बजट पेश होने के दौरान सिटी के आईसीएआई के मेंबर्स ने दी मिली-जुली प्रतिक्रिया

सीनियर सिटीजन के 'वैक्सीनेशन' का स्वागत किया

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PRAYAGRAJ: फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीता रमण ने सोमवार को साल का बजट पेश किया। इस दौरान बजट के प्रमुख बिन्दुओं को लेकर सिटी में आईसीएआई के एक्सप‌र्ट्स के बीच बजट को लेकर मिला-जुला असर देखने को मिला। बजट पेश किए जाने के बाद उसके प्रमुख बिन्दुओं पर आईसीएआई के मेंबर्स ने चर्चा करते हुए बजट को पिछले साल की तर्ज का ही बताया।

एक्सप‌र्ट्स के मुताबिक मिडिल क्लास के लिए बजट में निराशा दिखी। आईसीएआई मेंबर्स के बीच परिचर्चा के दौरान यह बात छनकर सामने आई कि इस बार फाइनेंस मिनिस्टर की ओर से मिडिल क्लास के लिए कोई भी आर्थिक 'डोज' तैयार नहीं किया गया। खासतौर पर मिडिल क्लास को जिस प्रकार की टैक्स स्लैब बढ़ने की उम्मीद थी। बजट में उनको निराशा ही हाथ लगी। वहीं नए उद्योगों को इम्यूनिटी और आर्थिक सुधारों में गति के साथ बूस्ट करने का वादा किया।

चर्चा करते हुए सीए इंस्टीट्यूट की चेयरपर्सन सीए दिव्या चंद्रा ने कहा कि सैलरीड क्लास कहें या फिर आम आदमी जिसकी कोरोना काल में नौकरी की सैलरी कट गई या फिर जॉब चली गई। सब मायूस हुए। कोरोना काल में उनके लिए इस बजट में कोई खास वैक्सीन तैयार नहीं की गई। जिससे वे इससे लड़ सके.ु दूसरे एक्सपर्ट ने कहा कि इस बार का बजट पिछले साल की तरह ही है। बजट में देश को आर्थिक शक्तिशाली बनाने के लिए सेबी अधिनियम, सरकारी प्रतिभूति अधिनियम को एक साथ लाने का प्रस्ताव दिया गया है। जो कि इम्यूनिटी बूस्ट का काम करेगा। कोविड वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़ की घोषणा पर सभी ने स्वागत किया। कहा कि राष्ट्र की प्रगतिशील वृद्धि को देखते हुए सरकार की ओर से न्यू हेल्थ स्कीम के लिए 64,180 करोड़, कोविड वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़, कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए रु 5.54 लाख करोड़ आवंटित किए गए। वाहन स्क्रैपिंग नीति के तहत व्यक्तिगत वाहन के मामले में 20 साल बाद और व्यावसायिक वाहनों के मामले में 15 साल बाद वाहन फिटनेस टेस्ट का प्रावधान किया गया है। इससे लोगों को राहत मिलेगी। 75 साल से अधिक उम्र के सीनियर सिटीजन जिनकी केवल पेंशन एवं ब्याज आय का श्रोत है। उनके लिए आयकर रिटर्न फाइलिंग की बाध्यता खत्म कर देने की घोषणा पर तमाम सीए ने समर्थन किया। उन्होंने कहा कि बुजुर्गो को अब इसके लिए बैंकों का चक्कर नहीं काटना होगा। कहा कि कोरोना काल में सीनियर सिटीजन का ख्याल रखते हुए उनका 'वैक्सीनेसन' कर दिया गया है। वहीं आयकर की दरों एवं निवेश की सीमा वर्तमान में 6 वर्षो से मूल्यांकन को फिर से खोलने की समय सीमा घटाकर 3 साल करने पर सरकार को धन्यवाद किया। बजट में किफायती घरों पर अतिरिक्त कटौती का भुगतान 31 मार्च 2022 तक बढ़ाने की घोषणा पर एक्सपर्ट ने सरकार की तारीफ की। फेसलेस आईटीएटी सेंटर स्थापना पर विशेषज्ञों ने कहा कि इससे भ्रष्टाचार मिटेगा और मामलों का तेजी से निपटान संभव होगा। बताया कि 5 से 10 करोड़ तक डिजिटल लेनदेन टैक्स ऑडिट कराने के अनिवार्यता से लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।

