पहले चरण में शामिल है प्रयागराज, लागू हो गई हालमार्क की अनिवार्यता

जिले में हालमार्किंग नियम लागू होने के बाद केवल सर्राफा व्यापारी नहीं पब्लिक के मन में भी कई सवाल उठने लगे हैं। सबसे बड़ा सवाल उनके घर में रखे सोने को लेकर है। उनका कहना है कि अगर हालमार्क सोना अनिवार्य है तो हमारे सोने को कौन खरीदेगा। इसकी शुद्धता की गारंटी कैसे तय होगी। ऐसे तमाम सवाल लोगों के मन में पनप रहे हैं, जिनका जवाब मिल नहीं पा रहा है। कुल मिलाकर आम जनता इस बदलाव को लेकर असमंजस में है।

हर घर में मौजूद है सोना

सरकार ने 16 जून से हालमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है।

पहले चरण में जिन 256 जिलों को शामिल किया गया है उनमें प्रयागराज सहित यूपी के 19 जिले शामिल हैं।

इन जिलों में अब हालमार्किंग मुहर लगा सोना ही बेचा जाएगा।

सवाल यह उठता है कि जनता के पास जो बिना हालमार्क सोना मौजूद है। उसे वह कहां बेचेगी।

इसकी शुद्धता कौन तय करेगा और इसका असली दाम कैसे मिलेगा।

इन सवालों को लेकर पब्लिक ने अपने सोनार से सवाल करने शुरू कर दिए हैं।

पब्लिक को भी झेलना होगा नुकसान

जानकारों का कहना है कि इस नियम के बाद पब्लिक को भी नुकसान उठाना होगा। मार्केट में बेचने से पहले इस सोने को परखा जाएगा। अगर यह 18 या 22 कैरेट नहीं है तो इसे गलाकर फिर से मानक के अनुरूप बनाया जाएगा। फिर इसकी हालमार्किंग करानी होगी। जिस तरह से लोग सोना खरीदते आ रहे हैं उससे पब्लिक को थोड़ा बहुत नुकसान उठाना पड़ सकता है। जिन लोगों ने पक्की रसीद के साथ गहने खरीदे हैं उनको शायद कम नुकसान उठाना पड़े। क्योंकि सोने की शुद्धता नहीं निकलने पर संबंधित दुकानदार को इसकी भरपाई करनी पड़ेगी।

करा सकते हैं अपने सोने की जांच

पब्लिक की समस्या का हल निकल सकता है। चौक के मीरगंज में खुला जिले का एकमात्र हालमार्क सेंटर में लोग चाहे तो अपने सोने की शुद्धता की जांच करा सकते हैं। उन्हें पता चल जाएगा कि उनका सोना 18 कैरेट या 22 कैरेट। सेंटर के संचालक पवन तिवारी का कहना है कि महज 30 रुपए देकर मशीन से शुद्धता की जांच हो जाएगी। इसके अलावा 350 रुपए देकर लैब में सोने की जांच करा सकते हैं। यह रिपोर्ट तीन से चार घंटे में मिलेगी। इस जांच की वैधानिकता पहली जांच से थोड़ी अधिक होगी।

पहले चरण में यूपी के इन शहरों को किया गया शामिल

आगरा, इलाहाबाद, बरेली, बदायूं, देवरिया, गाजियाबाद, गोरखपुर, जौनपुर, झांसी, मथुरा, कानपुर नगर, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, गौतमबुद्ध नगर, सहारनपुर, शाहजहांपुर और वाराणसी।

अगर हालमार्किंग गहनों की बिक्री अनिवार्य है तो जो सोना पब्लिक के पास है उसका क्या होगा। बहुत से लोगों ने नार्मल जगहों से सोने की खरीद की है।

अनीता टंडन

सरकार को पब्लिक का पक्ष भी साफ करना चाहिए। ऐसा न हो कि पब्लिक अपना सोना बेचने जाए तो दुकानदार यह कहकर वापस कर दे कि यह सोना हालमार्क नहीं है।

राजीव गुप्ता

नए नियम से पब्लिक के दिमाग में भी कई सवाल चल रहे हैं। इनका समाधान जरूरी है। अब पब्लिक को भी अपने सोने की हालमार्किंग करानी पड़ सकती है।

कुंज बिहारी मिश्रा

सर्राफा व्यापारी अभी तक नार्मल सोना बेचते आ रहे थे। लेकिन अब उन्हें हालमार्क ज्वैलरी बेचनी होगी। लेकिन पब्लिक के पास रखे सोने का क्या होगा? इसका जवाब भी हमें चाहिए।

शोभा मेहरोत्रा

हमारे व्यापारी नेताओं की उच्च लेवल पर लगातार सरकार से बात चल रही है। अभी स्थिति क्लीयर होगी तो पता चलेगा कि पब्लिक के लिए क्या नियम हैं। बाजार में सोना बेचने से उनको नुकसान होगा या फायदा।

दिनेश सिंह

अध्यक्ष, प्रयाग सर्राफा व्यापार मंडल

अब पता चलेगा कि पब्लिक के पास जो सोना मौजूद है उसकी असलियत क्या है। क्योंकि पब्लिक को भी अपने सोने को हालमार्क कराना पड़ सकता है। ऐसे अभी तक किए गए व्यापार की असलियत भी सामने आ जाएगी।

महेद्रं गोयल

प्रदेश अध्यक्ष, कैट

Posted By: Inextlive