2019 में जारी किया गया था। आवेदन के करीब दो साल बाद 2021 में चार से छह अगस्त तक तीन दिन तक सीबीटी (कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट) हुआ। टेस्ट के बाद रिजल्ट घोषित किया गया तो पता चला कि बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को 100 अंकों के पूर्णांक में से 95, 96, 97, 98 और 99 नंबर मिले हैं। टुंडला सेंटर में इस तरह के माक्र्स पाने वालों की संख्या सर्वाधिक रही।

पेपर लीक की शिकायत
माक्र्स का स्टेटस सामने आने के बाद पेपर लीक की शिकायत लेकर अभ्यर्थी कैट और रेलवे बोर्ड पहुंचे। रेलवे यूनियन ने भी मुद्दे को उछाला और सोशल मीडिया पर आरआरसी प्रयागराज की खूब फजीहत हुई। इसके बाद बाद आरआरसी अपने स्टैंड पर काम रहा। 17 मई को आरआरसी के अध्यक्ष ने परीक्षा रद करने की नोटिस जारी की जो अब आरआरसी की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। अभ्यर्थियों ने कहा कि वर्षों लंबी लड़ाई लडऩे के बाद अंतत: जीत हो गई। आज पांच वर्षों बाद हमें न्याय मिला है। सीपीआरओ व आरआरसी के प्रवक्ता हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि परीक्षा की नई तिथि जल्द ही जारी की जाएगी। जो वेबसाइट पर उपलब्ध होगी।

सामने पेपर हल कराया तो 33 नंबर भी नहीं मिले
अभ्यर्थियों का दावा था कि परीक्षा से पहले पेपर लीक किया गया था। जिनके पास पेपर पहुंचा उन्होंने ही 95 से अधिक नंबर प्राप्त किया। विभागीय जांच शुरू हुई तो रेलवे अधिकारियों ने 95 से अधिक नंबर पाने वाले अभ्यर्थियों को बुलाकर उनसे अपने सामने ही पेपर हल कराया। अधिकांश अभ्यर्थी उसी पेपर में 33 नंबर भी नहीं ला सके। अधिकारियों ने परीक्षा रद करने की संस्तुति कर दी थी। लेकिन किरकिरी से बचने के लिए अब फैसला आया है।

Posted By: Inextlive