सेफ जोन से बाहर आया प्रयागराज
प्रयागराज ब्यूरो । लंबे समय से ग्रीन जोन में रहने के बाद अब प्रयागराज भी यलो जोन में आ गया है। यानी, एयर पाल्यूशन का लेवल धीरे धीरे शहर को अपनी आगोश में लेने लगा है। इसका असर मंगलवार को साफ दिखा जब झूंसी, तेलियरगंज और नगर निगम में प्रदूषण विभाग की ओर से लगाई गई एयर पाल्यूशन मानीटरिंग मशीन ने एयर क्वालिटी इंडेक्स के जरिए इसकी जानकारी दी। जानकारों की माने तो जैसे जैसे ठंड बढ़ेगी, धूल के कणों की वजह से धुंध की समस्या बढ़ती जाएगी।
कहां कितना रहा एक्यूआई
लंबे समय बाद शहर के तीनों एरिया ग्रीन जोन से बाहर नजर आए। इनका एयर क्वालिटी इंडेक्स यलो जोन में रिकार्ड किया गया। झूुंसी में ११५, तेलियरगंज में ११५ और नगर निगम और आसपास के एरिया में एक्यूआई १२४ रिकार्ड किया गया है। बता दें कि १०० से अधिक एक्यूआई होने की स्थिति को माडरेट कहा जाता है। इसमें सांस और हार्ट के रोगियों को दिक्कत हो सकती है। जबकि स्वस्थ लोग हल्की खांसी या एलर्जी का शिकार हो सकते हैं। अभी बढ़ सकती है समस्या
ठंड के मौसम में धूल, धुएं के कणों से स्मोक बनना आम बात है। लेकिन जब अधिक धूल होती है तो एक्यूआई लेवल में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है। चूंकि प्रयागराज में इस समय महाकुंभ की तैयारियों को लेकर जगह जगह डेलवपमेंट वर्क चल रहा है और ऐसे में सड़क खोदाई से उडऩे वाली धूल इस स्मोक को बढ़ा सकती है। हवा में अधिक सांद्रता होने से लोगों को सांस लेना मुश्किल होने लगता है। मंगलवार की शाम अधिक स्मोक होने से विजिबिलिटी का लेवल भी कमजोर नजर आया। इन चीजों को कर सकते हैं फालो- सांस और हार्ट के रोगी मास्क यूज कर सकते हैं- अधिक सुबह और देर शाम घर से जरूरी हो तो बाहर निकलें- टायर, कूड़ा और पालिथिन जलाने से बचें- सांस में लेने में परेशानी है तो डॉक्टर की सलाह ले सकते हैंजैसे जैसे ठंड में इजाफा होगा वैसे वैसे हवा में स्मोक बढ़ेगी। शहर में उड़ रही धूल और धुएं से सांद्रता बढ़ेगी, जिससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। खासकर दमा के मरीजों को एलर्ट रहना होगा। हो सके तो घर से बाहर निकलते समय मास्क का यूज कर सकते हैं। डॉ। आशुतोष गुप्ता, श्वास रोग विशेषज्ञ