सवारी बैठाने को लेकर प्राइवेट वाहन चालक भिड़े, महिला से छेड़छाड़
प्रयागराज (ब्यूरो)। यह सभी को मालूम है कि नियमानुसार रोडवेज बस स्टैंड से एक किलीमीटर के दायरे में कोई निजी वाहन न तो खड़ा हो सकता है और न ही सवारी बैठा सकता है। इसके बावजूद बस स्टैंड से चंद कदम की दूर व बाहर से सुबह से लेकर रात तक सौ से अधिक बस व कार संचालित होती है। सूत्रों की मानें तो यह सब पुलिस, रोडवेज और आरटीओ प्रवर्तन की शह पर होता है और बाकायदा वाहन स्वामियों से लाखों रुपये की वसूली हर माह की जाती है। जहां से लखनऊ, वाराणसी, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़ सहित कई शहर के लिए संचालित होती है। यही नहीं अग्निशमन विभाग, सिविल पुलिस और घुड़सवार पुलिस के कई जवान हैं, जिनकी गाडिय़ां यहां से चलती हैं। फिक्स है सुविधा शुल्क का रेट
इस एरिया से संचालित होने वाली डग्गामारी वाहनों के बारे में बताया जाता है कि गाडिय़ां चलाने के प्रति चक्कर सौ से तीन सौ रुपये तक एक वाहन स्वामी को देना पड़ता है। वसूली का जिम्मा किसी बबलू, चौहान नाम व्यक्ति और रिटायर सिपाही राजेंद्र को दिया गया है। यह ही नहीं जिस महिला ने मारपीट व छेड़खानी का आरोप लगाते हुये थाने में तहरीर दी है। उसकी डग्गामारी एरिया में दुकान है और उसका बेटा वाराणसी के लिए कार चलाता है। सिविल लाइंस इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि तहरीर मिली है जांच कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।