एक और वर्ल्ड रिकार्ड का हिस्सा बनेगा प्रयागराज
प्रयागराज के खाते में अब तक के वर्ल्ड रिकार्ड
- कुंभ के दौरान एक साथ सबसे ज्यादा शटल बसों को चलाने का - सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान में भी बना है वर्ल्ड रिकार्ड - सार्वजनिक स्थलों का सबसे बड़ा पेंटिंग अभ्यास का रिकॉर्ड भी है शामिल - परेड मैदान में सात घंटे में 66 हजार पौधे बांटने का विश्व कीíतमान भी बन चुका है। - 4272 बच्चों ने लार्जेस्ट साइंस प्रैक्टिकल सेशन करके वर्ल्ड रिकार्ड बनाया था। - सिटी में अब तक बन चुके हैं पांच वर्ल्ड रिकार्ड prayagraj@inext.co.inPRAYAGRAJ: संगम की रेती पर पिछले दो सालों से वर्ल्ड रिकार्ड बनाने की होड़ लग गई है। 2019 में कुंभ मेले के दौरान डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन व यूपी गर्वनमेंट के सहयोग से कुल चार रिकार्ड बने। इसके बाद सिटी के स्कूलों ने बच्चों के साथ मिलकर वर्ल्ड रिकार्ड बनाया। जिसमें 4272 बच्चों ने लार्जेस्ट साइंस प्रैक्टिकल सेशन करके वर्ल्ड रिकार्ड बनाया था। इसके बाद अब फिर से एक नए वर्ल्ड रिकार्ड का हिस्सेदार बनने के लिए प्रयागराज तैयार है। इस बार बनने वाले वर्ल्ड रिकार्ड में भी सिटी के विभिन्न स्कूलों के बच्चें प्रतिभाग करेंगे। इस बार वर्ल्ड रिकार्ड सैल्युट मुद्रा में वंदे मातरम् के प्रथम छंद को गाने का है। जिसका वीडियो बनाकर उसे अपलोड करके गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल कराया जाएगा। ये आयोजन अपने आप में अनोखा होगा।
4 फरवरी को दोपहर 12 बजे बनेगा रिकार्ड सूबे में मनाए जा रहे चौरी चौरा शताब्दी वर्ष के अवसर पर सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय की ओर से इस वर्ल्ड रिकार्ड को बनाने की तैयारी है। जिसमें विभिन्न स्कूलों, डिग्री कालेज व अन्य संस्थानों में चयनित बच्चे एक साथ सैल्युट की मुद्रा में खड़े होकर वंदेमातरम् का पहला छंद गाएगे। इसको रिकार्ड करके तत्काल गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की ओर से जारी लिंक पर अपलोड करना होगा। इस के लिए सभी जिलों के डीआईओएस को निर्देश दिया गया है। प्रयागराज में भी डीआईओएस ने सभी स्कूलों में आयोजन में शामिल होने के लिए तैयारी शुरू करने का निर्देश दिया है। जिससे एक बार फिर से प्रयागराज नए वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल हो सके। शासन की गाइड लाइन के अनुसार सभी शैक्षणिक संस्थाओं को तैयारी के लिए निर्देश जारी कर दिया गया है। आर एन विश्वकर्मा, डीआईओएस, प्रयागराज