सेमेस्टर एग्जाम से बदलनी पड़ जाएगी तैयारी की स्ट्रैटजी
सीबीएसई के बोर्ड एग्जाम फॉर्मूले पर स्कूलों ने शुरू की तैयारी
10वीं और 12वीं के बच्चों को मंथली एग्जाम से किया जाएगा तैयार prayagraj@inext.co.in PRAYAGRAJ: सीबीएसई ने प्रजेंट में चल रहे सेशन की बोर्ड परीक्षाओं के पैटर्न में बदलाव करने की घोषणा कर दी है। जिसके हिसाब से इस बार बोर्ड परीक्षा दो टर्म में आयोजित की जाएगी। बोर्ड की तरफ से परीक्षाओं को दो टर्म में कराने के फैसले के बाद स्कूलों ने भी अपने यहां सिलेबस को उसी प्रकार से पूरा कराने और पढ़ाई के साथ ही स्टूडेंट्स की तैयारी कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए स्कूलों ने अपनी तरफ से स्ट्रैटिजी पर प्लानिंग भी शुरू कर दी है। जिससे बोर्ड परीक्षा के हिसाब से स्टूडेंट्स की तैयारी करायी जा सके। पूरे कोर्स पर होनी है बोर्ड परीक्षा1. कोरोना महामारी को देखते हुए लास्ट इयर बोर्ड की ओर से सिलेबस में 30 प्रतिशत की कटौती की गई थी। ऐसे में स्टूडेंट्स के लिए साल भर में 70 प्रतिशत ही कोर्स पूरा करना था।
2. लेकिन इस सेशन में ऐसा कुछ भी बोर्ड की ओर से नहीं किया गया है। यहीं कारण है कि इस बार बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स को पूरा कोर्स पढ़ना होगा और उसी के हिसाब से परीक्षाएं देनी होगी। स्कूल उसी हिसाब से प्लानिंग कर रहे हैं।
3. स्कूल के प्रिंसिपलों ने बताया कि बोर्ड की ओर से दो टर्म में बोर्ड परीक्षा कराने की घोषणा की गई है। लेकिन अभी तक इसको लेकर गाइड लाइन नहीं जारी की गई है। ऐसे में स्कूल अपनी स्ट्रैटिजी पर वर्क कर रहे हैं लेकिन गाइड लाइन का भी इंतजार कर रहे है। 4. गाइड लाइन आने के बाद ही क्लीयर हो सकेगा कि बोर्ड की ओर से होने वाले फस्ट टर्म में कहां तक का सिलेबस लिया जाएगा और सेकेंड टर्म में कितना सिलेबस होगा। टर्म के हिसाब से बेटर प्रीप्रेशन पर रहेगा फोकस सिटी के विभिन्न स्कूलों के प्रिंसिपलों ने बताया कि स्कूल इस बार टर्म के हिसाब से बेटर प्रीप्रेशन पर फोकस करेंगे। स्टूडेंट्स को भी उसी प्रकार से मोटिवेट किया जाएगा। वैसे भी पहले से ही स्कूल टर्म के हिसाब से तैयारियां कराते थे। लेकिन बोर्ड परीक्षा की तैयारियां स्कूल की परीक्षाओं से काफी अलग होगी। बोर्ड की ओर से गाइड लाइन आने के बाद पहले टर्म में पढ़ाए जाने वाले सिलेबस को ही पूरा कराकर उसकी तैयारियां पहले करायी जाएगी। स्टूडेंट्स को जज करना होगा आसानप्रिंसिपल का कहना है कि लास्ट इयर बोर्ड का सिलेबस कम होने के बाद भी परीक्षाएं नहीं हो सकी। ऐसे में उन्हें जज करने में काफी दिक्कत आ रही थी। लेकिन दो टर्म में परीक्षाएं कराने की व्यवस्था से सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि अगर कोरोना का कोई दूसरा वैरियंट आता है, और मार्च -अप्रैल में होने वाले सेकेंड टर्म की बोर्ड परीक्षा नहीं हो पाती है। तो भी बोर्ड और स्कूलों के पास आप्शन होगा कि फस्ट टर्म के हिसाब से स्टूडेंट्स को आसानी से जज किया जा सके। इससे रिजल्ट तैयार करने में भी काफी सुविधा होगी। ऐसे में स्टूडेंट्स को भी इस बात का अहसास कराना होगा कि पहले टर्म में होने वाली परीक्षा में वह अपना बेस्ट परफार्मेस दे।
इस बार पूरा सिलेबस स्टूडेंट्स को पढ़ना है। दो टर्म में होने वाली बोर्ड परीक्षा को देखते हुए स्ट्रैटजी चेंज करना स्कूलों की मजबूरी है। सुष्मिता कानूनगो प्रिंसिपल एमपीवीएम बोर्ड की ओर से गाइडलाइन आने का इंतजार है। तैयारियां स्कूल लेवल पर शुरू हो गई है। गाइडलाइन आने से काफी चीजें क्लीयर हो जाएगी। अल्पना डे प्रिंसिपल, गंगागुरुकुलमइस बार की परिस्थितियां अलग हैं। उसके हिसाब से तैयारियां करायी जा रही है। जिससे दो टर्म में होने वाली बोर्ड परीक्षा में स्टूडेंट्स अपना बेस्ट दे सकें।
जया सिंह प्रिंसिपल, डीपी पब्लिक स्कूल