प्रिंटिंग प्रेस सेव रखेंगे एक साल की फुटेज
प्रयागराज (ब्यूरो)। भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक की घटनाओं को पूरी तरह से रोकने के लिए प्रिंटिंग प्रेस में प्रश्नपुस्तिका की छपाई से लेकर उसे परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने की पूरी प्रक्रिया वीडियोग्राफी के दायरे में होगी। हर चरण के लिए अलग-अलग अधिकारियों की जवाबदेही तय की गई है। प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के लिए प्रिंटिंग प्रेस को सीसीटीवी कैमरों से युक्त करना होगा। प्रिंटिंग एरिया में स्मार्टफोन ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा। साथ ही फुटेज को न्यूनतम एक वर्ष तक सुरक्षित रखना होगा। प्रिंटिंग प्रेस से कोषागार तक प्रश्नपत्र लाने की प्रक्रिया सर्विलांस के अधीन होगी। कोषागार के जिस क्षेत्र में उत्तरपुस्तिका के बंडल रखे जाएंगे, वह क्षेत्र सीसीटीवी की निगरानी में होगा।
प्रेस से पेपर लीक होने के संकेत
पेपर लीक की घटनाओं में कई बार प्रिंटिंग प्रेस की भूमिका भी सामने आ चुकी है। ऐसे में प्रश्नपत्र की छपाई को पूरी तरह सुरक्षित बनाने और परीक्षा केंद्र पर साल्वर गैंग से निपटने के लिए शासन ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत हर पाली के लिए दो या अधिक प्रश्नपत्रों के सेट तैयार होंगे। हर सेट में कम से कम आठ सीरीज के प्रश्नपत्र तैयार किए जाएंगे और हर सीरीज के प्रश्न पुस्तिका पर प्रश्न अलग-अलग क्रमांक पर होंगे। हर सेट अलग-अलग प्रेस में छपवाए जाएंगे। यदि प्रश्नपत्र के तीन सेट बनेंगे तो ये तीन अलग-अलग प्रिंटिंग प्रेस पर छपवाने होंगे।
चयनित प्रिंटिंग प्रेस के प्रिंटिंग एरिया के चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे और सुरक्षा एजेंसियों के मांगने पर रिकार्डिंग उपलब्ध करानी होगी। भर्ती आयोग के परीक्षा नियंत्रक को प्रिंटिंग प्रेस में प्रश्नपत्र की सुरक्षा को लेकर जवाबदेह बनाया गया है। प्रेस में छपाई के बाद प्रश्नपत्र कोषागार में सीसीटीवी सर्विलांस में रखे जाएंगे। परीक्षा के दिन कोषागार से प्रश्नपत्र और ओएमआर शीट परीक्षा केंद्र ले जाने और वापस लाने की वीडियोग्राफी सेक्टर मजिस्ट्रेट कराएंगे। प्रश्न पुस्तिका और ओएमआर शीट को स्टैटिक मजिस्ट्रेट, क्रेंद्र सुपरवाइजर, सह केंद्र सुपरवाइजर और केंद्र व्यवस्थापक के समक्ष 45 मिनट पहले खोला जाएगा और इसकी वीडियो रिकार्डिंग कर सुरक्षित रखा जाएगा।
चेक करेेंगे सीसीटीवी बंद तो नहीं
परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी की निगरानी में परीक्षा होगी। परीक्षा संपन्न होने के बाद परीक्षा की सीसीटीवी रिकार्डिंग का डाटा प्राप्त कर आयोग को अपने पास सुरक्षित रखना होगा। चयन आयोग और बोर्ड स्तर पर कंट्रोल रूम से पर्यवेक्षण अधिकारी के नेतृत्व में सीसीटीवी लाइव स्ट्रीमिंग की निगरानी होगी। सेक्टर और स्टैटिक मजिस्ट्रेट को परीक्षा केंद्रों पर घूम-घूम कर यह देखना होगा कि सीसीटीवी बंद तो नहीं है।
एआइ फेस मैचिंग साफ्टवेयर की मदद से धरे जाएंगे साल्वर
भर्ती परीक्षाओं में साल्वर गैंग की सेंधमारी रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का प्रयोग होगा। थंब इंप्रेशन, आइरिस कैप्चर के साथ अभ्यर्थियों के सत्यापन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित फेस मैचिंग साफ्टवेयर का उपयोग भी किया जाएगी। कई स्तर पर अलग-अलग तकनीकों के प्रयोग से साल्वर गैंग पर नकेल कसी जा सकेगी। ाासन की ओर से जारी दिशानिर्देशों के आधार पर प्रयोग के तौर पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने एपीएस भर्ती परीक्षा में एआइ सत्यापन शुरू कर दिया है। साथ ही अगस्त से दिसंबर तक होने वाली 12 भर्ती परीक्षाओं में फेस मैचिंग जैसी तकनीक का उपयोग करने की तैयारी है। आयोग आइरिस कैप्चर की व्यवस्था शुरू करने के साथ ही फेस मैचिंग साफ्टवेयर का भी प्रयोग करेगा। अभ्यर्थी के संदिग्ध प्रतीत होने पर फेस मैचिंग साफ्टवेयर में मौजूद पंजीकृत अभ्यर्थी के फोटो और साफ्टवेयर की मदद से संदिग्ध की फोटो लेकर मिलान किया जाएगा। शासन ने भर्ती परीक्षाओं में शामिल अभ्यर्थियों की जांच में एआइ का प्रयोग करने के निर्देश के तहत आगामी पुलिस भर्ती परीक्षा में सत्यापन के लिए एआइ आधारित तकनीकों का प्रयोग किया जाना है। इसके तहत संदिग्ध या सभी परीक्षार्थी का आधार कार्ड से उसके बायोमीट्रिक डाटा का मिलान होगा।