- जांच में स्मार्ट मीटर में पाई गई कई खामियां- शासन स्तर पर मीटर लगाने वाली कंपनियों को भेजा गया नोटिस

प्रयागराज ब्यूरो । आपके घर में लगा स्मार्ट मीटर कहीं आपको ही चीट तो नहीं कर रहा है? आपको नहीं पता तो इसकी खोजबीन कीजिए। क्योंकि शासन स्तर पर तकनीकी जांच में बिजली के स्मार्ट प्रीपेड मीटर फेल पाए गए हैं। इसके लिए मीटर लगाने वाली तीन कंपनियों के सीईओ को नोटिस भेजा गया है। बता दें कि इस समय यूपी के तमाम शहरों में लाखों की संख्या में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं और आए दिन इनकी बिलिंग को लेकर विभागीय अधिकारियों को शिकायत प्राप्त हो रही है।
क्या है मामला?
उप्र पावर कारपोरेशन की जांच में विभिन्न कंपनियों द्वारा लगाए गए प्री स्मार्ट मीटर में कई खामियां पाई गई हैं। इस मामले में कारपोरेशन के निदेशक कामर्शियल निधि कुमार नारंग ने मीटर निर्माता कंपनियों के सीईओ को नोटिस जारी कर शिकायत दूर करने को कहा है। यूपी में जीएमआर, पोलरिस, इनटैली मीटर्स और जीनस कंपनी को प्रीपेड मीटर का काम मिला है। इनमें से दो कंपनियों के सीईओ को नोटिस भेजा गया है। फिलहाल मीटरों की जांच जारी है। आगे और भी समस्या सामने आ सकती है।
किस तरह की खामियां आई हैं सामने
शासन स्तर पर जांच में स्मार्ट प्रीपेड मीटर्स में कई खामियां सामने आई हैं। जिसमें सबसे अहम गलत मीटर रीडिंग, भार और टाइमिंग शामिल हैं। इससे ग्राहकों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। प्रयागराज में भी स्मार्ट मीटर को लेकर अधिकारियों को शिकायत मिल रही थीं। पूरे प्रदेश मे यही हाल होने पर शासन स्तर पर जांच कराई गई, जिसके बाद यह परिणाम सामने आया है। हालांकि शासन की इस कार्रवई का स्थानीय अधिकारियों को अधिक जानकारी नही है। वह इस मामले में शासन से होने वाले पत्राचार की बात कर रहे हैं।
संदेह में एक लाख मीटर
इसी साल जून में बिजली विभाग ने बिल संबंधी समस्याओं और वसूली से छुटकारा पाने के लिए सर्किल एक के तीन डिविजनों नैनी, करेलाबाग और कल्याणी देवी में 53 हजार प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू किया था जो तेजी से पूर्णता की ओर है। इसके अलावा इन डिवीजनों मे पहले से 47 हजार प्री पेड स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। इसके अलावा रामबाग, बमरौली, टैगोर टाउन और म्योहाल में भी जल्द ही यह सुविधा उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है।
ये हैं स्मार्ट मीटर के फायदे
- स्मार्ट मीटर लगाने से उपभोक्ताओं को गलत मीटर रीडिंग और बिलिंंग से छुटकारा मिलता है1
- उपभोक्ता अपने मोबाइल ऐप के के जरिए बिली की खपत और बिल की जानकारी हासिल कर सकते हैं।
- स्मार्ट मीटर को उपभोक्ता खुद रिचार्ज कर सकते हैं।
- बिजली चोरी के मामले काफी हद तक कम हो सकते हैं।
- घर में लगा कौन सा उपकरण कितनी बिजली यूज कर रहा हे इसकी जानकारी प्रीपेड स्मार्ट मीटर से मिल सकती है।


अभी मैं एक पर्सनल समस्या से परेशान हूं। इस मामले की जानकारी नही है। पता करने के बाद आपको इस बारे में बता दूंगा।
पीके सिंह, चीफ इंजीनियर, बिजली विभाग प्रयागराज

Posted By: Inextlive