'स्लीपरसेल' के लिए सेफ डेस्टिनेशन है प्रयागराज
आतंकी संगठनो के स्लीपर सेल के लिए सेफ डेस्टिनेशन है प्रयागराज
कई घटनाओं में स्लीपर सेल का नाम आ चुका है सामने, एक मामले में सजा भी हो चुकी prayagraj@inext.co.in PRAYAGRAJ: लखनऊ में पिछले दिनों आतंकियों के पकड़े जाने के बाद से ही उनकी मदद करने वाले स्लीपरसेल की तलाश में एटीएस की टीमें दबिश दे रही है। एटीएस की टीमों ने प्रदेश के कई जिलों में छापेमारी की। सूत्रों का कहना है कि नए कांटेस्ट में भी प्रयागराज में स्लीपरसेल के एक्टिव होने का कनेक्शन जुड़ा है। अलग बात है कि जांच टीम अभी इस प्वाइंट की गहराई तक नहीं पहुंच पायी है। इसके चलते कोई सीधी कार्रवाई अब तक नहीं हुई है। वाराणसी में आतंकी घटना के आरोपी की हुई थी गिरफ्तारीवाराणसी में 7 मार्च 2006 को संकटमोचन, दशाश्वमेधघाट और कैंट रेलवे स्टेशन पर हुए सीरियल बम ब्लास्ट के तार प्रयागराज से सीधे तौर पर जुडे थे। उन बम ब्लाट में करीब 18 लोगों की मौत हुई थी और करीब 35 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। आतंकी घटना की जांच में जुटी एजेंसियों ने 5 अप्रैल 2006 को प्रयागराज के फूलपुर तहसील स्थित एक गांव के मदरसे के टीचर रहे वली उल्लाह को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी लखनऊ के गोसाईगंज इलाके से दिखाई थी। पुलिस ने वलीउल्लाह के पास से एक एके-47 राइफल और आरडीएक्स भी बरामद किया था। पुलिस ने बताया था कि वलीउल्लाह वाराणसी बम धमाके का मास्टरमाइंड है। साथ ही आतंकवादी संगठन हूजी से जुड़े होने का भी उस पर आरोप लगा था। वर्तमान में वली उल्लाह गाजियाबाद जेल में सजा काट रहा है।
कई आतंकियों ने बनाया था ठिकानावाराणसी आतंकी हमले के मास्टर माइंड वलीउल्लाह की गिरफ्तारी के बाद से ही प्रयागराज में आतंकियों और उनके स्लीपरसेल के मौजूद होने की पुष्टि हो गयी थी। हूजी से ही जुडे़ आतंकी शमीम के भी प्रयागराज में छिपे रहने की बात सामने आने के बाद एटीएस व जांच एजेंसियों ने कई बार प्रयागराज में छापेमारी की थी। दो साल पहले भी लखनऊ में पकड़े गए आईएसआई एजेंट जमालुद्दीन की गिरफ्तारी के बाद प्रयागराज से उसका कनेक्शन सामने आया था। जांच के दौरान आईएसआई के एजेंट जमालुद्दीन एक महीने तक यहां प्रयागराज में मौजूद रहने की पुष्टि हुई। जांच के दौरान खुफिया एजेंसियों व एटीएस की टीम को पता चला कि जमालुद्दीन प्रयागराज के शाहगंज थाना क्षेत्र में स्थित एक होटल में रूका था। इस दौरान वह लगातार सभी एक्टिविटी व वीआईपी मूवमेंट को वाच करता रहा और उसकी सूचनाएं अपने आकाओं को पहुंचाता रहा।
सुरक्षा एजेंसियां कर रही हैं निगरानी प्रयागराज में रूकने के दौरान उसने यहां पर कई लोगों से संपर्क किया। लेकिन तब तक किसी को इस बात की भनक भी नहीं लगी थी। लखनऊ में पकड़े जाने के बाद उसने पूछताछ में बताया कि वह राजस्थान से आया था। इंटेलिजेंस ब्यूरो को मिले दस्तावेजों के हिसाब से वह एमपी, झारखंड, वाराणसी में भी काफी समय तक होटल में रूक कर रेकी करता रहा। इस दौरान वह आईएसआई एजेंट से मिलने के लिए एक बार साउथ अफ्रीका भी गया था। जमालुद्दीन की गिरफ्तारी के बाद एटीएस की टीम ने राजस्थान से उसके भाई खालिद को भी गिरफ्तार किया था। उसके बाद से लगातार सुरक्षा एजेंसियां प्रयागराज और उसके आस-पास के एरिया में स्लीपरसेल पर निगरानी रखे हुए है।