अब पुलिस की परफॉर्मेंस सिर्फ क्राइम के घटते या बढ़ते आंकड़ों पर नहीं होगा. परफॉर्मेंस जानने के लिए आंकड़ों के पब्लिक पोल भी कराया जाएगा. पब्लिक पोल में जनता बताएगी कि जिले की पुलिसिंग कैसी है. आईजीआरएस पोर्टल से लेकर अन्य माध्यमों से शिकायत के निस्तारण की सिचुएशन. समस्याओं के निस्तारण से पब्लिक संतुष्ट है या नहीं इससे यह बात भी पता चल जाएगी. मतलब यह कि सिर्फ क्राइम डाटा के बेस पर अफसर अपने जिले की पुलिसिंग को बेस्ट नहीं बता सकेंगे. व्यवस्था अमल में आने के बाद सफल हुई तो इसका पब्लिक को बड़ा लाभ मिलेगा.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। आईजीआरएस पोर्टल पर जो भी शिकायतें दर्ज होती हैं। उसके निस्तारण होने पर पब्लिक की ओपीनियन भी दर्ज की जाती है। ओपीनियन से यह पता चलता है कि फरियादी या लोग संतुष्ट हैं या नहीं हैं। जिसका डाटा जोन कार्यालय में आता है। एडीजी उस डाटा को हर महीने निकलवा कर देखेंगे। इस ओपीनियन डाटा से यह कंफर्म हो जाएगा कि किस जिले की पुलिस के काम से पब्लिक संतुष्ट है। शिकायतों के निस्तारण में जिस जिले की पब्लिक ज्यादा खुश व संतुष्ट रहेगी उसी के आधार पर उस जनपदों की ग्रेडिंग फस्ट व सेकंड के बढ़ते क्रम में की जाएगी। जैसे यदि किसी जिले में संतुष्ट रहने वालों की संख्या 10 या 20 प्रतिशत है तो उस जनपद को 100 में 10 से 20 अंक ही मिलेंगे।

पोल ऑन ट्विटर एण्ड फेसबुक
फेस बुक व ट््वीटर जैसे माध्यमों से भी पुलिसिंग को लेकर पब्लिक की राय जानी जाएगी। प्लान के मुताबिक एडीजी जोन व पुलिस के हैंडल पर पोल का आप्शन दिया जाएगा। इसमें लोग अपनी स्वेच्छा से एक्सीलेंट, गुड या ऐवरेज के ऑप्शन को चुन सकेंगे। पब्लिक द्वारा दी जाने वाली इस राय की मॉनीटरिंग सीधे एडीजी द्वारा की जाएगी। इस पोल में शामिल होने वालों का नाम व एड्रेस गोपनीय रखा जाएगा। ऐसा हर महीने में एक हफ्ते तक चलेगा। इस एक हफ्ते के अंत में जो भी औसत आएगा वही उस जिले के नंबर का आधार होगा। जैसे किसी जिले की 70 प्रतिशत पब्लिक संतुष्ट मिलेगी तो उस जनपद को 70 नंबर दिए जाएंगे।

फरियादियों के पास कॉल
सभी थानों में दर्ज एफआईआर व एनसीआर के फरियादियों को फोन कर फीडबैक लिया जाएगा। यह जानने की कोशिश की जाएगी कि थाने पर रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई से वह कितने संतुष्ट हैं। थाने पर पुलिस का विहैव कैसा था और क्या कार्रवाई हुई? इस तरह एडीजी को पता चल जाएगा कि पब्लिक किस जिले की पुलिंसिंग से कितने प्रतिशत और क्यों संतुष्ट है।

डॉयल 112 का रिस्पांस टाइम
क्विक एक्शन के लिए सभी जिलों में डॉयल 112 की गाडिय़ां भी संचालित हैं। पीआरवी 112 के रिस्पांस टाइम को लेकर भी पब्लिक की ओपीनियन परखी जाएगी। पीडि़त के द्वारा किए गए कॉल के बाद आटोमेटिक सिस्टम में रेस्पांस टाइम भी अंकित होता है। इस रिस्पांस टाइम की भी समीक्षा की जाएगी। इसी रिस्पांस टाइम के आधार पर ही पीआरवी की ग्रेडिंग की जाएगी। प्राप्त स्थिति के आधार पर जनपदों की ग्रेडिंग करते हुए सुधार के निर्देश एडीजी द्वारा सभी जनपदों के एसएसपी व एसपी को दिए जाएंगे। रूटीन मार्केट में गश्त व वाहन चेकिंग को लेकर खुद एक्टिव रहने वाले एडीजी जोन मातहतों के कार्यों की जानकारी पब्लिक से जुटाएंगे। जनपद निरीक्षण के दौरान वह खुद पब्लिक से रूबरू होकर पुलिसिंग के बारे में लोगों से सवार करेंगे। हालांकि वह इस तरह पब्लिक से सीधे बात करने व औचक निरीक्षण आए दिन करते रहते हैं। लेकिन इसे उनके द्वारा रूटीन में लाया जाएगा। प्राप्त सिचुएशन के आधार पर वह सम्बंधित जिले की पुलिस गश्त और वाहन चेकिंग को दुरुस्त करने का काम करेंगे।

पुलिसिंग को और बेस्ट बनाने में एवं पब्लिक के बीच काम की स्थिति को जानने के लिए प्लान तैयार किया जा रहा है। जल्द ही यह सिस्टम जोन स्तर पर चालू किया जाएगा। पब्लिक पोल से जनपद वार पुलिसिंग की स्थिति पता चल सकेगी।
प्रेम प्रकाश, एडीजी जोन प्रयागराज

Posted By: Inextlive