चर्चा के दौरान सीए दिव्या चंद्रा ने कहा की बजट जारी होने के बाद सभी प्रस्तावों का ठीक से विश्लेषण किया जा सकता है। देश के विकास के लिए शासन और वित्तीय समावेशन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शासन स्वच्छ और भ्रष्टाचार मुक्त होना चाहिए। प्रत्येक नागरिक पर भरोसा करना, जिसमें आकांक्षी युवा, किसान, वरिष्ठ नागरिक और कड़ी मेहनत करने वाली महिलाएं को बजट का आधार बनाया गया है । इस बजट से उम्मीदें अधिक हैं कि सरकार कोविड -19 महामारी और लॉकडाउन प्रतिबंधों से प्रभावित बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, कृषि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, एमएसएमई क्षेत्रों पर ध्यान केंद्गित करके आíथक पुनरुद्धार को बढ़ावा देगी।

सड़क मंत्रालय के लिए 1.18 लाख करोड़ ,1.10 लाख करोड़ रेलवे को आवंटित किए जाने, बीमा अधिनियम में संशोधन का एफडीआई को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने के प्रस्ताव पर आईसीएआई सचिव सीए अतुल मिश्रा ने कहा कि इससे आर्थिक सुधारों को गति मिलेगी। वहीं बैंकों के जमाकर्ताओं की सुविधा के लिए डिपॉजिट बीमा कवर (डीआईसीजीसी अधिनियम 1961) में संशोधन किया जाना है। 95 प्रतिशत बैंकिंग लेनदेन के लिए कर टैक्स ऑडिट की सीमा बढ़ाकर ़10 करोड़ करने पर एक्सपर्ट ने क्रांतिकारी कदम उठाया। एलआईसी का आईपीओ, कंपनियों की घोषणा विनिवेश वित्त वर्ष 2021-22 में पूरा होने, 50 लाख तक की संदिग्ध आय पर आयकर की चोरी के मामलों को 6 साल के बजाय केवल 3 साल में ही फिर से खोलने से सरकार को फायदा होगा।

- सीधे शब्दों में कहे तो मिडिल क्लास के लिए इस बजट में कोई खास व्यवस्था नहीं है। कोविड 19 के कारण मिडिल क्लास को काफी उम्मीदें थी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं दिखा।

शिव कुमार जायसवाल

- सर्विस क्लास के लिए टैक्स स्लैब में पुरानी व्यवस्था ही लागू की गई है। ऐसे में इस बार के बजट में नया ज्यादा देखने को नहीं मिला।

सुधीर कुमार शुक्ला

- सीनियर सिटीजन को थोड़ी रिलीफ मिली है। लेकिन अभी तक अनुमान के हिसाब ने महंगाई बढ़ने की पूरी संभावना है।

विनय गोयल

- हेल्थ और इंफ्रास्ट्रक्चर में इस बजट में ज्यादा फोकस किया गया है। जिससे आम लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी।

अजय अग्रवाल

- बजट से उम्मीदें अधिक हैं। महामारी और लॉकडाउन प्रतिबंधों से प्रभावित बुनियादी ढांचे, हेल्थ, कृषि, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, एमएसएमई क्षेत्रों पर ध्यान केंद्गित करके आíथक पुनरुद्धार को बढ़ावा देगी।

दिव्या चन्द्र, चेयरपर्सन

- सरकार के नए बजट से साफ दिखता है, कि उनका पूरा फोकस प्राइवेटाइजेशन की तरफ है। बीमा आदि में एफडीआई का प्रतिशत बढ़ाना इसी ओर संकेत करता है।

अतुल मिश्र सेकेट्री

- बजट को काफी हद तक चुनावी बजट कहा जा सकता है। क्योकि जिन राज्यों में आने वाले दिनों में इलेक्शन है। वहां पर ज्यादा फोकस किया गया है।

गौरव अग्रवाल

Posted By: Inextlive