मुनाफाखोरों की वजह से महंगे बने हैं सब्जियों के दाममुंडेरा मंडी में कम है रेट फुटकर में मची है लूटकोई मानक नही है निर्धारित लुट रही है जनताशहर में लोग सब्जियों की बढ़ती कीमत से परेशान हैं. हाल यह है कि जेबें खाली करने के बाद भी झोला भरकर सब्जी नही मिल रही है. फुटकर मंडियों में ठंड का सीजन शुरू होने के बावजूद दामों में कोई लचीलापन नही दिख रहा है. फुटकर दुकानदारों की माने तो थोक बाजार में सब्जी कीमत ज्यादा है इसलिए उन्हें महंगी बेचनी पड़ रही है. लेकिन गुरुवार को जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने क्रास चेक किया तो हकीकत कुछ और थी. थोक मंडी में सब्जियों की कीमत से दो से तीन गुने अधिक रेट फुटकर मंडियों में वसूले जा रहे हैं.


प्रयागराज (ब्यूरो)। मुंडेरा थोक सब्जी मंडी में सब्जियों के दाम तेजी से नीचे गिर रहे हैं। लेकिन इसका असर फुटकर मार्केट में नही दिख रहा है। शहर में तमाम जगहों पर लगने वाली सब्जियों की दुकानों पर दाम आसमान छू रहे हैं। आढ़तियों का कहना है कि यह सब मुनाफाखोरी की वजह से है। व्यापारी थोक मंडी से माल लेकर फुटकर में जाते हैं और कुछ किमी दूरी तय करने के बाद कीमत दो से तीन गुना तक बढ़ा देते हैं। लगभग यह रेट शहर की सभी फुटकर मंडियों में होता है जिसकी वजह से लोग महंगाई को कोसने लगते हैं।


केवल टमाटर है महंगा, बाकी सब सस्ता

थोक मंडी में गुरुवार को केवल टमाटर महंगा था। बाकी सब्जियों के दाम काफी कम हो गए थे। थोक में टमाटर का रेट 50 रुपए किलो था। आढ़तियों ने बताया कि बारिश की वजह से लोकल टमाटर खराब हो गया है। इसलिए छत्तीसगढ़, नासिक और बंग्लुरु से टमाटर का आयात हो रहा है। यही कारण है कि टमाटर के दाम कम नही हो रहे हैं। फुटकर मंडी में यही टमाटर 80 रुपए प्रति किलो मिल रहा है। इस तरह से आती है महंगाईसब्जी मुंडेरा मंडी का रेट (रुपए प्रति किलो) फुटकर मार्केट का रेट


टमाटर 50 80मटर 70 140आलू 20 25प्याज 15 35

कद्दू 12 30गाजर 16 60बैंगन 12 40भिंडी 18 40परवल 40 100
सिंघाड़ा 13 30शिमला मिर्च 25 80करेला 30 40गोभी 8 रुपए पीस 35पत्ता गोभी 10 रुपए पीस 25
मूली 10 20हर जगह हावी है मुनाफाखोरीआढ़तियों का कहना है कि बमुश्किल एक माह के भीतर टमाटर के दाम कम हो जाएंगे। दो दिन पहले भी टमाटर के रेट कम हुए थे लेकिन इसका असर फुटकर मंडियों में नजर नही आया। मुनाफाखोरों द्वारा तय किए गए दाम को पूरे शहर की फुटकर मंडियां फालो करती हैं। यही कारण है कि शहर में साल के बारह महीने सब्जियों का रेट औसत से अधिक रहता है। प्रशासन द्वारा इन पर लगाम लगाने के लिए ठोस कदम नही उठाए जाते हैं।फलों के दाम में भी लगी है आगएक ओर सब्जी की कीमत में महंगाई ने आग लगाई है तो दूसरी ओर फलों की मार्केट भी सहालग के चलते काफी महंगी होती जा रही है। बुधवार को सेब के रेट बीस रुपए अधिक हो गए। इसी तरह अनार और अंगूर के दामों में भी बढ़ोतरी हुई है। दुकानदारों का कहना है कि सहालग शुरू होते ही व्यापारियों ने दाम बढ़ा दिए हैं। जिसका असर फुटकर मंडी में दिख रहा है।फल रेट (रुपए प्रति किलो)सेब 120संतरा 70अंगूर 200पपीता 50अनार 150अमरूद 40कीवी 25 रुपए पीसचीकू 150शरीफा 100केला 50 रुपए दर्जनरामफल 200मडी में टमाटर छोड़कर बाकी सब्जियां सस्ती हो गई हैं। लेकिन फुटकर मंडियों में मुनाफाखोरी की वजह से दाम कम नही हो रहे हैं। आने वाले समय सब्जियों के दाम और कम होंगे। मुनाफाखोरी रही तो जनता को इसका लाभ भी शायद ही मिले।सतीश कुशवाहा, अध्यक्ष, मुंडेरा सब्जी मंडीसहालग आते ही फलों के दाम बढ़ रहे हैं। थोक में फल महंगे मिलने लगे हैं। इसलिए हमें भी दाम बढ़ाने पड़े हैं। डिमांड बढऩे पर दाम और बढ़ सकते हैं।विपिन कुमार, फल व्यापारी

Posted By: Inextlive