मेले में इस्लामिक साहित्य बांटने वालों की जांच शुरू
सरगना महमूद हसन गाजी के इस्लामिक कंट्री में कई संदिग्ध लोगों से हैं कनेक्शन, निकाली गई सीडीआर से सामने आई बात
अबूधावी, जद्दा के आधा दर्जन लोगों से होती थी महमूद की बात अभी और कॉल डिटेल निकालेंगी जांच एजेंसिया
प्रयागराज (ब्यूरो)। अभी तक प्राप्त सीडीआर से पुलिस को पता चला है कि उसके सम्बंध विदेश में रहने वाले एक दर्जन से भी अधिक संदिग्ध लोगों से हैं। इन विदेशियों से महमूद की अक्सर बातें भी सामने आई हैं। इसी के साथ महमूद सहित गिरफ्तार उसके दोनों गुर्गों के बैंक अकाउंट को भी दिन भर खंगाला गया। इस तफ्तीश में जांच अधिकारियों का पता चला है कि सरगना महमूद सहित उसके गुर्गों के खाते में भी विदेशी रुपये आया करते थे। यह बात सामने आते ही अब एटीएस पूरे प्रकरण की गहराई से जड़ खोदने में जुट गई है। इतनी बातें तो सिर्फ कुछ ही कंपनियों की कॉल डिटेल में सामने आई है। अभी उन लोगों की भी कॉल डिटेल जांच एजेंसियों निकालेंगी जो विदेश में रहकर इन शातिरों को रुपए भेजा करते थे।
तीनों शातिरों के बैंक अकाउंट की होगी जांच
सरगना महमूद हसन गांजी पूरामुफ्ती के मरियाडीह स्थित इस्लामिया हिमदादिया मदरसा में शिक्षक और बदमे पैगामे बहदानियत संस्था का अध्यक्ष भी है। उसका गुर्गा मो। मोनिश (एसआइओ) स्टूडेंट इस्लामिक आर्गनाइजेशन पूर्वी उत्तर प्रदेश का जोनल सचिव है। इसके अंडर में करीब 24 जिले आते हैं। यह बातें मंगलवार को प्रकरण का खुलासा करते हुए डीसीपी क्राइम द्वारा बताई गई थीं। दारागंज थाने में दर्ज हुए इस प्रकरण की जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है हर कदम पर नई बातें सामने आ रही हैं। फतेहपुर जिले के थाना हुसैनगंज स्थित मातीनपुर निवासी महमूद के कनेक्शन कहां तक हैं इस बात का पता लगाने में जांच एजेंसियां एड़ी से चोटी का जोर लगा दी हैं।
करीब दस लोग थे नेटवर्क में
सूत्र बताते हैं कि बुधवार को निकाली गई महमूद के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल से पता चला है कि उसके नेटवर्क में जिले के करीब दस लोग थे। यह सभी भी महमूद के बैंक अकाउंट में रुपये भेजा करते थे। सीडीआर से प्रकाश में आए इस्लामिक कंट्री के आधा दर्जन से अधिक लोग भी उसे रुपये भेजा करते थे। ऐसी स्थिति में अब जांच एजेंसियां महमूद सहित उसके गिरफ्तार किए गए दोनों गुर्गे मो। मोनिश उर्फ आशीष कुमार गुप्ता निवासी सुदरनीपुर कला कहनुमानगंज थाना सरायनायत व समीर उर्फ नरेश कुमार सरोज निवासी छोटा लालापुर चायल थाना पिपरी कौशाम्बी के बैंक अकाउंट की भी पुलिस पड़ताल करेगी। मंगलवार को पुलिस द्वारा बताया गया था कि आशीष कुमार गुप्ता व नरेश सरोज महमूद के टच में आने के बाद मुस्लिम धर्म को अपनाया था। मो। मोनिश (एसआइओ) स्टूडेंट इस्लामिक आर्गनाइजेश पूर्वी उत्तर प्रदेश का जोनल सचिव है। इसके अंडर में करीब 24 जिले आते हैं। जांच एजेंशियों को शक है कि इसके पीछे इस्लामिक कंट्री की एक सुनियोजित साजिश है। माघ मेला में बांटी जा रही इस्लामिक किताबें छपवाई गई थीं। जिसमें हिन्दू ग्रंथों के श्लोक का अर्थ तोड़ मरोड़ कर गलत अर्थ और इस्लाम धर्म से कमतर बताया गया था। माना जा रहा है कि इसके पीछे हिन्दु युवाओं का ब्रेन वाश करके इस्लाम धर्म की ओर प्रेरित करने व उन्हें मुस्लिम बनाने की साजिश है।
हिंदू धर्म छोड़ अपनाया था इस्लाम
पूछताछ करने वाले अफसरों ने बताया कि करीब दो साल पहले सरगना महमूद की मुलाकात हिंदू से मुस्लिम धर्म अपनाने वाले आशीष व नरेश से हुई थी।
उन्हें मोटिवेट करके प्रति माह पांच-पांच हजार रुपये देकर ठेले पर मुस्लिम धर्म की धार्मिक साहित्य किताबें बंटवाया करता था।
माघ मेला से पहले सरगना के कहने पर वह दोनों युवक मंदिरों और ङ्क्षहदू धर्म के दूसरे उपासना स्थलों पर ठेला लगाकर उन किताबों के साथ मुस्लिम धर्म से जुड़े पंफ
लेट भी बांटा करते थे।
यह पूरा मामला उस वक्त सामने आया जब सोमवार को एक व्यक्ति द्वारा माघ मेला में मुस्लिम धर्म की किताबें मुफ्त में बांटे जाने की जानकारी पुलिस को दी गई।
माघ मेला क्षेत्र में मुस्लिम धर्म की किताब बांटे जाने की खबर सुनते ही पुलिस हरकत में आ गई।
पुलिस द्वारा पहले मेला क्षेत्र में इन किताबों को बांट रहे मो। मोनिश उर्फ आशीष गुप्ता फिरसमीर उर्फ नरेश कुमार सरोज को गिरफ्तार किया गया।
इन दोनों के द्वारा सरगना महमूद हसन गाजी का नाम प्रकाश आने पर पुलिस उसे भी दबोच ली।
इन तीनों के खिलाफ शहर के दारागंज थाने में मुकदमा अपराध संख्या 10/2023 धारा 153ए, 295ए, 419, 420, 468, 471, 505-टू भादवि व 3/5 उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म सम्परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 के तहत केस दर्ज किया गया है।
अफसरों ने बताया कि पूछताछ में यह भी मालूम चला कि आशीष ने दो साल पहले ङ्क्षहदू धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म अपनाया था।
इसके पूर्व उसका फूफा सुभाष भी मुस्लिम धर्म अपनाकर सईद अहमद बन गया था। वहीं, 12 साल पहले नरेश इस्लाम धर्म स्वीकार करके मुस्लिम युवती से निकाह किया था।
इन दोनों युवकों के पुलिस द्वारा बरामद किए गए आधार कार्ड भी ङ्क्षहदू और मुस्लिम नाम से बने हैं।
सतीश चंद्र, डीसीपी क्राइम