महंगा दर्द दे रहे हैं डैमेज ब्रेकर
जगह-जगह धंस गई हैं सड़कें, चौराहों पर बनाए गए ब्रेकर की दिखने लगी सरिया
पीडब्लूडी पर सड़कों व पीडीए पर है ब्रेकर मेंटिनेंस की जिम्मेदारीPRAYAGRAJ: हल्की सी बारिश क्या हुई, सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता की हकीकत खुलकर सामने आ गई। सिटी में पानी से कहीं रोड़ धंस गई तो किसी जगह हादसे को दावत देने वाले गड्ढे हो गए हैं। कई चौराहों पर बनाए गए ब्रेकर की सरिया तक दिखाई देने लगी है। मतलब यह कि जिंदगी के लिए यह सड़कें डेंजर साबित हो रही हैं। जगह-जगह जर्क रीढ़ की हड्डियों में दर्द का कारण बन गया है। इस बदतर स्थिति का ठीकरा लोग पीडब्लूडी व पीडीए पर फोड़ रहे हैं। क्योंकि यही वह दो विभाग हैं, जिनपर इन सड़कों व चौराहों के ब्रेकर को दुरुस्त करने की जिम्मेदारी है। प्रति दिन इन विभागों के अफसर व कर्मचारी भी इन्हीं सड़कों से आते और जाते हैं। बावजूद इसके इन्हें पब्लिक की यह बड़ी समस्या नजर नहीं आ रही।
हादसों को दावत दे रहीं यह सड़केंवर्ष 2019 कुंभ के पहले शहर की सड़कों का चौड़ीकरण एवं निर्माण हुआ था। सरकार करोड़ों रुपये इस काम के लिए विभाग को दी। जानकार बताते हैं कि उस वक्त निर्माण के लिए कुछ रणनीति तय हुई थी। प्लान के तहत सिटी की मुख्य सड़कें पीडब्लूडी बनाए गए। मगर, चौराहों पर बनाया जाने वाला ब्रेकर पीडीए बनाएगा और वही मेंटिनेंस भी करेगा। रणनीति के तहत तूफानी गति से निर्माण कार्य शुरू हुआ। चूंकि कुंभ के पहले काम पूरा करना था। लिहाजा दोनों विभाग दिन रात लगकर किसी तरह काम को पूरा दिए। लकदक सड़कें व चौराहे तैयार हो गए। कुंभ पूरा हुआ। बारिश में सड़कों की जमीन जगह-जगह बैठने लगीं। जिम्मेदार विभाग सड़कों व चौराहों के ब्रेकर पर मरहम पट्टी करके दुरुस्त कर दिया। इधर बीच हुई बारिश में फिर सड़कों के निर्माण गुणवक्ता की हकीकत लोगों के सामने आ गई। कहीं पर सड़क धंस गई तो किसी जगह धंसने के कारण हादसे को दावत देने वाले गड्ढे हो गए हैं। चौराहों पर बनाए गए ब्रेकर भी डैमेज हैं। कई जगह तो इस ब्रेकर की सरिया तक बाहर आ गई है। इससे कभी भी इन गड्ढों व खतरनाक हुए ब्रेकर की वजह से बड़े हादसे हो सकते हैं।
जानिए कहां पर है क्या स्थिति सिविल लाइंस से लखनऊ रूट पर म्योराबाद चौराहे के पास सड़क धंस गई है और गड्ढे भी हो गए हैंधंसी हुई सड़क व गड्ढे की गिट्टियां ऐसे दिख रहीं मानों उसे बिछा कर विभाग ने छोड़ दिया हो
इस सड़क पर जगह-जगह सीवर के लिए लगाए गए ढक्कर भी गड्ढों का रूप ले चुके हैं
रसूलाबाद संगम वाटिका बाउंड्री के सामने और चिन्मय स्कूल के पास सड़क बारिश के पानी से धंस गई है एक दो लोगों के इस गड्ढे में गिर कर चोटिल होने के बाद लोग टीन और लकडि़यां गड्ढे के पास रख दिए हैं एल्गिन रोड सिविल लाइंस हनुमान मंदिर के पहले पेट्रोल पंप चौराहे पर बनाए गए ब्रेकर की सरिया बाहर आ गई है ब्रेकर के ठीक बगल सड़क पर नाली नुमा गड्ढा है जो आते जाते वाहन संग शरीर की हड्डियों को भी झकझोर देता है सुभाष चौराहे से हॉटस्टफ चौराहा रोड शुरू होते ही बनाए गए ब्रेकर की स्थिति खराब हो गई है यह स्थान और हालात तो महज एक उदाहरण हैं, ऐसे ही स्थिति कई चौराहों और सड़कों का है कमर में दर्द दे रहीं सड़कें व ब्रेकरसड़कों पर गड्ढे व चौराहों पर ब्रेकर की यह स्थिति लोगों के लिए कई मुसीबतें एक साथ क्रिएट कर रही हैं। इनकी वजह से गाडि़यों में लगने वाले झटके से लोगों के कमर की हड्डियों में पेन उत्पन्न हो रहा है। बाइक चालकों के कमर में यह जर्क और ब्रेकर ज्यादा ही पेन बढ़ा रहा है। इनकी वजह से गाडि़यों के टायर घिस रहे वह अलग। बाइक व कार मैकेनिक की मानें तो गड्ढों और की वजह से गाडि़यों में ईधन भी ज्यादा लगता है।